रविवार, 31 दिसंबर 2017

नए साल का पहला दिन कैसा होगा

नए साल का पहला दिन कैसा होगा, जानिए




वृषभ (Taurus) - आज कोई अच्छी खबर मिल सकती है. जिसका आपको इंतज़ार था. किसी से शादी का प्रपोजल मिल सकता है.
मिथुन (Gemini) - यआज किसी विवाद में पड़े झगड़ा फसाद न करे मुसीबत में पड़ सकते है थोड़ा संभल कर रहे.
कर्क (Cancer) - आज आपको एहसास होगा कि दूसरों के लिए अच्छा करोगे तो दूसरे भी आपके लिए अच्छा करेंगे।
सिंह (Leo) - अगर किसी का काम को सही टाइम पर करेंगे और अच्छे से करेंगे तो उसका लाभ आपको अवश्य मिलेगा.
कन्या (Virgo) - आज थोड़ा संभल कर रहे, दोस्तों के कारन मुसीबत हो सकती है अदालती कारवाही से दूर ही रहे.
तुला (Libra) - आज दिन अच्छा रहेगा,जीवनसाथी के साथ कही बाहर जाये, बच्चो के साथ वक्त बिताये यही जीवन है.
वृश्चिक (Scorpio) - आज किसी उलझन में रहेंगे किसी समस्या को सुलझये वार्ना मुसीबत बढ़ती जाएगी. कही घूमने जाये मन अच्छा होगा.
धनु (Sagittarius) - आज आर्थिक लाभ मिलेगा. किसी पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है. जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा.
मकर (Capricorn) - आज घर का माहौल अच्छा रहेगा, शांत रहे घर और परिवार में समय दे.
कुंभ (Aquarius) - आज कोई वाद विवाद हो सकता है जमीन जायदाद के मामले में दूर रहे.
मीन (Pisces) - आज धन हानि हो सकती है , पैसो के मामले में संभल कर चले.

Source - USNEWS

गुरुवार, 21 दिसंबर 2017

भारत में पहली बार इस रेस्टोरेंट में रोबोट परोसेंगे खाना

भारत में पहली बार इस रेस्टोरेंट में रोबोट परोसेंगे खाना



विदेशों में तो ऐसे कई रेस्‍टोरेंट मौजूद है जहां पर ग्राहकों को भोजन सर्व करने की जिम्‍मेदारी रोबोट उठाते हैं पर अब भारत में भी ये नजारा देखने को मिलेगा। देश में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पहला रोबोट रेस्टोरेंट खुल गया है। चेन्नई के पॉश इलाके महाबलीपुरम रोड पर बने इस मोमो नाम के चाइनीज रेस्‍टोरेंट में थाई और चाइनीज खाना सर्व किया जाता है। रोबोट थीम का ये रेस्‍टोरेंट अपनी शुरूआत के साथ चर्चा का विषय बन गया है।

वैसे ये अपने किस्‍म के पहले रोबोट नहीं हैं जो लोगों को खाना सर्व कर रहे हैं। हाल ही में ऑस्‍ट्रेलिया से खबर आई थी कि वहां की एक पिज्‍जा कंपनी ने होम डिलीवरी के लिए अपने पिज्‍जा भेजने के लिए रोबोट को नियुक्‍त किया है। इन रोबोट ने पहला पिज्‍जा ऑस्‍ट्रेलिया के ब्रिसबेन में डिलीवर किया था। लिडार यानी लेजर बेस्ड सेंसर टेक्नोलॉजी, जो कि बिना ड्राइवर के चलने वाली कारों में होती है, से चलने वाले ये रोबोट गूगल मैप और जीपीएस की मदद से रास्तों को पहचानते हुए, दूसरी गाड़ियों से टकराने से बचते हुए पिज्‍जा सही ठिकाने तक पहुंचा देते हैं। साथ ही कोई अंजान आदमी इनसे पिज्‍जा नहीं ले सकता क्‍योंकि ये ग्राहक के पास मौजूद एक खास कोड एंटर पर ही पिज्‍जा डिलीवर करते हैं।

वैसे भारत से पहले एशिया के कुछ देशों में रेस्‍टोरेंट में रोबोट बने वेटर लोगों को खाना खिलाते नजर आ रहे हैं। चीन के एक रेस्‍टोरेंट में तो रोबोट सिर्फ वेटर ही नहीं कुक का भी काम करते हैं। इसी तरह सिंगापोर में भी रोबोटिक वेटर वाले रेस्‍टोरेंट हैं। यहां तक कि पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश में भी रेस्‍टोरेंट में वेटर बने रोबोट मौजूद हैं। 

Sourse - rochakpost

सोमवार, 23 अक्तूबर 2017

हैदराबादी पनीर आलू कुल्‍छा

हैदराबादी पनीर आलू कुल्‍छे को किसी दूसरे व्‍यंजन के साथ खाने की जरुरत नहीं होती हैं आप इसका आनंद सुबह या शाम के नाश्ते में ले साकते हैं या फिर इसे 'लंच बॅाक्‍स में ले जा सकते हैं या फिर पार्टी में भी इसे परोस सकते हैं। रायता और अचार के साथ परोसने पर यह एक संपूर्ण भोजन का एहसास देता है।




सामग्री 

  • आटा बनाने के लिए 
  • 1 कप मैदा 
  • एक चुटकी शक्कर 
  • 5 टेबल-स्पून दूध 
  • 1 टी-स्पून तेल 
  • नमक , स्वादानुसार

 मिक्स करकें भरवां मिश्रण बनाने के लिए


  •  एक चौथाई कप कसा हुआ पनीर
  •  आधा कप उबाले और मसले हुए आलू 
  • एक चौथाई कप बारीक कटा हुआ प्याज़
  •  एक चौथाई कप बारीक कटा हुआ हरा धनिया
  •  2 टेबल-स्पून बारीक कटे हुए पुदिने के पत्ते 
  • 2 टी-स्पून बारीक कटी हुई हरी मिर्च 
  • आधा टी-स्पून अदरक की पेस्ट 
  • आधा टी-स्पून ज़ीरा पाउडर
  •  एक टी-स्पून नीबूं का रस 
  • नमक , स्वादानुसार 
  • अन्य सामग्री 

मैदा , बेलने के लिए 
घी , पकाने के लिए

 विधि 
आटा बनाने के लिए एक गहरे बाउल में सभी सामग्री को मिलाकर पानी का उपयोग किये बिना नरम आटा गूंथ लीजिए। ढ़क्कन से ढ़क कर 20 मिनट तक एक तरफ रख दीजिए। आगे की विधि भरवां मिश्रण को 5 बराबर भाग में बाँट लीजिए। एक तरफ रख दीजिए। आटे को 5 बराबर भाग में बाँट लीजिए। आटे के प्रत्येक भाग को थोड़े मैदा का प्रयोग कर के 150 मि। मी। (6 ") व्यास के गोल आकार में बेल लीजिए। गोले के बीच मे भरवां मिश्रण का एक भाग रखकर, किनारीयों को बीच में लाकर अच्छी तरह दबाकर बंद कर लीजिए और मैदे का प्रयोग कर के 150 मि। मी। (6 ") व्यास के गोल आकार में बेल लीजिए। एक नानॅ-स्टिक तवा गरम कीजिए और थोड़े घी का प्रयोग कर कुल्छे को दोनों तरफ सुनहरे दाग पड़ने तक पका लीजिए।  गरमा गरम परोसिए।

शनिवार, 2 सितंबर 2017

आलू पोस्तो - Aloo Posto

आलू पोस्तो - Aloo Posto






सामग्री (Ingredients)


  • 4-5 छोटे आलू (उबले और छिले हुए)
  • 2 बड़े चम्मच पोस्ता दाना (खसखस)
  • 1 बड़ा प्याज़ (बारीक कटा हुआ)
  • 2-3 हरी मिर्च
  • 1/2 चम्मच चीनी
  • 1/4 चम्मच कलोंजी
  • 1/2 चम्मच जीरा
  • नमक स्वादानुसार

विधि (how to make aloo posto)
  • सबसे पहले खसखस को हलके गरम पानी में आधे घंटे के लिए भिगो दीजिये.
  • फिर पानी निकाल के हरी मिर्च के साथ बारीक पेस्ट बना लीजिये.
  • अब एक कढाई में तेल डाल के गरम कीजिये, उसमे जीरा और कलोंजी डाल के पकाइए फिर प्याज़ डाल के सुनहरा होने तक पकाइए.
  • पिसा हुआ पेस्ट डालिए और 2-3 मिनट तक भूनिए फिर उबले आलू, नमक और चीनी और आधा कप पानी मिला के धीमी आंच पर पानी सूखने तक पकाइए.
  • आलू पोस्तो तैयार है
  • गर्मागर्म आलू पोस्तो रोटी और चावल के साथ परोसिये.

