मंगलवार, 31 मई 2016

Interesting Facts About India | भारत के बारे मे रोचक तथय

भारत के बारे मे रोचक तथय 



भारत विश्वका सबसे बड़ा लोकत्रंत देश है

विश्व में सबसे ज्यादा शाकाहारी भारत में है

१८९६ से पहले विसव में हीरा सिर्फ़ भारत में पाए जाते थे

योग का जन्म भारत में हुआ था

भारत में पहला रॉकेट साईकिल पर ले जाया गया था

सुनय और दशमलव की खोज भारत में हुयी थी

शतरंज की खोज भारत में हुयी थी

भारत ने कभी किसी दूसरे देश पर शाषन नहीं किया |

शक्कर निर्माण की तकनीक सबसे पहले भारत में हुयी थी |

चार धर्मो हिन्दू ,बौद्ध ,जैन और सिख धर्म का जन्म भारत में हुआ था जो विश्व की 25 प्रतिशत आबादी है |

चीन और अमेरिका के बाद भारतीय सेना सबसे सक्रिय सेना है |

भारत में अंग्रेजी बोलने वालो की जनसंख्या विश्व में सबसे ज्यादा है |

विश्व के 70 प्रतिशत मसालों का उत्पादन भारत में होता है जिसे पुरे विश्व में निर्यात किया जाता है |

कुम्भ मेले की भीड़ को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है जिसमे 7 करोड़ से भी ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठे होते है | कुम्भ मेले की भीड़ को विश्व की सबसे बड़ा जनसमूह माना जाता है |


विश्व में सबसे ज्यादा डाकघर भारत में है जिनकी संख्या 1, 54,882 है

2014 चुनाव में भारत के 54 करोड़ लोगो ने मतदान किया था जो कि अमेरिका ,इंग्लैंड , जापान और ऑस्ट्रेलिया इन सबकी जनसंख्या को मिला देने पर भी ज्यादा है |

विश्व में सबसे उचा क्रिकेट का मैदान चैल ,हिमाचल प्रदेश में है जो समुद्र तल से 2444 मीटर की उचाई पर है | इसका निर्माण 1893 में हुआ था लेकिन वर्तमान में इसे एक मिलिट्री स्कूल में तब्दील कर दिया गया है |

Kitchen Tips - किचन टिप्स -2

किचन टिप्स -2



दाल को कीड़ो से बचाने के लिए अंडी के तेल (Castor oil) की कुछ बुँदे डाल दे, इससे दाल ख़राब नहीं होंगी।

साबुत दालों को जल्दी गलाने के लिए उन्हें बनाते समय साबुत सुपारी के कुछ टुकड़े डाल दे, इससे दाल जल्दी बन जाएगी।

यदि आप रात को छोला या राजमा भिगोना भूल गए हो तो उबलते पानी में चना या राजमा को भिगोए। इसे आप एक घंटे के बाद पका सकती हैं।

हरी सब्ज़ी पकाते समय उसमें चुटकीभर शक्कर डालें, इससे पकने के बाद भी सब्जी का रंग हरा ही रहता है.

अगर आलू के चिप्स बना रही हैं. तो आलू को काटकर क़रीब आधे घंटे के लिए ठंडे पानी में छोड़ दें, फिर डीप फ्राई करें. चिप्स क्रिस्पी बनेंगे.

अगर अंडा टूट गया हो, तो पानी में 1 टीस्पून विनेगर डालकर अंडा उबालें, उसका लिक्विड बाहर नहीं आएगा.

उबले अंडे को थोड़ी देर ठंडे पानी में रखें, इससे छिलका आसानी से उतर जाएगा.

फ्रिज की बदबू हटाने के लिए उसमे नींबू काटकर रख दें।

चीनी में चीटीं न हो इसलिए उसमे लौंग डाल दें।

सोमवार, 30 मई 2016

Indian Air Force | भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना का गठन ब्रिटिश कालिन भारत में रॉयल एयरफोर्स के एक सहायक हवाई दल के रुप में किया गया था।इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था भारतीय वायुसेना (Air Force) स्कीन कमेटी (Skeen Committee) द्वारा १९२६ ई. में की गई सिफारिश के आधार पर १ अप्रैल १९३३ में भातीय वायुसेना का गठन किया गया। कुछ वापिटि (Wapiti) विमानों, क्रानवेल (Cranwel) प्रशिक्षित कुछ उड़ाकों तथा वायुसैनिकों (airmen) के छोटे से दल से इस सेना ने कार्यारंभ किया।
आज़ादी के पश्च्यात भारत दो भागों, भारत संघ व डोमिनियन ऑफ़ पाकिस्तान, में बांट दिया गया। भौगोलिक विभाजन के बाद वायुसेना भी दोनो देशों में बांट दी गई। भारत कि वायुसेना का नाम रॉयल इंडियन एयरफोर्स ही रहा पर दस में से तीन स्कवॉड्रन और कार्यालय जो पाकिस्तान में चले गए थे वह रॉयल पाकिस्तान एयरफोर्स में शामिल कर लिए गए।[11] रॉयल इंडियन एयरफोर्स का चिन्ह एक अंतरिम 'चक्र' अशोक चक्र से व्युत्पन्न चिन्ह से बदल गया था।
संगठन
भारतीय वायुसेना का प्रमुख अधिकारी चीफ ऑफ एअर स्टाफ (Chief of Air Staff) कहलाता है और इसका पद चीफ एअर मार्शल (Air Marshal) का होता है। वायुसेना का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है, जिसके द्वारा संपूर्ण संगठन पर नियंत्रण रखा जाता है। चीफ ऑफ एअर स्टाफ की सहायता के लिए एअर मार्शल तथा वाइस एअर मार्शल (Vice Air Marshal), या एअर कमोडोर (Air Commodor) पद के मुख्य चार स्टाफ अफसर (staff officers) होते हैं। ये ही वायुसेना की प्रमुख शाखाओं पर नियंत्रण रखते हैं।

सक्रिय                          -  ८ अक्टूबर १९३२ 
 वर्तमान राष्ट्र                  -  भारत
विस्तार                            -  १,५०,००० सक्रिय सैनिक १,३०० विमान
का प्रतिनिधित्व करता है    -   रक्षा मंत्रालय,भारतीय सशस्त्र सेना
मुख्यालय                       -  नई दिल्ली, भारत
आदर्श वाक्य                     -  नभःस्पृशं दीप्तम्[2]
रंग                              -   गहरा नीला, हलका नीला और सफेद
वर्षगाँठ                            - वायु दिवस: ८ अक्टूबर[3]


सेनापति

चीफ ऑव एअर स्टाफ           -           एयर चीफ मार्शल अरुप राहा
प्रसिद्ध
सेनापति                              -          वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह 

वायुसेना का मुख्यालय निम्नलिखित चार मुख्य शाखाओं में विभक्त है :


(१) एअर स्टाफ (Air Staff) शाखा,

(२) प्रशासनिक शाखा,

(३) अनुरक्षण (Maintenance) शाखा तथा

(४) कार्यनीति एवं योजना (Policy and Plans) शाखा।


एअर स्टाफ शाखा
इस शाखा के अंतर्गत निम्नलिखित निदेशालय हैं : सिगनल, प्रशिक्षण (Training), प्रासूचना (Intelligence), मौसम विज्ञान और सहायक एवं रिजर्व (Auxiliary and Reserve)।


प्रशासनिक शाखा
इस शाखा में निम्नलिखित निदेशालय हैं : संगठन, (Organization), कार्मिक (Personnel), चिकित्सा व्यवस्था लेखा, कार्मिक सेवा, वायुसेना निर्माण (Airforce, Works), मुख्य अभियंता, वायुसेना खेलकूद, नियंत्रक बोर्ड तथा जज-एडवोकेट। इनमें चिकित्सा व्यवस्था और लेख विभाग विशेष महत्व के हैं।

Lok Sabha | लोक सभा


कमान तथा फौजी काररवाई (Command and Operations)


वायुसेना के मुख्यालय के अंतर्गत चार प्रधान विरचनाएँ (formations) हैं, जिन्हें कमान कहते हैं। वायुसेना की कुछ यूनिटों के अतिरिक्त अन्य सभी यूनिटें इन कमानों के अंतर्गत आती हैं। देश के विभिन्न भागों में स्थित विंगों (wings) एवं केंद्रों (stations) के द्वारा कमान वायुसेना पर अपना नियंत्रण रखता है। प्रत्येक विंग एवं केंद्र के अंतर्गत अनेक उड़ान, प्रशिक्षण, तकनीकी एवं स्थैतिक यूनिटें रहती हैं। उपर्युक्त चार कमानें निम्नलिखित हैं :


(१) फौजी कार्यवाही कमान, (२) प्रशिक्षण कमान, (३) अनुरक्षण कमान तथा (४) ईस्टर्न एअर कमान (Eastern Air Command)। १९५२ ई. में संसद् द्वारा रिज़र्व एंड ऑक्ज़िलियरी एअर फोर्स ऐक्ट पारित किया गया। इस ऐक्ट का पालन करने के लिए निम्नलिखित सात स्क्वाड्रनों का गठन किया गया : ५१ नं. (दिल्ली), ५२ नं. (बंबई), ५३ नं (मद्रास), ५४ नं. (उ. प्र.), ५५ नं. (बंगाल), ५६ नं. (उड़ीसा) और ५७ नं. (पंजाब)।


वायुसेना के पद
वायुसेना के कमीशन अफसरों के निम्नलिखित पद है :

चीफ एअर मार्शल, एअर मार्शल, एअर वाइस मार्शल, एअर कमोडोर, ग्रुप कैप्टन विंग कमांडर, स्क्वॉड्रन लीडर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट, फ्लाइंग अफसर तथा पाइलट अफसर।

उपर्युक्त पदों के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों के पद निम्नलिखित हैं :

मास्टर वारंट अफसर, वारंट अफसर, फ्लाइट सारजेंट, सारजेंट कार्पोरल, लीडिंग एअरक्राफ्ट मैन, एअरक्राफ्ट मैन क्लास १ तथा एअरक्राफ्ट मैन क्लास २।


