सोमवार, 16 जुलाई 2018

बारिश का मजा दोगुना कर देगी ये रेसिपी

आलू चाट




सामग्री

उबले आलू- 3 कटे हुए
टमाटर- 1 (बारीक कटा हुआ)
हरा धनिया-  बारीक कटा 
सेव- 2 टेबल स्पून
तेल- 1 टेबल स्पून
धनिया पाउडर- आधा छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर- एक चौथहि छोटी चम्मच से कम
अदरक- आधा इंच बारीक कटा हुआ
हरी मिर्च- 1 बारीक कटी
नमक- स्वाद अनुसार
भुना जीरा पाउडर- आधा छोटी चम्मच
चाट मसाला- एक चौथहि छोटी चम्मच
काला नमक- एक चौथहि चम्मच से कम
हरे धनिया की चटनी- 2 छोटी चम्मच
मीठी चटनी- 2 छोटी चम्मच

विधि 

 आलू चाट बनाने के लिए सबसे पहले  गरम पैन में तेल डाल दीजिए। तेल के गरम होते ही, पैन में बारीक कटा अदरक तथा हरी मिर्च़ डाल दीजिए और हल्का सा भून लीजिए। फिर, इसमें धनिया पाउडर डालकर जरा सा भून लीजिए।
इसके बाद, टमाटर, नमक, काला नमक, लाल मिर्च पाउडर और आलू मसाले में मिक्स करते हुए डालिए। साथ ही भुना जीरा पाउडर, चाट मसाला, हरे धनिये की चटनी और मीठी चटनी भी डाल दीजिए। सारी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलने तक मिक्स कर लीजिए और गैस बंद कर दीजिए।
फिर, इसमें बारीक कटा हरा धनिया डालिए और मिला दीजिए। चाट बनकर तैयार है, इसके ऊपर थोड़ा सा हरा धनिया और सेव डालकर गार्निश कर दीजिए।

Friendship Day

Friendship Day


हमारे जीवन में मूल्यवान भूमिका निभाने व मित्रों को ध्यान में रखते हुए इसे मित्रों और दोस्ती के लिए समर्पित दिन माना जाता था। 1 9 35 में संयुक्त राज्य कांग्रेस ने अगस्त के पहले रविवार को राष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में घोषित किया। तब से, राष्ट्रीय मैत्री दिवस का जश्न वार्षिक आयोजन बन गया। दोस्ती के सुंदर रिश्ते को सम्मानित करने का महान विचार लोगों के साथ अपनाया गया और जल्द ही मैत्री दिवस एक बेहद लोकप्रिय त्यौहार बन गया।
अमेरिका में मैत्री दिवस की लोकप्रियता और सफलता के बाद, कई अन्य देशों ने दोस्तों को एक दिन समर्पित करने की परंपरा को अपनाया। आज, मैत्री दिवस भारत सहित कई देशों द्वारा उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।



1.ए सुदामा
मुझे भी सिखा दें
कोई हुनर तेरे जैसा,
मुझे भी मिल जायेगा
फिर कोई दोस्त कृष्ण जैसा।

2.दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई! मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!

3.दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!

4.मैं भूला नहीं हूँ किसी को, मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में,
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है 2 वक़्त की रोटी कमाने में.