रविवार, 13 अगस्त 2017

Interesting facts about Independence Day - 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस से जुड़े रोचक तथ्य

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस से जुड़े रोचक तथ्य


जिस देश ने लंबे समय तक किसी की गुलामी सही हो, उसके लिए आजादी का क्या मतलब होगा। हम 15 अगस्त 1947 की बात कर रहे हैं जिसे हम स्वतंत्रता दिवस भी कहते हैं। 15 अगस्त को 32 करोड़ लोगो ने आजादी की सुबह देखी थी। आज हम आपको आजादी से जुड़े रोचक तथ्यों के साथ कुछ ऐसे सवालों के जवाब भी देंगे जो आपको आज तक किसी ने शायद ही बताए हों।
1. क्या आपको पता हैं.. पाकिस्तान 14 अगस्त को आजाद हुआ था और भारत 15 अगस्त को।
2. आजादी एक दिन में नही बल्कि बरसों संघर्ष करने के बाद मिली। आजादी के लिए पहला बलिदान 1857 में दिया गया।
3. 14 अगस्त की मध्यरात्रि को नेहरू ने एक भाषण दिया था ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी‘. इसे पूरी दुनिया ने सुना लेकिन महात्मा गांधी ने नही.. क्योंकिं वह 9 बजे सोने चले गए थे।
4. भारत 15 August को आज़ाद जरूर हो गया, लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था। हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह हमारा राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया.
5. 15 अगस्त 1947 को, पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था लेकिन गांधी जी इसमे शामिल नही हो पाए, क्योकिं वह इस समय कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम दंगे को रोकने में लगे थे।
6. भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा 15 August तक नही थी। यह 17 August को रेडक्लिफ लाइन के रूप में खींची गई।
7. अमेरिका को आजाद हुए 240 साल हो चुके हैं लेकिन भारत को सिर्फ 70 साल।
8. हर स्वतंत्रता दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं लेकिन 1947 में ऐसा नही हुआ। नेहरू जी ने 16 अगस्त को लाल किले से झंडा फहराया।
9. आजादी के बाद पुर्तगाल ने अपने संविधान में संशोधन करके गोवा को अपना हिस्सा घोषित कर दिया था। फिर 19 दिसंबर 1961 को भारतीय फौज ने गोवा पर कब्जा करके उसे भारत का हिस्सा बनाया।
10. 15 अगस्त 1947 को, 1 रुपया 1 डाॅलर के बराबर था और सोने का भाव 88 रुपए 62 पैसे प्रति 10 ग्राम था.
आजादी के अलावा 15 August और किन मायनों में खास हैं।
11. 15 August, के दिन ही वीर चक्र को मान्यता दी गई थी।
12. 15 August 1972, को भारत में डाक पिन की शुरूआत की गई थी। यह छ: अंको का नंबर होता हैं।
13. 15 August 1982, को इंदिरा गांधी के भाषण के साथ भारत में टीवी पर रंगीन प्रसारण की शुरूआत हुई।
14. 15 August, भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस हैं। दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आज़ाद हुआ। ब्रिटेन से बहरीन 15 अगस्त, 1971 को और फ्रांस से कांगो 15 अगस्त, 1960 को आज़ाद हुआ।
15. अब सवाल ये उठता हैं कि आखिर भारत को 15 August 1947 को रात 12 बजे ही आजादी क्यों मिली ?
भारत को किसी भी दिन आजाद किया जा सकता था लेकिन भारत में अंग्रेजी सरकार के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने देश को 15 अगस्त को ही आजाद घोषित करने का निश्चय किया। ऐसा इसलिए Q कि इसी दिन ठीक दो वर्ष पहले यानि 15 अगस्त, 1945 को जापान ने खुद को मित्र देशों के सामने समर्पित किया था।
Note :- आपके पास 15 august in Hindi में और Information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट में लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे. धन्यवाद.
Source - gazabhindi

बुधवार, 14 जून 2017

प्याज के गुण व फायदे

प्याज हमारे खाने में एक अलग ही स्वाद तथा खुशबू जोड़ देता है. मुझे नहीं लगता कोई महिला अपने किचन में प्याज के बिना खाना बनाने का सोचती होगी. गुलाबी, सफ़ेद प्याज देखने में जितना मनभावन होता है, उतना ही खाने में लजीज भी. हर शाही खाने में इसे उपयोग किया जाता है. यह खाने की रंगत ,स्वाद, एवं पौष्टिकता को बढ़ाता है. लेकिन इसे काटते वक़्त आंखों से पानी आने लगता है, एसा लगता है मानो हम रो रहे हों. लेकिन चाहे कितने ही आँसू क्यूँ ना निकाल आए हमारी आँखों से इसे काटते वक़्त, परंतु फिर भी हम इसका उपयोग बंद नहीं करते या यूं कहें कि बंद कर ही नहीं सकते. रोते–रोते आँखों से आँसू निकालते, इसे काटते ही हैं, क्योंकि हमे पता है प्याज हमारे खाने को एक अलग ही रूप, स्वाद, खुशबू एवं सेहत देने वाला है.


प्याज का रोचक इतिहास (Pyaz History) :
आजकल एसे तो प्याज हर देश, हर जगह के खाने की पहचान और जरूरत बन गया है और यह हर देश में पाया जाता है. लेकिन इसकी शुरुआत एवं उपयोग इजीप्ट से मानी जाती है. यहाँ प्याज को खाने के साथ साथ राजा महाराजा द्वारा देश की मुद्रा के लिए भी प्रयोग में लाया जाता था. राजा द्वारा अपने सेवक तथा कर्मचारी को उसके कार्य के लिए भेंट में प्याज दिये जाने की परंपरा थी. इसके बाद प्याज दुनिया भर में मशहूर हो गया एवं अपनी जगह बनाते हुए इसने मध्यम युग में एशिया एवं यूरोप के देशों में प्रवेश किया. फिर तो इसे इतना उपयोग एवं पसंद किया जाने लगा, कि इसका हर खाने एवं व्यंजन मे इस्तेमाल होने लगा. यूरोप में तो इसे नाश्ते के रूप में भी अच्छा विकल्प माना जाने लगा.फिर यूरोप के बाद प्याज ने अपना सफर तय करते हुए, वेस्ट इंडिस की ओर रूख किया. इसे यहाँ लाने का श्रेय महान यात्री तथा अमेरिका की खोज करने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस को जाता है. वेस्ट इंडिस के बाद प्याज का उत्पादन पश्चिम देशों में बढ़ने लगा. आज चाइना, भारत, यूनाइटेड स्टेट्स, रशिया, और स्पेन प्याज के बड़े उत्पादक के रूप में उभर के आए हैं. यहाँ प्याज का उत्पादन एवं उपयोग दोनों ही अधिक मात्र में होने लगा है.
प्याज के घटक (Pyaj Ingridients):
प्याज में कई उपयोगी एवं स्वास्थवर्धक खनिज एवं विटामिन होते हैं. इसमें सल्फर के यौगिक, फ्लेवोनोइड्स तथा विटामिन बी, विटामिन सी, केल्शियम, ज़िंक, पॉटेशियम, तांबा, फाइबर, लोहा और कम केलोरी वाले वसा भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. एक कप प्याज किसी भी रूप में (कच्चा या भुना हुआ) में लगभग 210 ग्राम में शरीर के लिए कई लाभ देने वाले पोशक तत्व होते हैं.
घटक % प्रति 100 ग्राम
बायोटीन 27
मेंगेनीस (Mn) 16
तांबा (Cu) 16
विटामिन बी 6 16
विटामिन सी 15
फाइबर 12
फास्फोरस (P) 11
पॉटेशियम (K) 10
विटामिन बी 1 08
फोलेट 08
प्याज को इस्तेमाल करने का सही तरीका (Currect Way to use Onion ):
  • प्याज में कई परतें होती हैं. उसे उपयोग करते समय हम उसके छीलके की कई परत निकालते जाते हैं. लेकिन प्याज की बाहरी परतों पर अधिक फ्लेवोनोइड्स होता है. इसलिए अगर प्याज के पोशक तत्वों का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना है, तो इसकी कम से कम परत छीलिये. क्यूंकी छोटी पतली परत निकालने से ही बहूत फ्लेवोनोइड्स नष्ट हो जाते हैं, तो सोचिए अगर आप ज्यादा मोटी परत निकालते हैं तो आप आँखों से आँसू के साथ साथ फ्लेवोनोइड्स भी निकाल देंगे.
  • कहते हैं अनाज, सब्जी, फल आदि को ज्यादा देर तक आंच पर नहीं पकाना चाहिए. क्योंकि ज्यादा पकाने से खाद्य पदार्थ में मौजूद पोशक तत्व नष्ट होने लगते हैं. लेकिन प्याज को जब भी सूप बनाने के लिए ज्यादा देर तक उबाला जाता है तो उसमें मौजूद क्यूसेर्टिन (quercetin) नष्ट होने के बजाय पानी में स्थानांतरित हो जाता है और बहूत ही पौष्टिक सूप तैयार हो जाता है. प्याज के पौशक तत्व सूप में सही मात्रा में आए इसके लिए जरूरी है कि सूप को मध्यम आंच पर पकाया जाये.
  • वैसे तो प्याज का इस्तेमाल किसी भी रूप में भी किया जाये फायदेमंद ही होता है, परंतु फिर भी इसे सलाद के रूप में खाने में शामिल करना अधिक लाभदायी होता है. इससे अधिक क्यूसेर्टिन (quercetin) हमारे शरीर में आता है, जो सेहत के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है.