भारतीय वायु सेना के रैंक' - अधिकारी रैंक



सौजन्य - hi.wikipedia.org

फ्रीज में ना रखे गूंथा हुआ आटा

फ्रीज में ना रखे गूंथा हुआ आटा

ऋषि-मुनियों ने दीर्घ जीवन के जो सूत्र बताये हैं उनमें ताजे भोजन पर विशेष जोर दिया है। ताजे भोजन से शरीर निरोगी होने के साथ-साथ तरोताजा रहता है और बीमारियों को पनपने से रोकता है। लेकिन जब से फ्रीज का चलन बढा है तब से घर-घर में बासी भोजन का प्रयोग भी तेजी से बढा है। यही कारण है कि परिवार और समाज में तामसिकता का बोलबाला है। ताजा भोजन ताजे विचारों और स्फूर्ति का आवाहन करता है जबकि बासी भोजन से क्रोध, आलस्य और उन्माद का ग्राफ तेजी से बढने लगा है।

गूंथे हुए आटे को उसी तरह पिण्ड के बराबर माना जाता है जो पिण्ड मृत्यु के बाद जीवात्मा के लिए समर्पित किए जाते हैं। घर में जब गूंथा हुआ आटा फ्रीज में रखने की परम्परा बन जाती है तब वे भूत-और पितर इस पिण्ड का भक्षण करने के लिए घर में आने शुरू हो जाते हैं जो पिण्ड पाने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे भूत और पितर फ्रीज में रखे इस पिण्ड से तृप्ति पाने का उपक्रम करते रहते हैं। जिन परिवारों में भी इस प्रकार की परम्परा बनी हुई है वहां किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट, रोग-शोक और क्रोध तथा आलस्य का डेरा पसर जाता है। इस बासी और भूत भोजन का सेवन करने वाले लोगों को अनेक समस्याओं से घिरना पडता है। आप अपने इष्ट मित्रों, परिजनों व पडोसियों के घरों में इस प्रकार की स्थितियां देखें उनकी जीवनचर्या का तुलनात्मक अध्ययन करें तो पाएंगे कि वे किसी न किसी उलझन से घिरे रहते हैं।

क्‍या गर्मियों में अंडे का सेवन करना चाहिए



आटा गूंथने में लगने वाले सिर्फ दो-चार मिनट बचाने के लिए की जाने वाली यह क्रिया किसी भी दृष्टि से सही नहीं मानी जा सकती। पुराने जमाने से बुजुर्ग यही राय देते रहे हैं कि गूंथा हुआ आटा रात को नहीं रहना चाहिए। उस जमाने में फ्रीज का कोई अस्तित्व नहीं था फिर भी बुजुर्गों को इसके पीछे रहस्यों की पूरी जानकारी थी। यों भी बासी भोजन का सेवन शरीर के लिए हानिकारक है ही। भोजन केवल शरीर को ही नहीं,अपितु मन-मस्तिष्क को भी गहरे तक प्रभावित करता है। दूषित अन्न-जल का सेवन न सिर्फ आफ शरीर-मन को बल्कि आपकी संतति तक में असर डालता है।  शास्त्रों में कहा गया है कि बासी भोजन भूत भोजन होता है और इसे ग्रहण करने वाला व्यक्ति जीवन में नैराश्य,रोगों और उद्विग्नताओं से घिरा रहता है। हम देखते हैं कि प्रायःतर गृहिणियां मात्र दो से पांच मिनट का समय बचाने के लिए रात को गूंथा हुआ आटा लोई बनाकर फ्रीज में रख देती हैं और अगले दो से पांच दिनों तक इसका प्रयोग होता है। आइये आज से ही संकल्प लें कि आयन्दा यह स्थिति सामने नहीं आए। तभी आप और आपकी संतति स्वस्थ और प्रसन्न रह सकती है और औरों को भी खुश रखने लायक व्यक्तित्व का निर्माण कर सकती है।

गांधारी दो सालों तक गर्भवती रही थी

गांधारी दो सालों तक गर्भवती रही थी




एक बार जब व्यास ऋषि एक लंबी यात्रा से लौटे थे तो गांधारी ने उनके जख्मी पैरों में मरहम लगाया था और उनकी बहुत सेवा की थी। तब उन्होंने गांधारी को आशीर्वाद दिया था, ‘तुम जो चाहे मुझसे मांग सकती हो।’
गांधारी बोली, ‘मुझे सौ पुत्र चाहिए।’ व्यास बोले, ‘ठीक है, तुम्हारे 100 पुत्र होंगे।’ अब गर्भपात के बाद गांधारी ने व्यास को बुलाया और उनसे कहा, ‘यह क्या है? आपने तो मुझे 100 पुत्रों का आशीर्वाद दिया था। उसकी बजाय मैंने मांस का एक लोथड़ा जन्मा है, जो इंसानी भी नहीं लगता, कुछ और लगता है। इसे जंगल में फेंक दीजिए। कहीं पर दफना दीजिए।’
व्यास बोले, ‘आज तक मेरी कोई बात गलत नहीं निकली है, न ही अब होगी। वह जैसा भी है, मांस का वही लोथड़ा लेकर आओ।’ वह उसे तहखाने में लेकर गए और 100 मिट्टी के घड़े, तिल का तेल और तमाम तरह की जड़ी-बूटियों को लाने के लिए कहा। उन्होंने मांस के उस टुकड़े को 100 टुकड़ों में बांटा और उन्हें घड़ों में डालकर बंद करके तहखाने में रख दिया। फिर उन्होंने देखा कि एक छोटा टुकड़ा बच गया है। वह बोले, ‘मुझे एक और घड़ा लाकर दो। तुम्हारे 100 बेटे और एक बेटी होगी।’ उन्होंने इस छोटे से टुकड़े को एक और घड़े में डाल कर सीलबंद कर दिया और उसे भी तहखाने में डाल दिया। एक और साल बीत गया। इसीलिए कहा जाता है कि गांधारी दो सालों तक गर्भवती रही थी – गर्भ एक साल उसकी कोख में और दूसरे साल तहखाने में था।

Benefits of Strawberry | स्ट्रॉबेरी के लाभ

 स्ट्रॉबेरी के लाभ

स्ट्रॉबेरी लाल रंग का और बच्चों का पसंदीदा फल है . यह एक रसीला फल होता है और स्वाद मैं भी अच्छा होता है. इसका प्रयोग कई रूपों मैं किया जाता है साथ ही इसके फ्लेवर का उपयो कई प्रकार के स्वीट्स बनना मैं किया जाता है जैसे मिल्कशेक , आइस -क्रीम , दही और जेम.

स्‍ट्रॉबेरी ना केवल स्‍वाद में ही लाजवाब होती है मगर इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि स्ट्रॉबेरी हमारे भीतर हृदय रोगों और मधुमेह का विकास नहीं होने देती।


हड्डियों को मजबूत रखे

स्ट्रॉबेरी का प्रयोग हड्डियों को मजबूत बनने के लिए किया जाता है . उम्र बढ़ने के साथ -साथ कुछ लोगो की हड्डिया कमजोर पड़ने लगती है ,ऐसे मैं इस रसभरे फल का सेवन हड्डियों को मजबूत बनने का काम करता है

इम्यूनिटी बढ़ाए

स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जो आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है, और आपको इंफेक्शन से बचाता है। आपकी दिनभर की विटामिन सी की आवश्यकता एक कप स्ट्रॉबेरी से पूरी हो जाती है।

आंखों के लिए फायदेमंद

आंखों की सेहत के लिए भी यह फल लाभदायक है। आर्काइव्स ऑफ ऑपथेलमोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि हर रोज स्ट्रॉबेरी के सेवन से आंखों में होने वाली आयुजनित मेक्यूलर डिजनरेशन की समस्या से बचाव किया जा सकता है।

कैंसर से लडे़

स्‍ट्रॉबेरी में एंटीऑक्‍सीडेंट और कैंसर से लड़ने वाले तत्‍व होते हैं जो कि कई तरह के कैंसर से लड़ सकते हैं। इसमें फ्लेवोनॉइड, फोलेट, केंफेरॉल और विटामिन सी होता है जो कि कैंसर पैदा करने वाले सेल का नाश करता है।

दिल की बीमारियों से सुरक्षा

ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और इनफ्लेमेशन दिल की बीमारियों के दो बड़े कारण हैं और स्ट्रॉबेरी में ऐसे तत्व होते हैं जो इन दोनों पर आक्रमण करते हैं। स्ट्रॉबेरी में मौजूद फ्लेवोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स बैड कॉलेस्ट्रॉल से बचाव करता है जिससे धमनियां ब्लॉक होने से बच जाती हैं। धूम्रपान करने वाले लोगों में स्ट्रॉबेरी उस लिपिड पेरोक्सिडेशन को कम करती हैं जो दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है।

वजन कम करे

लाल रंग के फल स्ट्रॉबेरी मैं नाइट्रेट की मात्र भी होती है जो की रक्त के साथ मिलकर शारीर मैं ऑक्सीज़न के प्रवाह को नियंत्रित करता है . इस तरह यह वजन को कम करने के साथ -साथ मोटापा दूर करने मैं सहायक होता है .

बलों के लिए

स्ट्रॉबेरी के प्रयोग से बल मजबूत बनते है और रुसी की समस्या से भी निजाद मिलता है . इसमें उपस्थित विटामिन C बलों को गिरने से रोकता है और बलों को मजबूती प्रदान करता है.


इसका प्रयोग करने के लिए 2 स्ट्रॉबेरी को अच्छे से मेष कर ले और इसमें नारियल का तेल और शहद मिलकर ½ हॉर्स के लिए रख दे फिर इस मिश्रण को बलों पर ½ हॉर्स तक लगाकर बलों को धो ले . ऐसा हफ्ते मैं दो बार करने से बलों मैं असर देखने को मिलने लगेगा.