प्याज के गुण एवम फायदे

Pyaj ke gun, fayde (benefits of onion) in hindi

  • रक्तचाप नियंत्रित करे :
प्याज में क्रोमियम (Cr) तत्व होते हैं, जो शरीर में रक्त में मौजूद शक्कर के स्तर को कम करता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है. इससे मधुमेह (डायबिटिस) होने का खतरा भी कम होने लगता है. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रैशर) की शिकायत होने पर प्याज के सेवन की सलाह दी जाती है.
  • कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक:
आपने कई बार या यूं कहे की हर बार प्याज को सलाद के रूप में खाने के साथ खाया होगा. प्याज का नियमित सेवन शरीर में बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल को रोकता है, और आपको चुस्त, और फुर्तीला बनाता है. इससे हृदयाघात की संभावना भी कम हो जाती है. लीजिये, प्याज खाने का स्वाद तो बढ़ाता ही है साथ ही साथ आपकी सेहत का ध्यान भी रखता है.
  • संक्रमण कम करे :
प्याज में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का गुण है. इससे शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए सक्षम बनाता है. ये संक्रमण को रोकने में भी सहायक होता है. प्याज प्राकृतिक रूप से एन्टीबायोओटिक, एन्टीसेप्टिक है जो आपको हमेशा ही संक्रमण से दूर रखता है.
  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए:
प्याज में मौजूद फायटोकेमिकल तथा विटामिन सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. यह कई बीमारियों से लड़ कर हमारी रक्षा करता है.
  • कैंसर से बचाए :
प्याज का रोजाना सेवन कैंसर से बचने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. यह सभी प्रकार के कैंसर जैसे कोलोरेक्टल, और ओवरियन कैंसर से बचाता है. एक प्याज लगभग आधा कप का सेवन आवश्यक रूप से रोजाना करना चाहिए.
  • अलसर से बचाए :
प्याज में मौजूद फ्री रेडिकल्स पेट में होने वाली परेशानी तथा अलसर से बचाते हैं. प्याज का सेवन गेस्ट्रिक अलसर (पेट में होने वाले छाले) को खत्म करने में बहूत ही लाभदायक है.
  • पाचन शक्ति बढ़ाए :
प्याज के सेवन से शरीर में पाचक रस अधिक मात्रा में बनने लगता है, जो की पाचन में होने वाली गड़बड़ी को रोकता है. आहा ! प्याज का सेवन स्वाद तो बढ़ाता ही है, साथ ही साथ पाचन शक्ति बढ़ाने में भी सहायक होता है. इससे पेट संबधित रोग भी नष्ट होने लगते हैं.
  • आँखों को स्वस्थ रखे :
हरे प्याज विटामिन ए से भरपूर होते हैं, जो की आँखों की परेशानियों को दूर करने तथा शरीर में विटामिन ए की कमी से होने वाली बीमारियों से बचाने में हितकारी होता है.
  • त्वचा चमकाए :
अगर आप चमकदार, कांतिमय त्वचा चाहते हैं तो प्याज का सेवन एवं उपयोग शुरू कर दीजिये. प्याज में भरपूर मात्रा में एन्टीओक्सिडेंट्स, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई होते हैं जो की त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं.
  • मासिक धर्म में होने वाली तकलीफ कम करे :
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में होने वाली तकलीफ को कम करने के लिए भी प्याज का सेवन हितकारी है. मासिक धर्म के शुरुआती दिनों में प्याज का सेवन मासिक चक्र को नियमित कर उस दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में सहायक होता है.
  • याद्दाश्त बढ़ाए :
प्याज मे मौजूद फायटोकेमिकल्स मस्तिष्क को मजबूत बनाता है. यह तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है तथा याद्दाश्त बढ़ाने में सहायक होता है.

प्याज के रस के फायदे (Pyaj ka ras ke fayde):

प्याज का इस्तेमाल सभी रूपों में फायदेमंद ही होता है. प्याज को उसके रस के लिए भी कई जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है. तो आइये देखते हैं प्याज के रस के कुछ लाभकारी फायदे.
  • आँखों की तकलीफ दूर करे : आँखों से पानी आना या आँखों की रोशनी कम होने पर प्याज के रस को दवाई के रूप में आँखों में डालने पर फायदा मिलता है. प्याज के रस को गुलाब जल के साथ मिला कर आँखों में कुछ बूंद डालने से भी आँखों की समस्या दूर होती है.
  • खूबसूरती बढ़ाए : प्याज के रस को हल्दी के साथ पेस्ट बना के लगाने से भी चेहरे के दाग मिटने लगते हैं और चेहरे की त्वचा चमकने लगती है, और आपकी खूबसूरती बढ़ने लगती है.
  • जलन से बचाए : अगर आपको चमड़ी पर जलने का निशान है तो प्याज का रस उस पर लगाये, कुछ ही दिनों में निशान जाने लगेंगे. किसी भी प्रकार जलने पर प्याज का रस तुरंत लगाने से जलन कम होती है.
  • बुखार का साथी : बुखार, सामान्य सर्दी, खाँसी, एलर्जी में प्याज का उपयोग तुरंत ही फायदा पहुंचाता है. प्याज के रस को शहद के साथ मिला कर सेवन करने से एलर्जी का प्रभाव कम होता है. अधिक बुखार आने पर प्याज के टुकड़े को सिर पर रखिए, यह ठंडक देता है, जिससे बुखार कम होने लगता है. अगर फिर भी बुखार कम नहीं हो रहा हो, तो प्याज के रस को सिर तथा हाथ पैर पर लगाने से भी फायदा मिलता है.
  • लू से बचाए : गर्मी के मौसम में गर्म हवा के कारण (लू लगने से ) हम बीमार पड़ जाते हैं. इस समय प्याज का रस अमृत के समान है. प्याज के रस को सिर, हाथ पैर पर लगाने से तथा इसे सूँघने से लू का असर कम होने लगता हैं. अगर आप कहीं धूप में जा रहे हैं तो अपने साथ एक प्याज अवश्य रखिए. यह आपको लू ( गर्म हवा ) से बचाएगा.
  • मधुमक्खी के डंक से बचाए : यह जानना बहूत ही दिलचस्प होगा की प्याज का रस आपको मधुमक्खी के डंक से बचाता है. अगर आपको कभी अचानक मधुमक्खी काट ले तो घबराइए नहीं. प्याज के रस को तुरंत ही उस जगह लगाये और देखिये थोड़ी ही देर में आप उस परेशानी से दूर हो जाएंगे.
  • बालों के लिए अत्यंत लाभकारी :प्याज के रस को बालों की जड़ में लगाने से बालों का टूटना एवं झड़ना कम होता है. यह बालों में होने वाली जूँ से भी बचाता है. हफ्ते में कम से कम दो बार प्याज के रस का प्रयोग बालों में करना चाहिए. यह बालों को स्वस्थ एवं मजबूर बनाता है.
प्याज में फ्लेवोनोइड्स तथा सल्फर के यौगिक का साथ प्याज को बहुत ही गुणकारी बनाता है और इसीलिए WHO (वर्ल्ड हैल्थ ओर्गनाइसेशन) एक शोध के आधार पर प्याज को नियमित रूप से हमारे खाने में शामिल करने की सलाह देता है.


Source - deepawali

गुरुवार, 25 मई 2017

Mouth Smell Treatment - मुँह की दुर्गन्ध दूर करने के उपाय


कई बार हमारे मुहं से दुर्गन्ध आने लगती हे. ऐसा पेट की बीमारी, रोज़ ब्रश ना करने से या खाने के अंश दांतों में रह जाने से होता हे. यह हमारी personalty पर ज्यादा effect डालता हे. ऐसे में कोई हमारे पास खड़ा रहना भी पसंद नहीं करता. आज की इस पोस्ट में, में आपको मुहं की दुर्गन्ध दूर करने के उपाय बताऊंगा.
 


लक्षण


मुँह से कुछ खाने पीने की दुर्गन्ध, कफ की दुर्गन्ध पायरिया की वजह से दुर्गन्ध पाचन विकार के कारण आती है.




चिकित्सा दुर्गंध मुंह सांसों की बदबू का इलाज how to remove bad breath mouth in hindi

1. सुबह शाम खाना खाने के बाद एक लौंग मुँह में रख कर चूसे. मुँह की दुर्गन्ध दूर होती है.

2. पेट की गड़बड़ी के कारण आने वाली दुर्गन्ध भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौफ खाने से दुर होती है. इससे मुख रोग, सुखी खाँसी, बैठी हुई आवाज, गले की खुश्की दूर होती है.

3. ताजे पानी में नींबू निचोड़कर कुल्ले करने से दुर्गन्ध दूर होती है. ऐसा 2-3 सप्ताह करना चाहिए.

4. इलायची व् मुलैठी चूसने से मुँह की दुर्गन्ध दूर होती है.

5. नींबू को काट कर आधे नींबू पर काला नमक दो चुटकी एवं पिसी हुई काली मिर्च भर दे फिर धीमी आंच पर या तवे पर रखकर गरम करे. इसके चूसने से मुँह की कड़वाहट, बिगड़ा हुआ स्वाद, पेट की गड़बड़ी, बदहजमी की शिकायत मिटती है.

सोमवार, 22 मई 2017

Electronic Voting Machine (EVM)-इलेक्ट्राॅनिक वोटिंग मशीन

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जानकारी

 
 

प्रश्न 1 : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन क्या है? इसकी कार्यप्रणाली मतदान करने की पारम्परिक प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पांच-मीटर केबल द्वारा जुड़ी दो यूनिटों-एक कंट्रोल यूनिट एवं एक बैलेटिंग यूनिट-से बनी होती है। कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास होती है तथा बैलेटिंग यूनिट वोटिंग कम्पार्टमेंट के अंदर रखी होती है। बैलेट पेपर जारी करने के बजाए, कंट्रोल यूनिट का प्रभारी मतदान अधिकारी बैलेट बटन को दबाएगा। यह मतदाता को बैलेटिंग यूनिट पर अपनी पसंद के अभ्यर्थी एवं प्रतीक के सामने नीले बटन को दबाकर अपना मत डालने के लिए सक्षम बनाएगा।

प्रश्न 2 : निर्वाचनों में ईवीएम का पहली बार चलन कब शुरू किया गया?

उत्तर : वर्ष 1989-90 में विनिर्मित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का प्रयोगात्मक आधार पर पहली बार नवम्बर, 1998 में आयोजित 16 विधान सभाओं के साधारण निर्वाचनों में इस्तेमाल किया गया। इन 16 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्रों में से मध्य प्रदेश में 5, राजस्थान में 5, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली में 6 विधान सभा निर्वाचन-क्षेत्र थे।

प्रश्न 3 : उन क्षेत्रों में जहां बिजली नहीं है, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का किस प्रकार इस्तेमाल किया जा सकता है?

उत्तर : ईवीएम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलूर एवं इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड; हैदराबाद द्वारा विनिर्मित 6 वोल्ट की एल्कलाइन साधारण बैटरी पर चलती है। अत:, ईवीएम का ऐसे क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है जहां पर बिजली कनेक्शन नहीं हैं।

प्रश्न 4 : अधिकतम कितने मतों को ईवीएम में डाला जा सकता है?

उत्तर : ईवीएम में अधिकतम 3840 मत दर्ज किए जा सकते हैं। जैसाकि सामान्यब तौर पर होता है, एक मतदान केन्द्र में निर्वाचकों की कुल संख्याह 15,00 से अधिक नहीं होगी फिर भी, ईवीएम की क्षमता पर्याप्त् से अधिक है।

प्रश्न 5 : अधिकतम कितने अभ्यैर्थियों के लिए इलेक्ट्रॉ निक वोटिंग मशीनें काम कर सकती हैं?

उत्तर : ईवीएम अधिकतम 64 अभ्य‍र्थियों के लिए काम कर सकती है। एक बैलेटिंग यूनिट में 16 अभ्यमर्थियों के लिए प्रावधान है। यदि अभ्यर्थियों की कुल संख्याे 16 से अधिक हो जाती है तो पहली बैलेटिंग यूनिट के साथ-साथ एक दूसरी बैलटिंग यूनिट जोड़ी जा सकती है। इसी प्रकार, यदि अभ्येर्थियों की कुल संख्या 32 से अधिक हो तो एक तीसरी बैलेटिंग यूनिट जोड़ी जा सकती है और यदि अभ्यथर्थियों की कुल संख्या 48 से अधिक हो तो एक चौथी यूनिट अधिकतम 64 अभ्ययर्थियों के लिए काम करने हेतु जोड़ी जा सकती है।

प्रश्न 6 : यदि किसी निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यतर्थियों की संख्या् 64 से अधिक हो जाए तो क्यां होगा?

उत्तर : यदि किसी निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 64 से अधिक हो जाए तो ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में मत पेटी एवं मत पत्र के माध्येम से किए जाने वाले मतदान की पारम्पररिक प्रणाली को अपनाना पड़ेगा।

प्रश्न 7 : यदि किसी खास मतदान केन्द्र में ईवीएम खराब हो जाए तो क्या होगा?

उत्तर : एक अधिकारी को मतदान के दिन लगभग 10 मतदान केन्द्रोंु को कवर करने के लिए ड्यूटी पर लगाया जाता है। वे अपने पास अतिरिक्त ईवीएम रखे रहेंगे और खराब ईवीएम को नई ईवीएम से बदला जा सकता है। ईवीएम के खराब होने के चरण तक दर्ज मत कंट्रोल यूनिट की मेमोरी में सुरक्षित रहेंगे और ईवीएम के खराब होने के बाद से मतदान प्रक्रिया जारी रखना पर्याप्ते होगा। प्रारम्भी से, मतदान शुरू करना आवश्यरक नहीं है।

प्रश्न 8 : ईवीएम को किसने बनाया है?

उत्तर :इलेक्ट्रॉ निक वोटिंग मशीनें ढेरों बैठकें करने, प्रोटोटाइपों की परीक्षण-जांच करने एवं व्याजपक फील्डह ट्रायलों के बाद दो लोक उपक्रमों अर्थात भारत इलेक्ट्रॉ निक्स लिमिटेड, बेंगलूर एवं इलेक्ट्रॉ निक कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया, हैदराबाद के सहयोग से निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार एवं डिजाइन की गई है। अब, इलेक्ट्रॉ निक वोटिंग मशीनें उपर्युक्तच दो उपक्रमों द्वारा विनिर्मित की जाती हैं।

प्रश्न 9 : मशीन की लागत क्याव है? क्या‍ ईवीएम का प्रयोग करना अत्यीधिक खर्चीला नहीं है?

उत्तर : वर्ष 1989-90 में जब मशीनें खरीदी गई थीं उस समय प्रति ईवीएम (एक कंट्रोल यूनिट, एक बैलेटिंग यूनिट एवं एक बैटरी) की लागत 5500/- थी। यद्यपि, प्रारंभिक निवेश किंचित अधिक है, लाखों मत पत्रों के मुद्रण, उनके परिवहन, भंडारण आदि, और मतगणना स्टाकफ एवं उन्हें् भुगतान किए जाने वाले पारिश्रमिक में काफी कमी हो जाने की दृष्टि से हुई बचत के द्वारा अपेक्षा से कहीं अधिक निष्प्र भावी हो जाता है।

प्रश्न 10 : हमारे देश की जनसंख्याा के एक काफी बड़े हिस्सेग के निरक्षर होने के परिणामस्व रूप क्या् इससे निरक्षर मतदाताओं के लिए समस्यान नहीं उत्पेन्न होगी?

उत्तर : दरअसल, ईवीएम के द्वारा मतदान किया जाना पारम्पसरिक प्रणाली की तुलना में कहीं अधिक सरल है जिसमें एक व्यक्ति को अपनी-अपनी पसंद के अभ्यपर्थी के प्रतीक पर या उसके समीप मतदान का निशान लगाना पड़ता है, पहले उसे उर्ध्वादधर रूप में और फिर क्षैतिज रूप में मोड़ना पड़ता है और उसके बाद उसे मत पेटी में डालना पड़ता है। ईवीएम में, मतदाता को केवल अपनी पसंद के अभ्यकर्थी एवं प्रतीक के सामने नीला बटल दबाना होता है और मत दर्ज हो जाता है। ग्रामीण एवं निरक्षर लोगों को अपना मत दर्ज करने में कोई कठिनाई नहीं होती है और उन्होंने तो बल्कि ईवीएम के उपयोग का स्वा गत किया है।

प्रश्न 11 : क्या ईवीएम के उपयोग से बूथ-कैप्च रिंग को रोका जा सकता है?

उत्तर : बूथ कैप्चरिंग से तात्पर्य यदि यह है कि मत पेटियों या मत पत्रों को ले जाना या उन्हें क्षतिग्रस्त करना तो ईवीएम के उपयोग द्वारा उस बुराई को नहीं रोका जा सकता है क्यों्कि ईवीएम भी उपद्रवियों द्वारा बलपूर्वक भी ले जाए जा सकते हैं या क्षतिग्रस्तं किए जा सकते हैं। परन्तु यदि बूथ कैप्चलरिंग को उपद्रवियों द्वारा मतदान कर्मियों को धमकाने तथा मतदान पत्रों में प्रतीक पर मुहर लगाने तथा चंद मिनटों में भाग निकलने के मामले के रूप में देखा जाता है तो इसे ईवीएम के उपयोग द्वारा रोका जा सकता है। ईवीएम की प्रोग्रामिंग इस प्रकार की गई है कि मशीनें एक मिनट में केवल पांच मतों को ही दर्ज करेगी। चूंकि मतों का दर्ज किया जाना अनिवार्य रूप से कंट्रोल यूनिट तथा बैलेटिंग यूनिट के माध्य म से ही किया जाना, इसलिए उपद्रवियों की संख्या चाहे कितनी भी हो, वे केवल 5 मत प्रति मिनट की दर से ही मत दर्ज कर सकते हैं। मत पत्रों के मामले में, उपद्रवी एक मतदान केन्द्र के लिए निर्दिष्ट सभी 1000 विषम मत पत्रों को आपस में बांट सकते हैं, उन पर मुहर लगा सकते हैं, उन्हें् मत पेटियों में ठूंस सकते हैं तथा पुलिस बलों के अधिक संख्या में पहुंचने से पहले भाग सकते हैं। प्रत्ये क आधे घंटे में उपद्रवी अधिकतम 150 मतों को ही दर्ज कर सकते हैं और तब तक इस बात की संभावनाएं हैं कि पुलिस बल पहुंच जाए। इसके अतिरिक्त, पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी द्वारा मतदान केन्द्रव के भीतर जैसे ही कुछ बाहरी व्य क्तियों को देखा जाए तो उनके पास “बंद” बटन दबाने का विकल्पे हमेशा रहेगा। एक बार ‘बंद’ बटन दबा देने के पश्चा त कोई भी मत दर्ज करना संभव नहीं होगा और इससे बूथ पर कब्जा करने वालों का प्रयास निष्फल हो जाएगा।

प्रश्न 12 : ईवीएम के उपयोग के क्या-क्या फायदे हैं?

उत्तर : सबसे महत्वमपूर्ण फायदा यह है कि लाखों-करोड़ों की संख्याउ में मत पत्रों की छपाई से बचा जा सकता है क्यों कि प्रत्येैक अलग-अलग निर्वाचक के लिए एक मत पत्र के बजाय प्रत्येाक मतदान केन्द्र पर बैलेटिंग यूनिट पर केवल एक मत पत्र लगाया जाना अपेक्षित है। इसके परिणामस्व्रूप कागज, मुद्रण, पारवहन, भंडारण एवं वितरण की लागत के रूप में भारी बचत होती है। दूसरे, मतगणना बहुत तेजी से होती है और पारम्परिक प्रणाली के अंतर्गत औसतन, 30-40 घंटों की तुलना में 2 से 3 घंटों के भीतर परिणाम घोषित किए जा सकते हैं। तीसरे, ईवीएम मतदान प्रणाली के अंतर्गत कोई अमान्यण मत नहीं होता है। इसकी महत्ताप तब बेहतर तरीके से समझी जाएगी, जब यह याद किया जाए कि प्रत्येाक साधारण निर्वाचन में कई निर्वाचन क्षेत्रों में अमान्यत मतों की संख्याि विजयी अभ्यार्थी एवं द्वितीय स्था्न-प्राप्तब अभ्योर्थी के बीच जीत के अंतर से अधिक होती है। इस सीमा की दृष्टि से निर्वाचकों की पसंद उस परिस्थिति में अधिक उचित तरीके से परिलक्षित होती है जब ईवीएम का इस्तेपमाल किया जाता है।

प्रश्न 13 : क्याि ईवीएम का उपयोग मतदान की गति धीमी कर देता है?