झुर्रियां भगाए

विटामिन सी होने के नाते यह त्‍वचा में कोलाजेन अधिक पैदा करती है जो कि त्‍वचा में खिंचाव पैदा करता है। उम्र के साथ कोलाजेन नष्‍ट होता जाता है और चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लगती है इसलिये विटामिन सी से भरे फल खाइये।

डायबिटीज़ नियंत्रित करे

स्ट्रॉबेरी में 40 ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो काफी कम है। इसका मतलब है कि डायबिटीज़ के मरीज़ बिना ज़्यादा फिक्र किए इसे खा सकते हैं। इसके अलावा, रिसर्च में ये बात सामने आई है कि स्ट्रॉबेरी में ऐसे घटक होते हैं जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के ग्लूकोज़ लेवल और लिपिड प्रोफाइल पर अच्छा असर डालते हैं। नियमित रूप से स्ट्रॉबेरी खाने से टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम भी कम होता है।

दांतों में चमक लाए

इसमें एसिड होता है जो कि दांत से दाग को साफ कर के उन्‍हें चमकदार बनाती है। आपको करना केवल इतना है कि फल को आधे भाग में काटिये और उससे अपने मसूड़ों और दांतों को रगड़े। इससे मसूड़े मजबूत भी बनते हैं।

NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

शुक्रवार, 27 मई 2016

benefits of laung | लौंग खाने के फायदे

लौंग खाने के फायदे


लौंग भोजन का जायका तो बड़ाता ही है, और साथ ही में हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद है इसके सेवन से मुंह की बदबू , वचा रोग, दांता का रोग, सांस की समस्‍या, पेट के कीडे़ मारने हो या फिर कैंसर जैसे गंभीर रोग हो , सभी में इसका उपयोग किया जाता है आयुर्वेद बल्कि होम्योपैथ व एलोपैथ जैसी चिकित्सा विधाओं में भी बहुत अधिक महत्व आंका जाता है।


पेट की खराबी दूर करे

अगर उल्‍टी महसूस हो रही हो तो लौंग भून कर उसका पाउडर तैयार करें और उसके साथ शहद मिला कर चाटें। इसकी संवेदनाहारी क्रिया से पेट दर्द और उल्‍टी बंद हो जाती है। पेट में गैस होने पर एक कप उबलते हुए पानी में 2 लौंग को पीसकर डालें. उसके बाद पानी ठंडा होने के बाद पी लीजिए, पेट की गैस समाप्त हो जाएगी।

पाचन

लौंग में कई तरह के पाचक एंजाइम होते हैं। इसे खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और एसीडिटी खत्म होती है। लौंग को भून कर उसे पाउडर की तरह बना कर शहद में मिला कर खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।

Benefits of Methi Dana | मेथी के फायदे


दर्दनाशक गुण

लौंग एक बेहतरीन नैचुरल पेनकिलर है। इसमें मौजूद यूजेनॉल ऑयल दांतों के दर्द से आराम दिलाने में बहुत लाभदायक है। दांतो में कितना भी दर्द क्यों न हो, लौंग के तेल को उनपर लगाने से दर्द छूमंतर हो जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल विशेषता होती है जिस वजह से अब इसका इस्तेमाल कई तरह के टूथपेस्ट, माउथवाश और क्रीम बनाने में किया जाता है।

कटने-छिलने पर काम आए

यह एक एंटीसेप्‍टिक है जिसका पेस्‍ट बना कर त्‍वचा के कटे छिले स्‍थान पर लगाने से वह ठीक हो जाता है। यह त्‍वचा पर जमे बैक्‍टीरिया का नाश करती है।

श्वास संबंधी रोगों में आराम

लौंग के तेल का अरोमा इतना सशक्त होता है कि इसे सूंघने से जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत आराम मिल जाता है।

कैंसर 

मेडिकल जगत में लौंग के औषधीय गुण को लेकर अभी काफी शोध हो रहे हैं। खासकर इसकी anti-carcinogenic गुण के कारण। कई सारे टेस्ट से पता चला है कि फेफड़े के कैंसर में लौंग से बनी दवा काफी काम करती है।

प्‍यार बढाए

रिसर्च के अनुसार लौंग में इतनी ताकत होती है कि वह आपके अंदर के प्‍यार को बढा दे, इसलिये इसे कामोत्तेजक आहार भी कहा जाता है।

बेहतरीन एंटीसेप्टिक

लौं व इसके तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे फंगल संक्रमण, कटने, जलने, घाव हो जाने या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लौंग के तेल को कभी भी सीधे त्वचा पर न लगाकर किसी तेल में मिलाकर लगाना चाहिए।

हड्डियों को मजबूत बनाने में

लौंग में Eugenol Flavones, Isoflavones और Flavonoids केमिकल कंपाउड पाए जाते हैं। यह हड्डियों की सुरक्षा करते हैं और हड्डियों में पाए जाने वाले मिनरल्स को बचा कर रखते हैं। अगर Osteoporosis की बीमारी हो तो लौंग के सेवन से हड्डियों की मजबूती बनी रहती हैं।

और भी हैं कई औषधीय लाभ

  • लौंग को गर्म कर पानी में घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द गायब हो जाता है।
  • लौंग को पानी में उबालेंं और उस पानी को हम उल्टियों में थोड़ा - थोड़ा पीयें तो उल्टियों में लाभ होता ह
  • इसे आग पर सेंककर मुंह में रखने से गले की सूजन व सूखे कफ का नाश होता है।
  • सिरदर्द (Headache) होने पर यदि हम लौंग के तेल की हल्के हाथो से मालिश करें तो सरदर्द में भी राहत मिलती है
  • लौंग के तेल को मिश्री पर डालकर सेवन करने से पेटदर्द में लाभ होता है।
NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

Shiv Khera Quotes | शिव खेड़ा के अनमोल विचार

शिव खेड़ा के अनमोल विचार

शिव खेड़ा एक जाने माने प्रेरक वक्ता हैं  शिव खेड़ा का हर एक विचार आगे बढ़ने की सीख देता है हम शिव खेड़ा के कुछ प्रेरक विचार पढ़ेंगे और उनसे सीख लेंगे।



विजेता बोलते है की मुझे कुछ करना चाहिए जबकि हारने वाले बोलते है की कुछ होना चाहिए।

अगर हम हल का हिस्सा नहीं हैं, तो हम ही समस्या हैं

मोटिवेशन एक आग की तरह है – जिसे जलाए रखने के लिए इसमें लगातार फ्यूल (ईंधन) डालना पड़ता है| मोटिवेशन को बनाए रखने के लिए आपका ईंधन “स्वंय पर विश्वास” ही है|

जीतने वाले लाभ देखते हैं, हारने वाले दर्द|

जो भी उधार ले समय पर चुका दे इससे आपकी विश्वनीयता बढ़ती है। 

डिग्री का ना होना दरअसल फायेदेमंद है। अगर आप इंजीनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते है, पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में आपको हर दिन के मैनेजमेंट की जरुरत नहीं होती है।

आत्म-सम्मान और अहंकार का उल्टा सम्बन्ध है

विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं , तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं।

आप कितना जानते हैं या आपके पास कितना पैसा है इससे किसी को फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है कि आप लोगों का कितना ख्याल रखते हैं।

गुरुवार, 26 मई 2016

How to Run 2 Whatsaap in one Phone | एक फ़ोन से दो व्हाट्सप्प कैसे चलाये

एक फ़ोन से दो व्हाट्सप्प कैसे चलाये 



आज कल सभी Smart Phone  में dual सिम हो ति है , पर आप के फ़ोन में एक व्हाट्सएप अकाउंट होता है  अगर आप दूसरी सिम पर बी व्हाट्सएप चलना चाहते हे तो यह पोस्ट आप की मदद करे गा|


पहले आप व्हाट्सएप डाउनलोड कर के उसे install  करले |
अगर आप के पास पहले से ही install   है तो आप को दोबारा नहीं करना है
पहले आप पुराने अकाउंट का डेटा हटा दे
फिर आप इस aap  को Downlaod  करे:-
1 .(https://userscloud.com/f0kehn33c7li?_e_pi_=7%2CPAGE_ID10%2C3614318888)
2. (https://drive.google.com/uc?export=download&id=0B4TyprGfn7grR0F5TVVET3ZUcUU)

इसे ओपन करके इसमें दूसरा अकाउंट बन लीजिए
अब आप २ व्हाट्सएप चला  सकते है

इसके अल्वा एक और तरीका होता है इसके लिए आप को प्ले स्टोर से एक aap  को डाउनलोड करना हो गा " Parallel space multiple account"
इसे फ़ोन में इनस्टॉल करे के बाद इसमें व्हाट्सएप को ऐड करना पड़ेगा
और पिर आप २ व्हाटएप चला सकते है

Histroy of Raja Birbalji | राजा बीरबलजी का इतिहास

राजा बीरबलजी का इतिहास 


बीरबलजी का जन्म १५२८ ने कल्पी गांव के नजदीक , उत्तर प्रदेश में हुआ था उनका पूरा नाम महेश दास था बिरबलजी का जन्म एक ब्रामण परिवार में हुआ था वो अपने भाइयो में तीसरे स्थान पर थे उनके पिता का नाम गंगा दास और मत का नाम अनभा था |

बिरबलजी ने हिंदी, संस्करत और पर्सियन भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त की, बिरबलजी कविताये भी लिखते थे, ज्यादातर उनकी कविताये ब्रज भाषा में होती थी, इस वजह से उन्हें काफी प्रसिद्धि भी मिली थी.

बिरबलजी ने राजा रामचन्द्र के राजपूत अदालत में सेवा की | वहां पर उनका नाम ब्रह्मा कवी था. बिरबलजी की आर्थिक और सामजिक स्तिथि में सूधार उनकी शादी के बाद हुआ , उनकी शादी एक सम्मानित और अमीर परिवार की लड़की से हुई थी |

राजा अकबर से उनकी मुलाकात का कोई प्रमाण सही - सही नहीं मिलता है लेकिन बीरबलजी को अपनी सेव की कुछ ही समय में अकबरजी ने उन्हें कवी बन दिया था (१५५६-१५६२)| बिरबलजी की बढ़ती प्रतिष्ठा ने उन्हें जल्दी ही अकबर के नो रत्ननो में शामिल करलिया गया | बीरबलजी ने एक धार्मिक सलाहकार , सैन्य आंकड़ा और सम्राट के करीबी दोस्त की भूमिका निभाई है , उन्होंने सम्राट की ३० साल सेवा की .