उत्तर : नहीं
दरअसल, ईवीएम उपयोग से मतदान की गति और तेज हो जाती है क्योंीकि मतदाता के लिए यह आवश्येक नहीं होता है कि पहले वह मतपत्र को खोलें, अपनी पसंद चिह्नित करें, फिर उसे मोड़ें और वहां जाएं जहां मत पेटी रखी गई है और उसे पेटी में डालें। ईवीएम प्रणाली के अंतर्गत उसे केवल अपनी पसंद के अभ्यपर्थी एवं प्रतीक के समीप बटन को दबाना होता है।

प्रश्न 14 : कंट्रोल यूनिट की मेमोरी में परिणाम कितने समय तक रहता है?

उत्तर : कंट्रोल यूनिट, की मेमोरी में, परिणाम, 10 वर्ष और उससे भी अधिक समय तक रहता है।


प्रश्न 15. क्याण बटन को बार-बार दबाकर एक से अधिक बार मतदान करना सम्भलव है?

उत्तर : नहीं
जैसे ही बैलेटिंग यूनिट पर एक विशेष बटन को दबाया जाता है, उस विशेष अभ्योर्थी के लिए मत दर्ज हो जाता है और मशीन लॉक हो जाती है। उस परिस्थिति में भी जब (चाहे) कोई व्यदक्ति उस बटन को या किसी अन्यै बटन को आगे और दबाता है, तो और कोई भी मत दर्ज नहीं होगा। इलेक्ट्रो निक वोटिंग मशीनें इस तरह से ''एक व्य क्ति, एक मत'' का सिद्धांत सुनिश्चित करती हैं।

प्रश्न 16. एक मतदाता इस बात के प्रति कैसे आश्ववस्ति होगा कि इलेक्ट्रॉतनिक वोटिंग मशीन काम कर रही है और उसका मत दर्ज हो गया है?

उत्तर :जैसे ही मतदाता अपनी पसंद के अभ्यहर्थी और प्रतीक के सामने लगे ''नीले बटन'' को दबाता है, प्रतीक के बायीं ओर लगे एक छोटे-से लैम्प में लाल बत्तीा जल उठती है और साथ ही साथ, एक लम्बीे बीप ध्वछनि सुनाई देती है। इस प्रकार, मतदाता को आश्व स्त करने के लिए ऑडियो और वीडियो दोनों में संकेत मैजूद होते है कि उसका मत दर्ज हो गया है।

प्रश्न 17. क्याी यह सही है कि कभी-कभी लघु परिपथिकी या अन्य‍ कारण से 'नीला बटन' दबाते समय मतदाओं को बिजली का झटका लगने की संभावना होती है?

उत्तर : नहीं
इलेक्ट्रॉ निक वोटिंग मशीन 6-वोल्ट की बैटरी पर कार्य करती है और 'नीला बटन' दबाते समय या बैले‍टिंग यूनिट को हैंडल करते हुए किसी भी समय मतदाता को बिजली का झटका लगने की बिल्कु ल भी संभावना नहीं है।

प्रश्न 18. क्या मतदान केन्द्रों तक इलेक्ट्रॉ।निक वोटिंग मशीनों को पहुंचाना मुश्किल नहीं होगा?

उत्तर : नहीं।
इसके बजाय मतदान पेटियों की तुलना में इलेक्ट्रोननिक वोटिंग मशीनों का परिवहन अपेक्षाकृत अधिक आसान होगा, क्योंीकि इलेक्ट्रॉननिक वोटिंग मशीनें हल्की, वहनीय होती हैं और ढोए जाने के लिए पॉलीप्रोपीलीन खोलों में आती है।

प्रश्न 19. देश के बहुत से क्षेत्रों में, विद्युत कनेक्शनन नहीं होते हैं और जिन स्थाशनों में विद्युत का कनेक्शनन है भी, वहां ऊर्जा आपूर्ति अनियमित है। ऐसी परिस्थिति में, क्याश बिना वातानुकूलन के मशीनों को संग्रहीत करने में समस्याऊ उत्पअन्नस नहीं होगी?

उत्तर : कमरे/हॉल जहां इलेक्ट्रॉ्निक वोटिंग मशीन स्टोेर की जाती है, को वातानुकूलित करने की कोई आवश्यीकता नहीं है। जरूरी बात केवल यह है कि कमरे/हॉल को धूल, नमी और कृतकों (चूहा, गिलहरी आदि) से मुक्त रखा जाए जैसाकि मतपेटियों के मामले में किया जाता है।

प्रश्न 20. परंपरागत प्रणाली में, किसी भी खास समय-बिंदु पर डाले गए मतों की कुल संख्याव को जानना संभव होगा। इलेक्ट्रॉ निक वोटिंग मशीनों में, 'परिणाम' वाला भाग सील बंद कर दिया जाता है और केवल मतगणना के समय ही खोला जाएगा। मतदान के दिन डाले गए मतों की कुछ संख्या किस प्रकार जानी जा सकती है?

उत्तर :इलेक्ट्रॉ निक वोटिंग मशीनों पर 'परिणाम' बटन के अलावा एक 'टोटल' बटन भी होता है। इस बटन को दबाने पर बटन को दबाए जाने के समय तक डाले गए मतों की कुल संख्याे अभ्यार्थी-वार गणना को दर्शाए बिना, प्रदर्शित हो जाएगी।

Source- eci.nic.in


बुधवार, 17 मई 2017

सोया चाप ग्रेवी बनाने की विधि | Soya Chaap with gravy recipe in hindi

सोया चाप ग्रेवी बनाने की विधि


Soya chaap with gravy recipe in hindi सोया चाप ग्रेवी के साथ एक बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन है. शाकाहारियों के लिए सोयाबीन प्रोटीन का बहुत अच्छा स्त्रोत रहा है. सोयाबीन से विभिन्न तरह के डिश तैयार किये जाते हैं. ये डिश सोयाबीन के ख़ास डिशों में एक है. अपने लज़ीज़ स्वाद के लिए ये सभी लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है. अतः जब भी कभी रोज़- रोज़ के खाने से उबन महसूस हो, तब आप इसका आनंद ले सकते हैं. इस डिश को तैयार करने की आवश्यक सामग्रियां तथा विधि का वर्णन नीचे किया जा रहा है.

सोया चाप ग्रेवी रेसिपी के लिए आवश्यक सामग्री (Soya chaap with gravy ingredients)
सोया चाप ग्रेवी बनाने के लिए बहुत आसानी से मिलने वाले सामग्रियों का ही इस्तेमाल होता है. नीचे एक एक करके सोया चाप की आवश्यक सामग्रियों का विवरण दिया जा रहा है. यदि आप छः आदमियों के लिए सोया चाप सामग्री बनाना चाहते हैं तो
सोया चाप 6- 7 पीस (500 ग्राम)
टमाटर 5- 6 मध्य आकार
अदरक पेस्ट 1 चम्मच
हरी मिर्च 2-3 पीस
क्रीम 100 ग्राम
तेल 3- 4 चम्मच
धनिया पत्ता 2- 3 चम्मच बारीक कटा हुआ
हींग 1 चुटकी
जीरा ¼ चम्मच
हल्दी ¼ चम्मच
लाल मिर्च पाउडर ¼ चम्मच
गरम मसाला दो चुटकी
धनिया पाउडर 1 चम्मच
मेथी पत्ता 1 चम्मच
नमक स्वादानुसार
अमचूर 1 चम्मच
कटा हुआ प्याज़ 1 कप
लहसुन (अतिरिक्त) आवश्यकतानुसार
विनेगर 2 चम्मच

सोया चाप ग्रेवी बनाने की विधि (Soya chaap with gravy recipe in hindi)