राजा अकबर ने एम धर्म " दिन - ए - इलाही" चलाया था जो प्रथ्वी पर भगवन का प्रतिनधि के रूप स्वीकार किया गया | इसमें हिन्दू और मुस्लिम मान्यताओं का एक संयोजन था आईन-ए-अकबरी ( अकबर के संस्थान) में, यह उल्लेख किया है कि बीरबल अकबर के अलावा अन्य कुछ लोग हैं, जो इसके अनुयायियों थे, उनमे से बीरबल जी केवल एक अकेले हिन्दू थे |

उनकी मौत १५८६ में एक लड़ाई के दौरान हुई थी उनके साथ ८००० सैनिक भी मारे गए थे उस लड़ाई में उनका सरीर भी नहीं मिला था राजा अकबर को उनकी मौत का भुत दुःख हुआ था उनके दुःख में राजा अकबर ने २ दिन तक कुछ भी नहीं खाया पिया था

बीरबल की कहानियो का कोई प्रमाण हमें इतिहास में दिखाई नही देता , स्थानिक लोगो ने अकबर-बीरबल की प्रेरित और प्रासंगिक कहानिया बनानी भी शुरू की. अकबर-बीरबल की ये कहानिया पुरे भारत में धीरे-धीरे प्रसिद्ध होने लगी थी.


दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट जरूर करे.....


मंगलवार, 24 मई 2016

जानवरों को भी मिली है कॉलेज से डिग्री

जानवरों को भी मिली है कॉलेज से डिग्री

रॉको- पुलिस के इस कुत्ते ने कॉनकोरडिया कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी से बेचेलर ऑफ साइंस इन क्रिमिनल जस्टिस की डिग्री हासिल की है। इस कुत्ते के मालिक ने भी इसी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
कॉल्बी नोलन- इस बिल्ली ने ट्रीनिटी साउदर्न यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजूएशन की डिग्री प्राप्त की है।
लूलू- इस कुत्ते ने अमेरिका के कॉनकोरडिया कॉलेज से अच्छे ग्रेड्स लेकर ग्रेजूएशन की पढ़ाई पूरी की है।

इलविस- इस कुत्ते ने कैलकुलस में डिग्री प्राप्त की है। साथ ही होप कॉलेज से डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है।

किर्च- इस कुत्ते ने जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से गरेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा वह अपने मालिक कार्लोस मोरा को मास्टर्स डिग्री में भी मदद कर रहा है।
सैमसन- इस कुत्ते ने ओकलाहोमा यूनिवर्सिटी से ग्रेजूएशन की डिग्री प्राप्त की है।

सौजन्य -: http://amarujala.com/

Pyaz Ki Sabji प्याज की सब्जी

प्याज की सब्जी


गर्मी के मौसम में कहा जाता हे  की जब भी घर से बहार निकलो तो एक प्याज़ जेब में रखलिया करो जिससे की आप को लु नहीं लगेगी | तो आज हम  आप के लिए पूरी की पूरी प्याज़ की सब्जी  लाए है

सामग्री

४-५ बड़े प्याज़ (बारीक कटा हुआ)
हरी मिर्च
लाला मिर्च पाउडर
हल्दी पाउडर
दनिया पाउडर
नमक स्वाद अनुसार
विधि

नॉन-स्टिक पेन में तेल गरम करे और उसमें जीरा भुनने को डाले। जीरा भून जाए फिर बारीक कटा हुई हरी मिर्च मिला ले।

बारीक कटा हुआ प्याज डाल के अच्छी तरह से मिला ले। प्याज हल्का गुलाबी होने तक उसे पकाए। हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डाल कर प्याज़ होने तक पकने दे।

लो तयार है प्याज़  की  सब्जी 

आप चाहे तो इसमें आलू , टमाटर भी डाल सकते है 

सोमवार, 23 मई 2016

सामान्य ज्ञान-7(General Knowledge (GK) in Hindi)

सामान्य ज्ञान-7(General Knowledge (GK) in Hindi)


  • वर्ष 1910 में ऑडियोफोन्स का अविष्कार किसके द्वारा किय गया था?
Answer: नथानिएल बाल्डविन

  • पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किस वर्ष किया गया था? 
 Answer: वर्ष 2010 में 

  • 'कपिल धारा' और 'दुग्ध धारा' जलप्रपात स्थित है
Answer:नर्मदा नदी पर

  • प्रोस्टेट क्या है? 
 Answer: ग्रथि

  • हीराकुंड बांध इनमें से कौन-सी नदी पर बना है? 
Answer: महानदी 

  • विराट कोहली को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित कब किया गया था? 
Answer: वर्ष 2013 में 

  • बेतवा नदी का उद्गम स्थान है 
Answer: रायसेन जिले का कुमरा नामक ग्राम

  • किसने कहा था-'जियो ऐसे जैसे कि कल मरना हो।' 
Answer: महात्मा गांधी
  • योगिनी पंथ का उदय किस राज्य में हुआ था? 
Answer: ओड़िसा 

  • भारत के राष्ट्रीय झंडा को किसने डिजाइन किया था? 
Answer: पिंगली वेकय्या 

  • मध्य प्रदेश के किस नगर में दो विश्वविद्यालय है?
Answer:जबलपुर 

  • सीमांत गांधी के नाम से कौन प्रसिद्ध थे? 
Answer: मौलाना अबुल कलाम 

  • ग्लेशियर में गहरे गर्त के लिए किस शब्दावली का प्रयोग किया जाता है? 
Answer: हिम दरार

  • भारत की प्रथम डिफेंस इंटेलिजेंश एजेंसी का संचालन वर्ष 2012 के किस माह से प्रारम्भ हुआ? 
Answer: अप्रैल 

  • युवा मगरमच्छ को क्या कहा जाता है? 
Answer: हैचिंग

  • हीराकुंड बांध इनमें से कौन-सी नदी पर बना है? 
Answer: महानदी

  • स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष कौन थी? 
Answer: इंदिरा गांधी

  • सुशासन दिवस कब मनाया जाता है? 
 Answer: 25 दिसंबर

  • यूनेस्को का मुख्यालय कहाँ हैं? 
 Answer: पेरिस

दो अनमोल रत्न

दो अनमोल रत्न 





किसी शहर में एक व्यापारी अपनी गुणवती पत्नी और दो प्यारे बच्चों के साथ रहता था. एक बार उसे किसी काम से बहुत दिनों के लिए शहर से बाहर जाना पड़ा. जब वह दूर था तब एक त्रासद दुर्घटना में उसके दोनों पुत्र मारे गये.

ऐसी दुःख की घड़ी में व्यापारी की पत्नी ने खुद को बड़ी मुश्किल से संभाला. वह बहुत हिम्मती थी और ईश्वर में उसकी आस्था अटूट थी. लेकिन उसे यह चिंता थी कि व्यापारी के लौटने पर वह उसे यह दुखद समाचार किस प्रकार देगी. व्यापारी स्वयं बहुत आस्थावान व्यक्ति था लेकिन वह दिल का मरीज़ था और पूर्व में अस्पताल में भी भर्ती रह चुका था. पत्नी को यह आशंका थी कि वह यह सदमा नहीं झेल पायेगा.

पति के आगमन की पूर्व संध्या को उसने दृढ़तापूर्वक प्रार्थना की और शायद उसे अपनी समस्या का कोई समाधान मिल गया.

अगली सुबह व्यापारी घर पहुँच गया. बड़े दिनों के बाद घर वापसी पर वह पत्नी से गर्मजोशी से मिला और लड़कों के बारे में पूछा.

पत्नी ने कहा, "उनकी चिंता मत कीजिये. आप नहा-धोकर आराम करिए".

कुछ समय के बाद वे भोजन करने के लिए बैठे. पत्नी ने उससे यात्रा के बारे में पूछा. व्यापारी ने उसे इस बीच घटी बातों की जानकारी दी और कहा कि ईश्वर की दया से सब ठीक हुआ. फिर उसने बच्चों के बारे में पूछा.

पत्नी कुछ असहज तो थी ही, फिर भी उसने कहा, "उनके बारे में सोचकर परेशान मत होइए. हम उनकी बात बाद में करेंगे. मैं इस वक़्त किसी और उलझन में हूँ, आप मुझे उसका उपाय बताइए".

व्यापारी समझ रहा था कि कोई-न-कोई बात ज़रूर थी. उसने पूछा, "क्या हुआ? कोई बात तो है जो तुम्हें भीतर-ही-भीतर खाए जा रही है. मुझे बेखटके सब कुछ सच-सच बता दो और हम साथ बैठकर ईश्वर की मदद से उसका हल ज़रूर निकाल लेंगे".

पत्नी ने कहा, "आप जब बाहर थे तब हमारे एक मित्र ने मुझे दो बेशकीमती नगीने अहतियात से सहेजकर रखने के लिए दिए. वे वाकई बहुत कीमती और नायाब नगीने हैं! मैंने उन जैसी अनूठी चीज़ और कहीं नहीं देखी है. अब वह उन्हें लेने के लिए आनेवाला है और मैं उन्हें लौटाना नहीं चाहती. मैं चाहती हूँ कि वे हमेशा मेरे पास ही रहें. अब आप क्या कहेंगे?"

"तुम कैसी बातें कर रही हो? ऐसी तो तुम नहीं थीं? तुममें यह संसारिकता कहाँ से आ गयी?", व्यापारी ने आश्चर्य से कहा.

"सच यही है कि मैं उन्हें अपने से दूर होते नहीं देखना चाहती. अगर मैं उन्हें अपने ही पास रख सकूं तो इसमें क्या बुरा है?", पत्नी ने कहा.

व्यापारी बोला, "जो हमारा है ही नहीं उसके खोने का दुःख कैसा? उन्हें अपने पास रख लेना तो उन्हें चुराना ही कहलायेगा न? हम उन्हें लौटा देंगे और मैं यह कोशिश करूंगा कि तुम्हें उनसे बिछुड़ने का अफ़सोस नहीं सताए. हम आज ही यह काम करेंगे, एक साथ".

"ठीक है. जैसा आप चाहें. हम वह संपदा लौटा देंगे. और सच यह है कि हमने वह लौटा ही दी है. हमारे बच्चे ही वे बेशकीमती नगीने थे. ईश्वर ने उन्हें सहेजने के लिए हमारे सुपुर्द किया था और आपकी गैरहाजिरी में उसने उन्हें हमसे वापस ले लिया. वे जा चुके हैं...".

व्यापारी ने अपनी पत्नी को भींच लिया और वे दोनों अपनी आंसुओं की धारा में भीगते रहे. व्यापारी को अपनी पत्नी की कहानी के मर्म का बोध हो गया था. उस दिन के बाद वे साथ-साथ उस दुःख से उबरने का प्रयास करने लगे.

शनिवार, 21 मई 2016

Tips for Glowing Skin | ग्लोइंग स्किन टिप्स

ग्लोइंग स्किन टिप्स 

 सुंदर दिखना हर किसी की चाहत होती है।मगर सुंदरता इतनी आसानी से हासिल नहीं होती है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप मंहगे उत्पाद का प्रयोग करें या ब्यूटी पार्लर का रुख करें।किसी भी लड़की कि त्‍वचा चमकदार बन सकती है पर अगर उस पर लगातार ध्‍यान दिया जाए तो।


  • अनार में एंटीऑक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कि त्‍वचा में आई किसी भी प्राकार की चोट और खरोच को जल्‍दी भरने में मददगार होता है। इसको पीने से खून भी बढता है, इसलिये त्‍वचा को लाल दिखाने में यह सहायक होता है।

  • झुर्रियों करें दूर- 
एक चम्मच शहद में कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं पड़ती है।

  • पपीता, शहद और नींबू का कॉम्बो पैक
क्यों है खासः पपीता में पपेन नाम का एंजाइम होता है, जो प्राकृतिक तरीके से मृत त्‍वचा की परत को उतारता है। एंटी-बैक्टीरियल गुण से युक्त शहद त्‍वचा को मुलायम बनाता है। जबकि साइट्रिक एसिड युक्त नींबू त्‍वचा को चमकाने का काम करता है।

  • दूध और नींबू कच्चे दूध में थोड़ा नींबू का रस और नमक मिला कर घोल बनाएं। इस लेप को चेहरे पर लगाएं। इसे लगाने से त्वचा के छिद्र खुलते हैं और चेहरे की गंदगी साफ होती है। 
  • हल्दी, चंदन और दूध चंदन के पाउडर में थोड़ा हल्दी मिला लें। इस मिश्रण को दूध में घोल लें। लेप तैयार होने के बाद इसे चेहरे पर लगा लें। 5 मिनट के बाद चेहरा धो लें। चेहरे चमकने लगेगा। 
  • चंदन-बेसन का जादुई स्पर्श 
त्‍वचा को चमकाने के लिए हल्दी, चंदन पाउडर, बेसन और दूध का उबटन त्वचा पर लगाएं।
क्यों है खासः एंटी-ऑक्‍सीडेंट गुणों से भरपूर हल्‍दी और चंदन त्वचा में कसाव लाते हैं, जबकि बेसन मृत त्वचा को हटाकर त्वचा को प्रोटीन उपलब्‍ध करवाता है। दूध त्‍वचा की रंगत को निखारने का काम करता है और त्वचा को मुलायम बनाता है।

  • चमक रखे बरकरार - 
एक चम्मच गुलाबजल और एक चम्मच दूध के मिश्रण में दो तीन बूंद नींबू का रस मिलाकर इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की कोमलता व चमक बनी रहती है।

  • खूब सारा पानी पीजिये और अंदर से तरोताजा रहिये। इसेस शरीर से गंदगी बाहर निकलती है और बॉडी में नए सेल्‍स बनते हैं।
  • आपको हर दिन दो गिलास जूस अवश्‍य पीने चाहिये। इससे स्‍किन में पोषण पहुंचेगा और स्‍किन ग्‍लो करेगी।
  • तैलीय त्वचा से पाएं छुटकारा- 
एक चम्मच नींबू का रस में एक चम्मच गुलाब जल और पिसा हुआ पुदीना मिलाकर 1 घंटे रखें। फिर चेहरे पर लगाकर 20 मिनट बाद धो लें। इससे चेहरे का चिपचिपापन दूर हो जाएगा।

  • खीरे का जूस, गुलाब जल और ग्लिसरीन तेज धूप और सूर्य की पराबैंगनी किरण से त्वचा को जो नुकसान पहुंचता है उस पर खीरे का जूस, गुलाब जल और ग्लिसरीन का लेप काफी असरदार होता है। इस लेप को चेहरे पर 15 मिनट तक रहने दें। 15 मिनट के बाद चेहरा धो लें। चेहरा तरोताजा दिखाई देगा।
  • नींबू और बादाम का तेल
बादाम के तेल में नींबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाने से मुंहासे, झाइयां और आंखों के नीचे के काले दाग खत्म होते हैं।

  • मुल्तानी मिट्टी, गुलाब और तुलसी के पत्ते का पाउडर
ग्लोइंग और हेल्दी स्किन के लिए चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी, गुलाब और नीम के पत्ते के पाउडर को पानी में मिला कर लेप बना लें। इस लेप को चेहरे पर लगा कर थोड़ी देर बाद सूखने पर धो लें।

  • टमाटर ग्लोइंग और हेल्दी स्किन के लिए टमाटर का जूस स्किन पर लगाएं। काफी फायदा पहुंचेगा। टमाटर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व होता है जो त्वचा में एजिंग के निशान नहीं आने देता है।

शुक्रवार, 20 मई 2016

Benefits of Jeera (Cumin) | जीरा खाने का स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

जीरा खाने का स्‍वास्‍थ्‍य लाभ 


जीरा को अब तक अगर आप एक मसला के रूप में ही जानते है तो आज आपको हम इस के चमतकरी उपयोग के बारे में बताते है भारतीय घरों में जीरा खाने का स्‍वाद बढ़ाने का काम करता है। लेकिन जीरे की उपयोगिता केवल आपके रसोई घर तक ही सीमित नहीं है



  • जीरा आयरन का सबसे अच्‍छा स्‍त्रोत है, जिसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर होती है। साथ ही गर्भवती महिलाएं, जिन्‍हें इस समय खून और आयरन की जरुरत होती है, उनके लिये जीरा अमृत का काम करता है।

  • जीरा अजवाइन सोट कालीमिर्च और काला नमक  अंदाज से लेकर इसमें घी में भुनी हींग काम मात्रा में मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है पेट का दर्द ठीक हो जाता है |

  • जीरा खाने से लीवर मजबूत होता है और उसकी शरीर से गंदगी निकालने की क्षमता में भी सुधार आता है।


  • जीरा आयरन का सबसे अच्छा स्त्रोतत है| इसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर होती है | गरबवती महिलाओं के लिए जीरा अमृत के समान है |


  • यदि आप नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त हैं तो एक छोटा चम्मच भुना जीरा पके हुए केले के साथ मैश करके रोजाना रात के खाने के बाद खाएं

  • जीरा में थोड़ी-सा सिरका मिलाकर खाने से हिचकी बंद हो जाये गी|


  • ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएं। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है।

  • १ स्पून जीरा भूनकर रोजाना चबाने से याददास्त अछि होती है 

  • दही में भुने जीरे का चरण मिलाकर खाने से डायरिया में आराम मिलता है |

  • १ चुटकी जीरा खाने से एसीडिटी में तुरंत रहत मिलती है |

  • जीरे को गुड में मिलाकर खाने से मलेरिया में आराम मिलता है |

  • जीरे को निम्बू के रस में नमक के साथ मिलाकर खाने से जी मिचलाना बंद हो जाता है |

  • खुजली की समस्या हो तो जीरे को पनि में उबालकर स्नानं करे |

NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

Benefits of Methi Dana | मेथी के फायदे

मेथी के फायदे

मेथी का इस्तेमाल हर रसोई घर मे किया जाता है  ठण्ड के दिनों में मेथी की भाजी बहुत देखने को मिलती है  यह गर्म तहसीर की होती है  स्वस्थ की दृष्टि से देखे तो मेथी की भाजी और दाने दोनों ही शारीर को कई प्रकार की बीमारियों से बचने मे मदद करते है  मेथी एक अद्भुत मसाला होती है  इसका प्रयोग कई प्रकार के व्यंजनों को बनने मे किया जाता है

  • मेथी दानों को रात भर नारियल के गर्म तेल में भिगोकर रखने और सुबह इस तेल से मसाज करने से भी लाभ मिलता है. मेथी दानों को पीसकर उसका लेप बालों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं, रूसी और बालों के झड़ने की समस्याएं समाप्त होती है. 
  • रिसर्च के अनुसार मेथी मधुमेह रोगियों के लिए अच्‍छी है क्‍योंकि इसको ग्रहण करने से खून में शुगर लेवल कम होता है। मधुमेह के रोगियों के लिए दिनभर में 6-7 मेथी के दाने या मेथी का पानी पीना फायदेमंद हो सकता है।
  • मेथी में हाज़िर है 4-हाइड्रोक्सी िसलेउसने , एक एमिनो एसिड जो डायबेटिक्स के लिए अत्यन्त फायदेमंद है .
  • मेथी का सेवन , शारीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने मे मदद करता है .
  •  मेथी का सेवन करने से पाचन और कब्ज सम्बन्धी समस्याएं ख़त्म हो जाती है  साथ ही एसिडिटी और अल्सर जैसी समस्याओं को ख़त्म करने मे मदद करता है .
  • मेथी के दाने चेहरे को त्वचा सम्बन्धी समस्याओं जैसे खुजली , जलन , झुर्रिया , फोड़े -फुंसी और गाँठ की समस्या से दूर करता है . इसके इस्तेमाल के लिए पनि मे मेथी के कुछ डेन डालकर उबाल ले और उस पनि से मुंह को धोए .
  • जोड़ों के दर्द की स्थिति में सुबह-शाम एक से तीन ग्राम मेथी दाने पानी में भिगोकर व चबाकर खाने से लाभ होता है.
  • भोजन में कुछ दाने मेथी के खाने से कोलेस्‍ट्रॉल लेवल में सुधार तो आता ही है साथ में हार्ट अटैक का रिस्‍क भी कम हो जाता है। अगर आपके लिए मेथी को खाना कडुवा लगे तो आप उसका कैप्‍सूल भी ले सकते हैं। यह बाजार में उपलब्‍ध है।
  • अगर उन महिलाओं को दिया जाये जिन्होंने अभी अभी बच्चे का जनम दिया है तो दूध की मात्र में वृद्धि करता है . 
  • जो लोग अपना वजन काम करना चाहते है उनके लिए भी मेथी के दाने फायदेमंद होते है . इसमें उपस्थित फाइबर की मात्र शारीर मे उपस्थित अतिरिक्त वासा को कम कर वजन और मोटापे को कम करने मे सहायक होता है.
  • मधुमेह से ग्रसित लोगो के लिए मेथी एक वरदान होती है . इसमें उपस्थित Gelaktomenon नमक फाइबर शारीर मे अतिरिक्त शुगर की मात्र को कम करने मे सहायक होता है . इस वजह से यह मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है
  • मेथी एक अच्‍छी घरेलू दवा है जो कि बुखार और कई अन्‍य बीमारियों को ठीक करती है। यही नहीं मेथी के पत्‍तों से हर्ब टी बनाई जा सकती है जिससे दिमाग शांत और फ्रेश रहता है।
  •  मेथी  में  भरपूर  मात्र  में  फाइबर , पोटैशियम , आयरन , विटामिन  C , नियासिन  और  अल्कलॉइड्स  आदि  गुण  पाए  जाते  है  जो  की  शारीर  को  कई  बीमारियों  से  लड़ने  की  शक्ति  देते  है . इसके  साथ -साथ  इसमें  उपस्थित  प्रोटीन  की  मात्र  बालों  को  मजबूती  और  पुनर्जीवित  करने  मे  मदद  करती  है .
NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

गुरुवार, 19 मई 2016

प्याज़ की कचौरी । Pyaj ki Kachori

प्याज़ की कचौरी । Pyaj ki Kachori 



प्याज़ की कचौरी खाने में जितनी अधिक स्वादिष्ट होती हैं, बनाने में उतनी ही आसान हैं. अगर आप पिकनिक पर जा रहे हैं, तो भी इन्हैं बनाकर ले जाइये, ये प्याज़ की कचौरी वहां भी आपको बहुत अच्छी लगेगी. .