यदि आप उपरोक्त समस्त सामग्री एकत्रित कर चुके हैं, तो इसके बाद बारी आती है विधि की. एक स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए संयम की बहुत आवश्यकता होती है. अतः नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए स्वादिष्ट सोया चाप करी पाया जा सकता है.
  • सबसे पहले सोया चंक को अपने आवश्यतानुसार आकार में काट लें. ये आकार मूलतः 1 से 1.5 इंच में हो तो बेहतर है.
  • इसके बाद टमाटर, अदरक, हरी मिर्च आदि को बारीक काट लें. इन सभी को अलग अलग काट कर अलग बर्तन में रखें.
  • इसके बाद ओवन में चढ़ाये गये बर्तन में ज़रा सा तेल डालें और ग्राम होने दें. आंच धीमी रखें. तेल गर्म हो जाने पर काटे गये सोया चंक को इसमें डालें और तब तक पकाएं जब तक इसका रंग भूरा न हो जाए.
  • तल लेने के बाद सोया चंक को टॉवल पेपर पर रखें. ये पेपर सोया चंक में स्थित अतिरिक्त तेल को सोख लेता है.
  • बर्तन में बचे तेल में जीरा डाल दें. इसके बाद इसी में हल्दी पाउडर, हींग, धनिया पाउडर तथा अन्य बताये गये मसालों को डालें तथा तल लें.
  • उपरोक्त मसाले तल जाने के बाद पुनः टमाटर, अदरक पेस्ट, प्याज, मिर्ची आदि डालें और कुछ देर तक पकने के लिए छोड़ दें. मसाला पक जाने पर इसके साइड से तेल निकलने लगता है. ऐसा देखने पर समझ लें कि मसाला पक चूका है.
  • इसके बाद गरम मसाला तथा क्रीम डालें, और इसे तब तक स्टिर करते रहें जब तक मसाला हल्का हल्का उबलने न लगे.
  • इसके बाद इसमें आधा कप पानी मिलाएं और पुनः तब तक इंतजार करें, जब तक धीमे धीमे उबलने न लगे.
  • अब इसमें कटा हुआ हरा धनिया और आवश्यकता के अनुसार नमक मिलाएं. साथ ही इसी समय इसमें सोया चंक भी मिला लें. इसके बाद करी को ढक के कुछ देर के लिए धीमी आंच पर छोड़ दें.
  • कुच्छ देर में आपका स्वादिष्ट सोया चाप ग्रेवी तैयार हो जाएगा. इसे किसी दुसरे बर्तन में डाल लें और अपने तथा अपनों के लिए आवश्यकतानुसार परोसें.
सोया चाप रेसिपी के लिए कुछ विशेष बातें (Soya chaap gravy recipe note)
  • मसाला क्रीम डालने के बाद ग्रेवी को लगातार हलके हलके चलाते रहना चाहिए. क्योंकि यदि इसे हल्का हल्का न चलाने पर क्रीम के फट जाने का भय रहता है, और ग्रेवी मन मुताबिक नही बन पाती है.
  • क्रीम के साथ नमक न डालना ही सही होता है. क्यूँ कि यदि क्रीम के साथ नमक डाल दिया जाये तो क्रीम फटने का डर रहता है.
  • कम से कम आधे घंटे का समय ग्रेवी के तैयार होने में लग सकता है. इस दौरान ओवन के पास ही रहें.
सोया चाप ग्रेवी न्यूट्रीशान टेबल (Soya chaap gravy nutrition facts)
सोया चाप ग्रेवी बनाने के लिये सोयाबीन, टमाटर प्याज आदि के साथ साथ कई अन्य मसालों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसका पूरा विवरण ऊपर दिया जा चूका है. अतः इसमें विभिन्न तरह माइक्रो तथा मैक्रो एलेमेंट्स पाये जाते हैं, जो मानव शरीर के विकास में खूब भूमिका निभाते है. नीचे इस डिश का न्यूट्रीशन टेबल दिया जा रहा है:
प्रति सौ ग्राम सोया चाप ग्रेवी के एक आदमी के सेवन में
कैलोरी 435
फैट 102 ग्रा
प्रोटीन 31 ग्रा
विटामिन ए 4 प्रतिशत
विटामिन सी 2 प्रतिशत
कैल्शियम 2 प्रतिशत
आयरन 4 प्रतिशत
कोलेस्ट्रोल 0 मिली ग्रा
सोडियम 1700 मिली ग्रा
फाइबर 8 ग्रा
ये डिश मुख्यतः उत्तर भारत में खूब खाई जाती है. इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होने की वजह से इसे शाकाहारियों द्वारा खूब पसंद किया जाता है. हालाँकि ये एक शाकाहारी डिश है किन्तु इसका स्वाद किसी मांसाहारी डिश से कम नहीं है. अतः जब भी मन चाहे ये स्वादिष्ट डिश घर पर बनाएं, खाएं और अपने अज़ीज़ों को खिलाएं.

Source- deepawali

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

जोक्स- Jokes




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जब दो लडकियों आपस में मिलती हैं तो..
   एक selfi ले लेती हैं..
जब दो लड़के आपस में मिलते हैं तो ..
एक हाफ़ ले लेते है 
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पंजाबी : आज हमारे मुन्ने ने 
पहली बार आधा शब्द बोला !!
पड़ोसी : क्या बोला ??
पंजाबी : बहन
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सरकार के अनुसार अब से
अमीरी और गरीबी का पता 
सिम कार्ड से ही लगा लिया जाएगा
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Airtel, idea, vodafone से 
नेट चलाने वाले अमीर, 
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Jio में नेट चलाने वाले गरीबी रेखा 
के नीचे 
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लड़का- तुम अभी तक मुझसे नाराज़ हो?
लडकी- नहीं जानू।
लड़का- तो सलवार में ये 15-20 गांठे क्यों बांध के आई हो?
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Varun – तुम खाली पेट कितने सेब खा सकती हो ?
Alia – मैं 6 सेब खा सकती हूँ।
Varun – गलत , तुम सिर्फ 1 सेब खा सकती हो क्यूंकि जब तुम दूसरा खाओगी तो तुम्हारा पेट खाली नहीं होगा !
Alia: Wow superb joke. मैं अपने दोस्तों को बताऊंगी। ….
Aliya to Shraddha – तुम खाली पेट कितने सेब खा सकती हो ?
Shraddha – मैं 10 सेब खा सकती हूँ।
Alia – पागल … 6 बोलती तो मस्त joke सुनाती !!
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अबकी बार मोदी सरकार’ सुन सुन के पक चुके हैं..!!
तो सुनिए कुछ नया…!!
सुरक्षित काले मेरे बाल,
पागल हो गया केजरीवाल..
च्यवनप्राश हो सोना चाँदी,
नही जीतेगा राहुल गाँधी..
…उपर छतरी निचे छाया..
भाग अखिलेश मोदी आया।
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पप्पू रो रहा था
मम्मी – क्या हुआ क्यों जानवरों की तरह रो रहा है
पप्पू – मुझे स्कूल से निकाल दिया
मम्मी – क्यों तूने जरूर किसी की बैंड बजाई होगी
पप्पू – नहीं मैंने तो मच्छर मारा था बस
मम्मी – बस एक मच्छर मारने पे ही स्कूल से निकाल दिया
पप्पू –
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वो मच्छर मैडम के गाल पर बैठा ना ना
मम्मी बेहोश

सोमवार, 24 अप्रैल 2017

Friends-मित्रता

मित्रता 


एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि- "हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?" मोरनी ने पूछा- "तुम्हारे मित्र कितने है ?" मोर ने कहा उसका कोई मित्र नहीं है। तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर दिया।मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है।उसने एक सिंह से.., एक कछुए से.., और सिंह के लिए शिकार का पता लगाने वाली टिटहरी से.., दोस्ती कर लीं। जब उसने यह समाचार मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत विवाह के लिए तैयार हो गई। पेड़ पर घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए, और भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते थे।

एक दिन शिकारी आए। दिन भर कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़ की छाया में ठहर गए और सोचने लगे, पेड़ पर चढ़कर अंडे- बच्चों से भूख बुझाई जाए। मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई, मोर मित्रों के पास सहायता के लिए दौड़ा। बस फिर क्या था.., टिटहरी ने जोर- जोर से चिल्लाना शुरू किया। सिंह समझ गया, कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे चला.., जहाँ शिकारी बैठे थे। इतने में कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ गया। सिंह से डरकर भागते हुएशिकारियों ने कछुए को ले चलने की बात सोची। जैसे ही हाथ बढ़ाया, कछुआ पानी में खिसक गया।शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए।
इतने में सिंह आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने लगा दिया।मोरनी ने कहा- "मैंने विवाह से पूर्व मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात
काम की निकली न, यदि मित्र न होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।” मित्रता सभी रिश्तों में अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है और मित्र किसी भी व्यक्ति की अनमोल पूँजी होते हैं।

गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

Amazing Facts of India - भारत के बारे में रोचक तथ्य

भारत के बारे में रोचक तथ्य



1. बीजगणित, त्रिकोणमिति और कलन जैसी गणित की अलग-अलग शाखाओं का जन्म भारत में हुआ था।

2. शल्य चिकित्सा(Surgery) का प्रारंभ 2600 वर्ष पूर्व भारत में हुआ था। अनेक प्राचीन ग्रंथों में गुरु सुश्रुत और उनकी टीम द्वारा आँखों को मोतियाबिंदु से मुक्त करने, प्रसव कराने, हड्डियाँ जोड़ने, पथरी निकालने, अंगों को सुंदर बनाने और मस्तिष्क की चिकित्सा में शल्य क्रिया करने के उल्लेख मिलते हैं।

3. नौकायन की कला का आविष्कार विश्व में सबसे पहले 6,000 वर्ष पूर्व भारत की सिंधु घाटी में हुआ था।

4. 1982 में भारतीय सेना द्वारा लद्दाख घाटी में सुरु और द्रास नदी के बीच निर्मित बेली ब्रिज विश्व में सर्वाधिक ऊँचाई पर बना पुल है।

5. भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त (598-668) तत्कालीन गुर्जर प्रदेश के प्रख्यात नगर उज्जैन की अन्तरिक्ष प्रयोगशाला के प्रमुख थे।

6. ‘पाई’ की कीमत, संसार में सबसे पहले, छठवीं शताब्‍दी में, भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा पता की गई थी.

7. ईसा से 800 वर्ष पूर्व स्थापित तक्षशिला विश्वविद्यालय(आधुनिक पाकिस्तान) में 20,500 से अधिक विद्यार्थी 60 से अधिक विषयों की शिक्षा प्राप्त करते थे।

8. भारत के बंगलुरु नगर में 2,500 से अधिक सॉफ्टवेयर कंपनियों में 26,000 से अधिक कंप्यूटर इंजीनियर काम करते हैं।

9. कमल के फूल को भारत के साथ साथ वियतनाम के राष्ट्रीय पुष्प होने का गौरव भी प्राप्त है।

10. भारत में बंदरों की गिणती 5 करोड़ है.