आफिस की छुट्टी या बच्चों के स्कूल की छुट्टी हो, सुबह के नाश्ते में कुछ अलग होना ही चाहिये. तो क्यों न छुट्टी के दिन हम प्याज़ की कचौरी बनायें, क्या ख्याल है आपका?

हालांकि इस कचौड़ी का उत्तपादन जोधपुर मे हुथा है, राजस्थान में बहुत से नमकीन की दुकानों में गरमा गरम प्याज़ की कचौड़ी या आलू प्याज़ की कचौड़ीयों को बेचा जाता है।

Pyaz Ki Sabji प्याज की सब्जी


सामग्री:-
प्याज़ – 2 कप (कटा हुआ)
बेसन – 2 Table spoon
नमक – स्वादानुसार
मैदा – 2 कप
आलू – 1 (उबला हुआ)
तेल – अवयस्कता अनुसार
हरी मिर्च – 2 (बारीक़ कटा हुआ)
गरम मसाला पाउडर – T spoon 
अदरक – T spoon (बारीक़ कटा हुआ)
लहसुन – T spoon (बारीक़ कटा हुआ) 
लाल मिर्च पाउडर – 1/2 T spoon
हल्दी – 1/4 T spoon
धनिया पाउडर – T spoon
जीरा – 1/2 T spoon
अमचूर पाउडर – 1/2 T spoon
धनिया पत्ता – 2 Table spoon (बारीक़ कटा हुआ)


विधि :-
  • मैदा में 3 Table spoon, नमक डाल कर मिलाये. उसके बाद थोड़ा थोड़ा पानी मिलाकर नरम आटा गूथ लीजिये. अब ढककर 15 mint के लिये रख दीजिये.  आलू को मैश कर लीजिये. 

  •  कड़ाई(पैन ) में तेल डाल कर गरम कीजिये. अब उसमे जीरा डाल कर भुने. उसके बाद बारीक़ कटा हुआ प्याज़ और नमक डाल कर पकाये. प्याज़ थोड़ा ब्राउन होने के बाद बारीक़ कटा हुआ अदरक, लहसुन और हरी मिर्च डाल कर पकाये. अब हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, अमचूर पाउडर मिलाकर  पकाये. अब बेसन, मैश किया हुआ आलू, गरम मसाला पाउडर मिलाकर  पकाये. अब बारीक़ कटा हुआ धनिया पत्ता मिलाकर गैस बंद कर लीजिये.

  •  अब आटे से  लोई तोड़कर गोल कर लीजिये, एक लोई उठाये और हाथ पर रखकर उसे उंगलियो की सहायता से बड़ा कर, टोकरी जैसा बना लीजिये, आटे की इस टोकरी में प्याज़ मिश्रण 1  चम्मच डाल दीजिये और आटे को चारो और से उठा कर मिश्रण को अछि तरह बंद करके कचौरी जैसा बना लीजिये, इसी तरह सारे कचोरी बना लीजिये.

  • अब कड़ाई(पैन ) में तेल डाल कर गरम कीजिये, अब कचौरी कड़ाई में डाल कर दोनों और गोल्डन ब्राउन होने तक तल कर निकाल लीजिये, इसी तरह सारे कचौरी बना कर तैयार कर लीजिये, गरमा गरम प्याज़ की कचौरी तैयार.

Pyaj Paneer Ki Sabji | प्याज पनीर की सब्जी

 प्याज पनीर  की सब्जी



रेस्टोरेंट का मेन्यू उठाकर देखिए तो सबसे ज्यादा सब्जियां पनीर की ही दिखेंगी। पनीर की सैकड़ों सब्जियों में से पनीर प्याज की सब्जी को बताने जा रहे हैं। इसे बनाना बहुत आसान है और इसके लिए सामग्री भी बहुत कम लगेगी।

Kitchen Tips - किचन टिप्स

सामग्री 

पनीर 200
प्याज 2 बड़े
टमाटर 3
लहसुन 5-6
अदरक  1 Teaspoon
धनिया पाउडर 1 Teaspoon
जीरा 1 Teaspoon
गरम मसाला 1 Teaspoon
हल्दी  1/2 Teaspoon
नमक          स्वाद अनुसार
हरी धनिया की पत्ती 1 Tablespoon

विधि

  • पनीर को 1.5 सेमी के क्यूब में काट लीजिए।
  • प्याज को को छीलकर । लच्छेदार तरीके से काट लें।
  • मिर्च ,अदरक और लहसुन का पेस्ट बना लीजिए 
  • कड़ाही में तेल गर्म कीजिए। आँच मीडियम रखिएगा
  • जीरा डालकर चटकाएंगे। इसके बाद लच्छे दार प्याज डालकर इसे गुलाबी होने तक भूनिए। करीब तीन मिनट में प्याज गुलाबी हो जाएगा
  • अदरक, मिर्च और लहसुन का पेस्ट डालकर फिर करीब दो मिनट भूनिए। दो मिनट में ये पूरा पेस्ट बिल्कुल से घुलमिल जाएगा।
  • इस पेस्ट को गैस धीमी करके एक मिनट के लिए ढक कर छोड़ दें।
  • टमाटर कड़े होंगे तो आसानी से छिल जाएंगे। टमाटर छिले रहेंगे तो इसके छिलके खाने में फंसेंगे नहीं
  • टमाटर को बारीक काट लीजिए
  • इस मिश्रण को तब तक चलाते रहिए जब तक कि टमाटर गल ना जाए
  • इसमें धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और गरम मसाला डाल दीजिए। इन मसालों को डालकर करीब एक मिनट चलाइए।
  • वक्त आ गया है कि अाप इसमें पनीर को डाल दें। पनीर को मिश्रण में डालकर लगभग दो मिनट तक चलाएं। इस दौरान गैस की आंच मीडियम पर कर दीजिए।
  • इस सब्जी में करीब एक गिलास (300 ml) पानी डाल दीजिए। अब सब्जी को अपने हिसाब से गाढ़ी होने तक पकाइए।
  • गैस बंद करके इसे हरी धनिया की पत्ती से सजा दीजिए।
प्याज पनीर की ये सब्जी 20-25 मिनट में तैयार हो जाती है।

बुधवार, 18 मई 2016

Benefits of Watermelon - तरबूज के लाभ


तरबूज के लाभ



गर्मियों के मौसम में तरबूज का मेनू में न होना असंभव सी बात है. बेहद रसीला, प्यास बुझाने में सहायक, ठंडक एवं ताज़गी देने वाला यह फल  गर्मियों में पसंद किये जाने वाले खाद्य पदार्थों की सूची में टॉप पर रहता है. तरबूज में 92% पानी होता है और यह गर्मी के महीनों के दौरान हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखने में अत्यंत उपयोगी होता है.
तरबूज बेनिफिट्स को ध्यान में रखकर इसका यूज़ करना चाहिए जो की आपके शारीर को ऊर्जा प्रदान करता है और यह कई गुणों से भरपूर होता है


                                  
  • ब्लैकहैड्स से छुटकारा 
वाटरमेलन का गुदा ले और इससे ब्लैकहैड्स के प्रभावित जगह पर रगड़े . एक मिनट उपरांत चेहरे को गुनगुने पनि से साफ़ कर ले .
  • दिल को स्‍वस्‍थ और फिट रखें
तरबूज में मौजूद पोटेशियम जैसा पोषक तत्‍व दिल को स्‍वस्‍थ और फिट रखने के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दिल को स्‍वस्‍थ रखने के एक वयस्क को एक दिन में 3,510 मिलीग्राम पोटेशियम उपभोग करना चाहिए।
  • दिल और कोलेस्ट्रॉल के लिए 
तरबूज में एंटी -ऑक्सीडैंट्स होता है जो की दिल की बीमारी को दूर रखता है और कोलेस्ट्रॉल को घोल देता है .

  • हार्ट अटैक , अस्थमा , स्ट्रोक जैसी बीमारी को दूर रखे
इसमें लयकपेंे होता है जो की फ्री रेडिकल्स की क्षमता हो काम करता है जो की सूजन , गठिया , अस्थमा , स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों को हटा सकता है .