11. भारत विश्व का सबसे बड़ा चाय उत्पादक और उपभोक्ता है। यहाँ विश्व की 30% चाय उतपादित होती है जिसमें से 25% यही उपयोग की जाती है।

12. जयपुर में सवाई राजा जयसिंह द्वारा 1724 में बनाई गई जंतर मंतर संसार की सबसे बड़ी पत्थर निर्मित वेधशाला है।

13. दुसरे देशों में रहने वाले भारतीय 1 लाख करोड़ अमरीकी डालर हर साल कमाते हैं जिसमें से 30 हजार करोड़ बचाकर वे भारत भेज देते हैं।

14. भारतीय रेल कर्माचारियों की संख्या के आधार पर संसार की सबसे बड़ी संस्था है जिसमें 16 लाख से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

15. भारत में पाई जानेवाली 1,000 से अधिक आर्किड प्रजातियों में से 600 से भी अधिक केवल अरुणाचल प्रदेश में पाई जाती हैं।

16. भारत विश्व में सबसे अधिक डाकघरों वाला देश है। इतने डाकघर संसार के किसी भी ओर देश में नहीं हैं।

17. वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बी सी में यहां आगमन किया और यह आज विश्व का सबसे पुराना और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है।

18. कुंग फू के जनक तत्मोह या बोधिधर्म नामक एक भारतीय बौद्ध भिक्षु थे जो 500 ईस्वी के आसपास भारत से चीन गए।

19. जैसलमेर का किला संसार का एकमात्र ऐसा अनोखा किला है जिसमें शहर की लगभग 25 प्रतीशत आबादी ने अपना घर बना लिया है।

20. विश्व में 22 हजार टन पुदीने के तेल का उत्पादन होता है, इसमें से 19 हजार टन तेल अकेले भारत में निकाला जाता है।

21. 1896 तक भारत हीरों का एक मात्र स्त्रोत था और आधुनिक समय में हीरों के सबसे बड़े उपभोक्ता देशों में भारत तीसरे स्थान पर है। पहले व दूसरे स्थान पर क्रमशः अमेरिका और जापान हैं।

22. श्रीलंका और दक्षिण भारत के कुछ भागों में दीपावली का उत्सव उत्तर भारत से एक दिन पहले मनाया जाता है।

23. भारत ने अपने आखिरी 10,000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है।

24. ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।

25. शतरंज की खोज भारत में की गई थी।

26. विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बने हैं। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में 1004 से1009 ईसवी के दौरान बनवया किया गया था।

27. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।

28. सांप सीढ़ी का खेल ,तेरहवीं शताब्दी .में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांप अवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल को कौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था। आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्तु इसका अर्थ वहीं रहा अर्थात अच्छे काम लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं जबकिबुरे काम दोबारा जन्म के चक्र में डाल देते हैं।

29. दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2,444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बनाकर 1993 में तैयार किया गया था।

30. आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे ,आरंभिक चिकित्सा शाखा है। इस शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक ने 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।

31. भारत 17वीं सदी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्य आने से पहले सबसे अमीर देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।

32. भास्कराचार्य ने खगोल शास्त्र के कई सौ साल पहले धरती द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।

33. पेंटियम चिप का आविष्कार ‘विनोद धाम’ ने किया था। (आज दुनिया के 90% कम्प्युटर इसी से चलते हैं)

34. सबीर भाटिया ने हॉटमेल बनाई. (हॉटमेल दुनिया का न.1 ईमेल प्रोग्राम है)

35. अमेरिका में 38% डॉक्टर भारतीय हैं.

36. अमेरिका में 12% वैज्ञानिक भारतीय हैं और नासा में 36% वैज्ञानिक भारतीय हैं.

37. माइक्रोसॉफ़्ट के 34% कर्मचारी, आईबीएम के 28% और इंटेल के 17% कर्मचारी भारतीय हैं.

38. ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसेबड़ी संख्या 10^6(अर्थात 10 की घात 6) थी जबकि हिन्दुओं ने 10^53 जितने बड़े अंकों का उपयोग करना शुरू कर दिया था.

39. भारत 90 देशों को सॉफ्टवेयर बेचता है।

40. भारत में 4 धर्मों का जन्म हुआ हिन्दु, बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म और जिनका पालन दुनिया की आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा करता है।

41. जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्थापना ,भारत में क्रमश: 600 बी सी और 500 बी सी में हुई थी।

42. इस्लाम भारत का और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैं जो किसी अन्य देश से अधिक हैं यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक।

43. तिरुपति शहर में बना विष्णु मंदिर 10वीं सदी के दौरान बनाया गया था,यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्थान है। रोम या मक्का धार्मिक स्थलों से भी बड़े इस स्थान पर प्रतिदिन औसतन 30 हजार श्रद्धालु आते हैं और लगभग 3 करोड़ 60 लाख प्रति दिन चढ़ावा आता है।

44. योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद है।

45. आधुनिक संख्या प्रणाली की खोज भारत द्वारा की गयी है. आर्यभट्ट ने अंक शून्य का आविष्कार किया था. विश्व में उपयोग की जाने वाली आधुनिक संख्या प्रणाली को भारतीय अंको का अंतरराष्ट्री रूप कहा जाता है.

46. पुरी के जगन्नाथ मंदिर में प्रतिदिन इतना प्रसाद बँटता है कि 500 रसोइए और 300 सहयोगी रोज़ काम करते हैं।

47. 5000 साल पहले जब विश्व में ज्यादातर सभ्यताएँ खानाबदोश जीवन व्यतीत कर रही थीं भारत में सिंधु-घाटी उन्नति के शिखर पर थी।

Source - rochhak

शनिवार, 15 अप्रैल 2017

BHIM App क्यों है , जानें क्या-क्या कर सकते हैं इससे

भीम (BHIM App) क्या है ?, कैसे उपयोग करें ?


BHIM App क्या है? 

Narendra Modi नरेन्द्र मोदी सरकार ने Aadhaar Card से जुड़े Cashless Payments App को Launch किया। इस App खासकर भारत के लोगों को Cashless Transactions करने में बढ़ावा मिलेगा।BHIM ऐप का पूरा नाम 'भारत इंटरफेस फॉर मनी' है। यह UPI बेस्ड पेमेंट सिस्टम पर काम करेगा। इसके जरिए लोग डिजिटल तरीके से पैसे भेज और रिसीव कर सकेंगे। खास बात यह है यह ऐप बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। इसमें यूजर्स को बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड जैसी लंबी डिटेल्स डालने की जरूरत नहीं होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने BHIM APP को launch करते समय बताया कि इस App का नाम भारतरत्न डा. भीमराव अम्बेडकर जी के नाम पर रखा गया है, जिनका मंत्र था बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय और जिन्होंने दलितों, शोषितों के लिए अपना जीवन लगा दिया | यह app छोटे व्यापारियों, किसानों, गरीबों, आदिवासियों को ताकत देगा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह भी कहा कि BHIM App डा. भीमराव अम्बेडकर के उच्च विचारों से जुड़ा हुआ है और वे ही सही मायने में अर्थ शास्त्र के गुरु है |

BHIM App की खास बातें

भीम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया है।



1.BHIM app की सबसे खास बात यह है कि अब आप इस single app यानि की BHIM app से किसी भी बैंक में UPI transaction कर सकते है | इससे पहले हर Bank ने अपना – अपना एक UPI app जारी कर रखा था | ऐसे में transaction के लिए कई app install करना पड़ता था | BHIM app में ऐसा नहीं है | यह एक ऐसा app है जिससे आप सभी बैंको में transaction कर सकते है |

2.इससे पैसे भेजने के लिए आपको सिर्फ एक बार अपना बैंक अकाउंट नंबर रजिस्टर करना होगा और एक UPI पिनकोड जनरेट करना होगा।
3.इससे आप आसानी से घर बैठे बस कुछ second में ही किसी भी दिन किसी भी समय अपने mobile के माध्यम से पैसे transfar कर सकते है |
4.E – wallet की तरह इसमें पैसे रखने जैसा कोई झंझट नहीं है |
5.इससे आप saving और current account में पैसे का लेन – देन कर सकते है |
6.सबसे अच्छी बात है कि BHIM App hindi और english दोनों भाषाओं में उपलब्ध है |
7.इस ऐप से ट्रांजेक्शन करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। हालांकि, IMPS और UPI ट्रांसफर पर आपका बैंक कुछ चार्ज वसूल कर सकता है।

Download  BHIM App 


इसे यूज करने के लिए मुझे क्या करना होगा?
यह एंड्रॉयड (8th वर्जन से ऊपर) और iOS (5th वर्जन से ऊपर) पर अवेलेबल है। प्लेस्टोर और iOS स्टोर से इसे BHIM टाइप करके डाउनलोड किया जा सकता है।

क्या यह ऐप किसी भी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करेगा?
इस ऐप को यूज करने के लिए आपको स्मार्टफोन, इंटरनेट एक्सेस, UPI पेमेंट सपोर्ट करने वाला भारतीय बैंक अकाउंट नंबर और अकाउंट से लिंक्ड मोबाइल नंबर की जरूरत होगी। ऐप के जरिए बैंक अकाउंट को UPI से लिंक करना होगा।

ऐप यूज करने के लिए मुझे मोबाइल बैंकिंग एक्टिवेट करनी होगी?
नहीं, इसके लिए मोबाइल बैंकिंग एक्टिवेट करने की जरूरत नहीं। सिर्फ आपका मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर होना चाहिए।