  • आंखों के लिए फायदेमंद
इसका नियमित सेवन आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। तरबूज में बीटा कैरोटीन और विटामिन ए की मौजूदगी आंखों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छी होती है। इसके सेवन से रतौंधी और मोतियाबिंद जैसे रोगों से बचाव में मदद मिलती है।

  • मोटापा घटाए 
यह फैट फ्री होता है , जिसे बेफिक्र हो कर खाया जा सकता है . अगर आप डाइटिंग पर है तो तरबूज खा कर भी अपनी भूक मिटा सकते है .
  • त्‍वचा और बालों के लिए
विटामिन सी का पर्याप्त सेवन कोलेजन के निर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक होता है। यह त्वचा और बालों के लिए संरचना प्रदान करता है। तरबूज शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करता है जो त्वचा और बालों को स्‍वस्‍थ रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है
  • तरबूज खाने से त्वचा जवां रहती है
तरबूज में पानी की मात्रा बहुत अधिक और फ्लेवनॉयड्स और कैरीटोनॉयड्स नामक तत्व त्वचा के कसाव को बरकरार रखने में मदद करते हैं इसके अलावा यह लंबे समय तक झुर्रियों को दूर रखने में मददगार होता हैं।
  • तरबूज में लाइकोपिन पाया जाता है, लाइकोपिन हमारी त्वचा को जवान बनाए रखता है। ये हमारे शरीर में कैंसर को होने से भी रोकता है।
  • अपचन, भूख बढ़ाने तथा खून की कमी होने पर भी तरबूज बहुत लाभदायक सिद्ध होता है । एक बड़े तरबूज में थोड़ा-सा छेद करके उसमें एक ग्राम चीनी भर दें। फिर दिन तक उस तरबूज को धूप में तथा रात में चंद्रमा की रोशनी में रखें। उसके बाद अंदर से पानी निचोड़ लें और छानकर काँच की साफ बोतल में भर लें। यह तरल पदार्थ चौथाई कप की मात्रा में दिन में दो से तीन मर्तबा पीने से उपरोक्त तकलीफों में अत्यंत लाभकारी होता है।
  • तरबूज की फाँकों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा व काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारें आना बंद होती हैं।
    प्रतिरक्षा प्रणाली में मजबूतीतरबूज में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी हमारे शरीर के प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत बनाता है, जिससे हम बुखार व संक्रमण से दूर रहते हैं।
  • तरबूज खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे खाने के बाद 1 घंटे तक पानी न पियें अन्यथा लाभ के स्‍थान पर शरीर को हानि पहुंच सकती है। तरबूज ताजा काट कर खायें। बहुत पहले का कटा तरबूज भी नुकसान पहुंचाता है।
NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

How to become rich - अमीर कैसे बने

अमीर कैसे बने 


कहा जाता है कि हुनर,लगन और मेहनत; ये तीन ऐसी चीज़े हैं जो रंक को राजा, माटी को सोना और कोयले को हीरा बना सकती हैं।अमीर बनने के लिए लोग आज बहुत मेहनत कर रहे है । दोस्तों यह world आज एक compition world बन चुका है । आज हर कोई आगे बढना चाहता है । अमीर बनना चाहता है ।दोस्तों पहले का जमाना था जब लोग कहते थे की जिसके पास पैसा है सिर्फ वोही crorepati ya lakhpati बन सकता है,लेकिन आज जमाना change हो चुका है,आज इन्सान को अमीर बनने के लिए पैसे की नहीं बल्कि दिमाग की जरुरत होती है,माना की पैसे से भी पैसा कमाया जा सकता है,लेकिन आज के इस जमाने ने ये सावित कर दिया है की आप अपनी सोच से भी rich बन सकते है


आज मैं इस पोस्ट में आपको कुछ टिप्स दूंगा , जो आपको अमीर बनने में मदद करेगें । यह टिप्स बहुत ही सरल है, लेकिन यह जरूरी नहीं ,जो सरल हो वह चीजें काम कि ना हो । कभी - कभी छोटी चीजें ही बड़े परिणाम दे देती है ।

  • अगर आप अपनी जिंदगी में success होना चाहते है तोह एक लक्ष्य बनाइये,अगर आपकी जिंदगी में एक साथ बहुत कुछ चल रहा है,या फिर आप एक साथ कई लक्ष्य पूरा करने का प्रयत्न कर रहे है तोह आप कभी भी अमीर नहीं बन सकते.दोस्तों अमीर बनने के लिए एक लक्ष्य का होना बहुत ही जरुरी है.
  • अमीर बनने के लिए सबसे पहले आपको आपके काम करने के तरिके को बदलना पड़ेगा क्योंकि " जो अाप अभी तक करते आए है और वहीं आगे भी करते रहेगे, तो आपको वही मिलेगा जो आप को अभी तक मिला है । अगर आपको चाहिए वो जो अभी तक नहीं मिला है, तो आप करो वो जो अभी तक नहीं किया ।" आपको hard wark के साथ - साथ smart work भी करना होगा ।यदि हम अपने 24 घन्टे का अच्छे से उपयोग करे तो हम जहाँ पहुंचना चाहते है, वहां पहुँच सकते है । हमेशा एक बात याद रखिए " shot cut कुछ भी नहीं होता है, हमेशा sure cut होता है ।" मेरी टिप्स भी sure cut है
  • अपनी गलतियों से सिखिए और आगे बढ़ते रहिए, क्योंकि " रूका हुआ पानी और ढहरा हुआ इंसान दोनों सड़ जाते है हम सभी ने अपनी जिन्दगी में हार देखी है सफल से सफल लोगों ने भी बड़ी - बड़ी हार देखी है, चाहे वो अमिताब हो ,अब्रहम लिंकन हो या फिर थॉमस एडिसन हो ।
  • अपको अपने आप को अपडेट और अपग्रेड रखना है । " पढ़े लिखे होने से अच्छा है , पढ़ते लिखते रहना क्यों कि अनपढ़ वो नहीं है जो पढ़ नहीं पाते अनपढ़ तो वह है जो सिखना नहीं चाहते है ।
  • पैसों का कितना मैनेजमेन्ट - इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कमाते कितना है, फर्क इससे पड़ता है आप बचाते कितना है । यह बहुत जरूरी है कि आप सही बजट बना कर रखे आपकी आमदनी और खर्च का बजट क्योंकि पैसों का मेैनेजमेन्ट बहुत जरुरी है ।
  • आपके आस - पास एेसे बहुत से लोग होगे जो आपके रोकेगे, टोकेगे , न कहेगे , तुमसे न हो पाएगा मगर " ऐसे कार्य को जरूर करना चाहिए, जिसे लोग सोचते हो की आप नहीं कर सकते।" जब आप सफल हो जाते है तब वहीं लोग आपसे बोलेगें कि मैंने तो पहले ही बोला था । तू एक न एक दिन जरूर कुछ बड़ा करेगा
  • हर महिने इनकम कि से आप अमीर नहीं बन सकते हैं । आप जो भी कमा रहे है, उसे एक संपत्ती में बदले जैसे मकान , दुकान , शेयर ,सोना, बीमा आदि जब आप सो भी रहे हो या काम न भी करे तो भी उसकी कीमत बढ़ती जाए । क्यों कि जब हमारी जिन्दगीं में पैसा आता है तो खर्च अपने आप बढ़ जाता है ।
  • बाँटना (शेयर) करना सिखे क्योंकि " छोटी सोच और पैरों कि मोच आपको ज्यादा आगे जाने नहीं देती " इसलिए जरूरी है, आपके आप अगर पैसा और नॉलेज और जो कुछ भी है उसे शेयर करे ।

क्षमताएँ

क्षमताएँ 


एक  बहुत  बड़ी  इमारत  के  पीछे  बेहद  पुराना  पेड़  था ।  उस  पेड़  पर  एक  बन्दर  और  गौरैया  चिड़िया  का  बसेरा था । एक  दिन  इस  इमारत  में  आग  लग  गई । सारे  लोग  आग  बुझाने  में  जुट  गए । कोई  फायर  ब्रिगेड  को  फोन कर  रहा  था,  तो  कोई  आग  पर  पानी  फेंक  कर  आग  बुझाने  कि  कोशिश  कर  रहा  था ।

बहुत  दु:खी  होकर  चिड़िया  ने  बन्दर  से  कहा-   बन्दर  भाई  हम  भी  कई  सालों  से  इस  इमारत  का  हिस्सा  है  और  हमें  भी   आग  बुझाने  के  लिए  कुछ  करना  चाहिए । यह  बात  सुनते  ही  बन्दर  जोर  से  हँसा  और  बोला -  तू  बित्ते  भर  की  गौरैया  क्या  कर  पाएगी ,  क्या  तुम  इस इमारत  की  आग  बुझा  लेगी ।

 गौरैया  चुप  हो  गई , फिर  थोड़ी  देर  बाद  गौरैया  ने  बन्दर  से  फिर  कहा-  लेकिन  बन्दर  ने  फिर  से  मजाक  उड़ा दिए । अब  गौरैया  से  रहा  नहीं  गया , पेंड़  से  उड़  कर  वह  पास  ही  पानी  के  एक  छोटे  से  गड्ढे  में  गई  और  पानी को  अपनी  चोंच  में  लाकर  आग  पर  डाला । बहुत  देर  तक  वह  उस  गड्ढे  से  पानी  लाकर  डालती  रही । बन्दर  यह  देखकर  लगातार  हँस  रहा  था,  काफी  देर  बाद  बहुत  सारे  लोगों  के  प्रयासों  से  आग  बुझ  गई ।


 गौरैया  के  पेड़  पर  लौटते  ही  बन्दर  ने  कहा -  तुम्हें  क्या  लगता  है  कि  तुमने  अपनी  छोटी  सी  चोंच  से  पानी डालकर  इस  आग  को  बुझाया  है । गौरैया  ने  तिरस्कार  से  बन्दर  को  देखा  और  जवाब  दिया -  सुनो  बन्दर  भाई  इस  बात  से  कोई  फर्क  नहीं  पड़ता  है , कि  मेरी  चोंच  का  साइज  क्या  है।  इस  बात  से  भी  कोई  फर्क  नहीं  पड़ता  कि  आग  को  बुझाने  में  मेरा  योगदान  कितना  था । लेकिन  तुम  यह   बात  हमेशा  याद  रखना  कि   जिस दिन  इमारत  में  आग  लगने  और  बुझाने  का  इतिहास  लिखा  जाएगा,  उस  दिन  मेरा  नाम  आग  बुझाने  वालों  में आएगा  और  तुम्हारा  नाम  किनारे  बैठ  कर  हंसने  वालों  में  आएगा ।


दोस्तों,  यह  सच  है  कि  हम  सब  की  क्षमताएँ  अलग - अलग  है, परिस्थितियां  भी  अलग - अलग  है, योग्यताएँ  भी अलग - अलग  है  या  यूँ  कहूं  कि  हम  सबकी  भी  चोंच  का  साइज  अलग - अलग  है । लेकिन  इस  बात  से  कोई फर्क  नहीं  पड़ता  कि  हमारी  चोंच  का  साइज  क्या  है, फर्क  इस  बात  से  पड़ता  है  कि  हमने  उतना  प्रयास  किया या  नहीं  जितना  हम  कर  सकते  थे  ।  क्या  हमने  अपनी  पूरी  ताकत  झोंकी  या  नहीं , जितना  हम  झोंक  सकते  थे । क्या  हम  अपनी  पूरी  क्षमता  के  साथ  मुश्किल  का  सामना  कर  रहे  हैं  या  नहीं ।

 यदि  हम  भी  इसी  गौरैया  की  तरह  अपने  कार्य  में  जुट  सकते  हैं ?  यदि  हम  तमाम  परिस्थितियों  के  बीच  अपने काम  को  बड़ी  मेहनत  और  लगन  के  साथ  पूरा  कर  सकते  हैं, तो  हमारी  जीत  भी  एक  दिन  निश्चित  है । हमें अपने  जीवन  की  पूरी  जिम्मेदारी  लेनी  होगी,  जीवन  में  किसी  भी  प्रकार  की  बहानेबाजी  या  दोषारोपण  के  लिए जगह  नहीं  होनी  चाहिए । हर  व्यक्ति  दूसरे  को  बदलना  चाहता  है  यही  हमारी  समस्या  का  मूल  आधार  है , दूसरों को  बदलने  के  बजाए  हम  सभी  अपनी  जिम्मेदारी  ले  ले  तो  क्या  नहीं  हो  सकता , अपनी  चोंच  की  साइज  की चिंता  छोड़िए , अपनी  पूरी  ताकत  से  सपनों  को  पाने  की  दिशा  में  जुट  जाइये ।

मंगलवार, 17 मई 2016

Benefits of Saunf - सौंफ के फायदे

सौंफ के फायदे

सौंफ का प्रयोग आप कई तरीके से करते हो। सौंफ का प्रयोग वैदिक काल से होता आ रहा है।सौंफ हर घर में प्रयोग किया जाने वाला मसाला है। सौंफ को खास कर अचार के मसाले में इस्‍तमाल किया जाता है जिससे अचार का स्‍वाद बढ जाता है


सौंफ में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं,जिनका सेवन करने से स्वास्थ्य को फायदा होता है। सौंफ हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होती है। सौंफ में कैल्शियम,सोडियम,आयरन,पोटैशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं।पेट की समस्याओं के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होती है।

  • सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्केस गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा। 
  • बादाम, सौंफ और मिश्री तीनों बराबर भागों में लेकर पीसकर भर दें और रोज दोनों टाइम भोजन के बाद 1 टी स्पून लें। इससे स्मरणशक्ति बढ़ती है। 
  • खाना खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से भोजन ठीक से पचता है। 
  • आंखों की रोशनी सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है।सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढती है। 
  • डायरिया होने पर सौंफ खाना चाहिए। सौंफ को बेल के गूदे के साथ सुबह-शाम चबाने से अजीर्ण समाप्त होता है और अतिसार में फायदा होता है। 
  • दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ की समस्या समाप्त होती है। 
  • यदि दस्त रूक नहीं रहें हों तो आप सौंफ को घी में भूनें और थोडी सी चीनी डालकर उसका चूर्ण का सेवन करने से दस्त ठीक हो जाते हैं। यदि छोटे बच्चों कों दस्त हो तो सौंफ को पानी में उबालें और बच्चे को पिलाते रहें। यह पतले दस्तों आदि को बंद कर देती है। 
  • यदि खाने खाने के बाद मुख से बदबू आती हो ती सौंफ का सेवन करें।
  • सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्केस गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा। 
  •  आपको खट्टी डकारें आ रही हों, तो थोड़ी-सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री डालकर पीजिए। दो-तीन बार इस्तेमाल करने से आराम मिल जाएगा। जीवन में तनाव के लिए जगह बना लेते हैं। 
  • रोजाना सुबह-शाम खाली सौंफ खाने से खून साफ होता है जो कि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है। 
  • सौंफ चेहरे की रौनक को बढा़ता है। यह खून को साफ करती है। इसके नियमित सेवन से चेहरा कांतिमान होता है।
  • खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से खाना अच्छे से पचता है। सौंफ, जीरा व काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए। खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए, यह उत्तम पाचक चूर्ण है।

NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

Kitchen Tips - किचन टिप्स

किचन टिप्स



  • नमक की एक चुटकी डाले जब आप पूरी या पकोड़े फ्राई करे - इस में मदद मिलेगी कम तेल को अवशोषित होगा !
  • आलू के साथ मैं एक सब रखे इससे आलू ठीक रहे गे |
  • आलू के पराठे बनाते समय आलू के मिश्रण में थोड़ी सी कसूरी मेथी डालना न भूले। पराठे इतने स्वादिष्ट होंगे कि हर कोई ज्यादा खाना चाहेगा।
  • हरी मिर्च के डंठल को तोड़कर मिर्च को अगर फ्रिज में रखा जाये तो मिर्च जल्दी खराब नही होती।
  • नूडल्स उबालने के बाद अगर उसमें ठंडा पानी डाल दिया जाये तो वह आपस में चिपकेंगे नही।
  • मिर्च पाउडर लंबे समय तक स्टोर करने के लिए, एक ही कंटेनर में हींग का एक टुकड़ा रखें!
  • चिपचिपा  चावल  से  बचने  के  लिए  , चावल पकाते समय एक  चम्मच तेल और  नीम्बू  का रास डाले !
  • बादाम को अगर 15-20 मिनट के लिए गरम पानी में भिगो दें तो उसका छिलका आसानी से उतर जायेगा।
  • आटा गूंधते समय पानी के साथ थोड़ा सा दूध मिलाये। इससे रोटी और पराठे का स्वाद बदल जाएगा।
  • सख्त नींबू को अगर गरम पानी में कुछ देर के लिए रख दिया जाये तो उसमें से आसानी से अधिक रस निकाला जा सकता है।
  • महीने में एक बार मिक्सर और ग्राइंडर में नमक डालकर चला दिया जाये तो उसके ब्लेड तेज हो जाते हैं।
  • एक टीस्पून शक्कर को भूरा होने तक गरम करे। केक के मिश्रण में इस शक्कर को मिला दे। ऐसा करने पर केक का रंग अच्छा आयेगा।
  • फूलगोभी पकाने पर उसका रंग चला जाता है। ऐसा न हो इसके लिए फूलगोभी की सब्जी में एक टीस्पून दूध अथवा सिरका डाले। आप देखेगी कि फूलगोभी का वास्तविक रंग बरकरार है।

सोमवार, 16 मई 2016

Benefits of Tulsi - तुलसी के लाभ

तुलसी के लाभ



भारत में पुरातन काल से ही तुलसी के औषधीय गुणों को काफी महत्ता दी जाती है तुलसी को हमारे घरों में देवी का रूप माना जाता है और यह हर प्रकार से पवित्र है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी लगाई जाती है उस घर में भगवान वास करते हैं। माना जाता है कि घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा कलह और दरिद्रता दूर करता है। यह मन और तन दोनों को स्वच्छ करती है। इसके गुणों के कारण इसे पूजनीय मानकर उसे देवी का दर्जा दिया जाता है। तुलसी केवल हमारी आस्था का प्रतीक भर नहीं है। इस पौधे में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। भारत में सदियों से तुलसी का इस्तेमाल होता चला आ रहा है।


खांसी करे उड़न-छू : तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी की कोमल पत्तियों को अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। तुलसी को चाय की पत्तियों के साथ उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।

 लिवर (यकृत) संबंधी समस्या: तुलसी की 10-12 पत्तियों को गर्म पानी से धोकर रोज सुबह खाएं। लिवर की समस्याओं में यह बहुत फायदेमंद है।

त्वचा निखारे, रूप संवारे : तुलसी में थाइमोल तत्व पाया जाता है, जो त्‍वचा रोगों को दूर करने में मददगार होता है। तुलसी और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां व फुंसियां ठीक होती हैं। और साथ ही चेहरे की रंगत में निखार आता है।


Benefits of Watermelon - तरबूज के लाभ


पेटदर्द होना: एक चम्मच तुलसी की पिसी हुई पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर गाढा पेस्ट बना लें। पेटदर्द होने पर इस लेप को नाभि और पेट के आस-पास लगाने से आराम मिलता है।

सिरदर्द में मिले राहत :तुलसी का काढ़ा पीने से सिरदर्द में आराम मिलता है। तुलसी के पत्तों के रस में एक चम्‍मच शहद मिलाकर रोजाना सुबह शाम लेने से 15 दिनों में अर्द्धकपाली जैसे रोगों में लाभ मिलता है।

पाचन संबंधी समस्या : पाचन संबंधी समस्याओं जैसे दस्त लगना, पेट में गैस बनना आदि होने पर एक ग्लास पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियां डालकर उबालें और काढा बना लें। इसमें चुटकी भर सेंधा नमक डालकर पीएं।

बुखार आने पर : दो कप पानी में एक चम्मच तुलसी की पत्तियों का पाउडर और एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाकर उबालें और काढा बना लें। दिन में दो से तीन बार यह काढा पीएं। स्वाद के लिए चाहें तो इसमें दूध और चीनी भी मिला सकते हैं।


तनाव को कहें बाय-बाय :तुलसी में तनावरोधी गुण भी पाए जाते हैं। कई शोध तनाव में तुलसी के लाभ के बारे में पुष्टि कर चुके हैं। रोजाना तुलसी के 10-12 पत्तों का सेवन करने से मानसिक दक्षता और तनाव से लड़ने की आपकी क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।

दस्‍त और उल्‍टी दूर भगाए : छोटी इलायची, अदरक का रस व तुलसी के पत्तों को समान मात्रा में मिलाकर लेने से उल्टी नहीं होती। दस्त लगने पर तुलसी के पत्ते भुने जीरे के साथ मिलाकर शहद के साथ दिन में तीन बार चाटने से लाभ मिलता है।

श्वास की समस्या : श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।

गुर्दे की पथरी : तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।

हृदय रोग : तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।

आंखें चमक उठेंगी : आंखों की समस्‍या 'विटामिन ए' की कमी से होती है। तुलसी का रस आंखों की समस्‍याओं में अत्‍यंत लाभदायक होता है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए। हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि इस उपाय को आजमाने से पहले अपने नेत्र चिकित्‍सक से सलाह जरूर ले लें।

सांसों की दुर्गंध होगी दूर :  तुलसी की कुछ पत्तियों को रोजाना चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल के साथ मिलाकर दांतों को साफ करने से सांसों से दुर्गध नहीं आती है।

NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है