क्या इसे यूज करने के लिए किसी खास बैंक का कस्टमर होना जरूरी है?
डायरेक्ट मनी ट्रांसफर के लिए आपके बैंक का UPI (Unified Payment Interface) प्लेटफॉर्म पर लाइव होना जरूरी है। UPI प्लेटफॉर्म पर एक्टिव सभी बैंक इस ऐप में लिस्टेड हैं।

मैं ऐप से अपने बैंक अकाउंट का UPI पिन कैसे जनरेट करूं?
इसके लिए आपको ऐप के मेन मेन्यू में बैंक अकाउंट्स पर जाकर Set UPI-PIN ऑप्शन चुनना होगा। इसके बाद आपसे डेबिट कार्ड/एटीएम कार्ड के आखिरी 6 डिजिट और कार्ड की एक्सपायरी डेट पूछी जाएगी। ये इनपुट डालने पर आपके मोबाइल पर OTP आएगा, जिससे आप UPI-PIN सेट कर पाएंगे।

क्या मैं ऐप में कई बैंक अकाउंट ऐड कर सकता हूं?
फिलहाल भीम ऐप पर सिर्फ एक ही बैंक अकाउंट जोड़ने का ऑप्शन है।

क्या मुझे भीम ऐप को अपनी बैंक अकाउंट डिटेल देनी होंगी?
रजिस्ट्रेशन के समय आपको डेबिट कार्ड डिटेल और मोबाइल नंबर बताना होगा। कार्ड नंबर से ही आपकी बैंक डिटेल सिस्टम को मिल जाएगी। इसे अलग से बताने की जरूरत नहीं।


इससे तकरीबन 31 bank जुड़े हुए है | इन बैंको के नाम इस प्रकार है –
Allahabad Bank, State Bank, Punjab National Bank, Andhra Bank, ICICI Bank, Axis Bank, Bank of India, Bank of Baroda, United Bank of India, Kotak Mahindra Bank, IDFC Bank, HDFC Bank, Union Bank of India, Syndicate Bank, IDBI Bank, Indian Bank, Bank of Maharashtra, Canara Bank, Central Bank of India, DCB Bank, Oriental Bank of Commerce, Vijaya Bank, South Indian Bank, Standard Chartered Bank, RBL Bank, Dena Bank, Federal Bank, Catholic Syrian Bank, Induslnd Bank, Karnataka Bank

    Source- Different Sites

    मैंगो आइसक्रीम Mango Ice Cream

    मैंगो आइसक्रीम  बनाने की आसान रेसिपी



    आवश्यक सामग्री (Ingredients):

    क्रीम – 3 कप (Cream)
    आम – 2 (बड़ा ) (Mango)
    वेनिला एक्सट्रेक्ट – 1 T spoon (Venila extract)
    चीनी – 3 कप (Sugar)


    विधि (How to Make Mango Ice Cream Recipe):

    मैंगो आइसक्रीम_Mango Ice Cream बनाने के लिये सबसे पहले रसीले आमों को अच्छी तरह से धो कर काटें और उनका गूदा एक बाउल में निकाल लें, अब मिक्सी में आम और चीनी मिलाकर पीस लीजिये.

    क्रीम को अछि तरह फैट लीजिये, फेटा हुआ क्रीम में आम का डाल कर अछि तरह मिलाये, अगर आपको चीनी कम लग रहा है थोड़ा चीनी डाल कर मिला सकते.


    उसके बाद वेनिला एक्सट्रेक्ट डाल कर मिलाये, अब आम के मिश्रण को एक कन्टेनर में डाल कर फ्रीज़ में रखे, अब मिश्रण आधा जमने के बाद फ्रीज़ से निकाल कर फिर से चम्मच से 1 मिनट फेट ले, मिश्रण को कन्टेनर में डाल कर फिर फ्रीज़ में रखे, इसी तरह 3 बार करने से आम आइसक्रीम और नरम बनेगा,आम के मिश्रण को जमाने वाले बर्तन में पलट लें और उसे फ्रीजर में 04-05 घंटे के लिये जमा दें।

    लीजिए, आपकी स्वादिष्ट मैंगो आइसक्रीम_Mango Ice Cream तैयार है। आइसक्रीम को बाउल में निकालें और मजे लेकर खाएं।

    सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

    गाजर का रायता Gajar Ka Raita


    गाजर का हलवा (Gajar ka halwa) जितना टेस्टी होता है उतना ही स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है गाजर का रायता, आज हम आपको गाजर का रायता Gajar Ka Raita)बनाने की आसान विधि बतायेंगे जिसकी सहायता से आप अपने घर में ही इस का आनंद ले सकते हैं आइये जानते है इस विधि के बारे में -

    आवश्यक सामग्री - Ingredients for Gajar Ka Raita


    • गाजर – 250 ग्राम
    • दही – 250 ग्राम
    • सरसों का तेल - 1 छोटी चम्मच
    • जीरा - आधा छोटी चम्मच
    • हींग -एक चुटकी 
    • धनियां पाउडर - 1 छोटी चम्मच
    • नमक - स्वादानुसार सफ़ेद और काला
    • लाल मिर्च – ¼ चमच (छोटी चम्मच )

    विधि - How to make Gajar ka Rayta

    सबसे पहले गाजर (Carrot) को अच्छे से धोकर कद्दूकस कर लें अब गाजर को एक छोटे गिलास पानी डाल कर हल्का सा उबाल ले जैसे ही गाजर सॉफ्ट हो जाये गैस बंद कर दे और गाजर को ठंडा करने रख दे,अब दही को ठीक से फेंट ले और गाजर ठंडे होने पर दही में डालें अब एक तड़का पेन ले अब उस में सरसों का तेल गरम करे अब उसमे हींग ,जीरा, लालमिर्च डाल कर तड़का लगायें और सफ़ेद और काला नमक स्वादानुसार डाल कर मिलायें और हरा धनिया डाल कर सर्व करें

    Source- hindihometips

    मंगलवार, 10 जनवरी 2017

    स्टफ्ड पनीर वेजिटेबल पकौड़ा



    सामग्री :

    1 पाव पनीर, 3 हरी मिर्च बारीक कटी हुयी, 1/2 चम्मच सौंफ पाउडर, 1/4 चम्मच काली मिर्च पाउडर, 1/4 चम्मच लाल मिर्च पावडर, 15 बारीक कटी किशकिश ।

    मुख्य सामग्री :
    2 छोटा उबला आलू, 1 खीरा, 2 छोटा प्याज, 2 छोटा बैंगन, 1 टिंडा, 2 छोटे शिमला मिर्च ।

    घोल की सामग्री :
    1 कटोरी बेसन, 1/4 चम्मच लाल मिर्च, 1/2 चम्मच सरसों का पाउडर,
    1/2 चम्मच गरम मसाला, स्वादानुसार नमक, 2 चम्मच तेल, 2 चम्मच दही ।


    विधी :
    बैंगन और खीरे को गोल काट लें । शिमला मिर्च को आधा-आधा काट लें । प्याज और आलू के बीच में भरावन भरने के लिये गोल छेद कर लें (स्कूप) । गोल कटे बैंगन, शिमला मिर्च और खीरे के बीच में भी गोल छेद कर लें भरावन की सामग्री भरने के लिये ।
    भरावन की सामग्री को अच्छे से मिला लें और सब्जियों के अंदर भरलें ।
    घोल की सामग्री में पानी मिला कर गाढ़ा घोल तैयार करें और 20 मिनट के लिये छोड़ दें । भरी हुयी सब्जियों को घोल में डुबाकर कड़ाही में सुनहरा होने तक तलें ।

    आपके स्टफ्ड पनीर वेजिटेबल पकौड़े तैयार हैं । इन्हें टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ परोसें और परिवार के साथ इंजाय करें ।

    शुक्रवार, 6 जनवरी 2017

    सीआईएसएफ का बड़ा फैसला, अब दिल्ली मेट्रो में लड़कियां ले जा सकेंगी चाकू


    दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ ने अहम कदम उठाया है। ट्रेन में यात्रा के दौरान महिलाएं आत्मरक्षा के लिए अपने साथ छोटा चाकू रख सकती हैं। इसके साथ ही अन्य यात्री ट्रेन में लाइटर और माचिस रख सकते हैं। 
    सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक अब महिलाएं चार इंच तक का चाकू अपने साथ रखकर यात्रा कर सकेगी। इसके अलावा चार इंच तक की कैंची भी वे ले जा सकेंगी।
    अधिकारियों के मुताबिक मजदूर अकसर अपने साथ टूल्स ले जाने का आग्रह करते थे। उन्हें टूल्स ले जाने की अनुमति दी गई थी लेकिन सुरक्षा को देखते हुए स्टेशन पर मौजूद सीआईएसएफ के जवान उन टूल्स की जांच करते थे और फिर मजदूरों का नाम और पता एक रजिस्टर पर लिखते थे।ताकि उस मजदूर की आसानी से पहचान की जा सके। इसी प्रकार अब लाइटर और माचिस पर से भी पाबंदी हटा दी गई है। अब यात्री अपने साथ लाइटर या माचिस ले जा सकेंगे।
    इन चीजों पर पाबंदी होने की वजह से पहले इसे जब्त कर लिया जाता था जिससे इनका अंबार लग गया है। अधिकारियों के मुताबिक प्रतिदिन सौ से ज्यादा लाइटर और माचिस को जब्त किया जाता था। सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक  सिख यात्री को पहले से ही नौ इंच की कृपाण लेकर यात्रा करने की अनुमति थी। 

    Source- amarujala