गुरुवार, 31 मार्च 2016

जोक्स - एक चुटकी सिंदूर

एक चुटकी सिंदूर

Wife 👩 अपने Husband से बार बार बोलती थी –
“एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तूम क्या जानो रमेश बाबू ???”
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पति 👨  ने एक बार उसे पास बिठाकर हिन्दी में समझाया ः
देख_____ 😎
रसोई राशन – 12,000 रू.
बिजली का बिल – 2,500 रू.
पानी का बिल – 1000 रू.
बच्चों की स्कूल फीस 12,000 रू.
बच्चों की ट्यूशन फीस 20,000 रू.
मकान का किराया 10,000 रू.
मोबाईल का बिल 700 रू.
मेडिसिन 2000 रू.
पेट्रोल 2,000 रू.
अन्य 5000 रू.
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और ये सब सिर्फ इसलिये कि…
“तेरी मांग में एक चूटकी सिन्दूर भरा है” 😁
वरना 4-5 हजार में मस्त जी रहा होता…
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इसलिए सुन…
एक चूटकी सिन्दूर की कीमत रू. 60,000 रू. महिना है…
.😠
“आज के बाद चुप रहियो…

जोक्स - युवा पीढ़ी को विराट का विराट सन्देश




महाराष्ट्र में बार डांसर को मात्र छूने पर 50 हजार का जुर्माना और 6 महीनो की जेल होगी
ऐसा लगता है अब वहां लोग सिर्फ कथा सुनने जायेंगे

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मास्टरजी: महान बही है जो हर वक्त दूसरों के मदद करे!

पप्पू: पर सर, परीक्षा के वक्त ना आप खुद महान होतें है, ना हमें होने देते है
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मरीज : डॉक्टर साहब, ओपरेशन के बाद मेरा हार्ट बराबर चलेगा न ?
डॉक्टर : आप चिंता मत कीजिए,
जब तक आप जी रहे हो,
तब तक आपका हार्ट बराबर चलेगा

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 एक रूम में 5 दोस्त रहते थे…
1. पागल
2. बेवकूफ
3. दिमाग
4. कोई नहीं
5. किसी
एक दिन “कोई नहीं” ने “किसी” को मार दिया…
उस वक्त “दिमाग” बेडरूम में था,
“पागल” ने पोलिस को फोन किया,
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पागल – “हेलो… साहब… “कोई नहीं” ने “किसी” को मार दिया”
पोलिस – “ओये ! क्या तू पागल है ?”
पागल – “जी, मैं पागल हूँ”
पोलिस – “तेरे पास दिमाग नहीं है ?”
पागल – “जी “दिमाग” तो बेडरूम में है…”
पोलिस – “ओ बेवकूफ”
पागल – “नहीं साहब…
में तो पागल हूँ
बेवकूफ तो यह जोक्स पढ़ रहा है…”

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वो पड़ोसन भी आतंकवादी से कम नहीं होती,,

जो नई साड़ी ख़रीद कर सीधे आप की बीबी को दिखाने आती है,,,,

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युवा पीढ़ी को विराट का विराट सन्देश

गर्ल फ्रेंड से ब्रेक उप के बाद गुस्सा शराब के ठेके पर नहीं अपने कर्म क्षेत्र में दिखाना चाहिए

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सामान्य ज्ञान-5(General Knowledge (GK) in Hindi)

सामान्य ज्ञान-5(General Knowledge (GK) in Hindi)

1. जब बर्फ पानी के ऊपर तैरती है, तो उसके आयतन का कितना भाग पानी के ऊपर तैरता रहता है।

- 1/10 भाग

2. भारतीय औद्योगिक निगम स्थापना कब की गई।

- 1948

3. एनएसई की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी कितनी है।

- 25 करोड़ रुपए

4. भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना कब हुई थी।

- सितंबर 1956

5. कर ढांचे में सुधार हेतु कौनसी समिति गठित की गई थी।

- चेलैया समिति

6. सिक्कों का उत्पादन करने तथा सोने और चांदी की परख करने एवं तमगों का उत्पादन करने के लिए भारत में कितनी टकसाल स्थापित है।

- चार

7. मरणोपरांत किसी को भी नोबेल पुरस्कार नहीं देने का नियम कब बनाया गया।

- 1974

8. ऑस्कर पुरस्कार किसके द्वारा दिया जाता है।

- नेशनल अकादमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्टस एंड साइंसेज स.रा. अमेरिका

9. कुमी, कोलट्टम, कावड़ी किस राज्य के लोक नृत्य हैं।

- तमिलनाडु

10. डॉ. राजेंद्र प्रसाद का समाधि स्थल किस नाम से जाना जाता है।

- महाप्रयाण घाट

11. घापाल, फूंदी, जिन्दाद, नेजा किस राज्य के लोकनृत्य हैं।

- राजस्थान

12.यूरोपियन कमीशन का मुख्यालय कहां पर है।

- ब्रुसेल्स

13. आसियान की स्थापना कब हुई।

- 8 अगस्त 1967

14. सार्क का मुख्यालय कहां पर स्थित है।

- काठमांडु

15. आसियान का केंद्रीय सचिवालय कहां पर स्थित है।

- जकार्ता (इंडोनेशिया)

16. एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहां पर है।

- मनीला

बुधवार, 30 मार्च 2016

अब ऑनलाइन शॉपिंग में नहीं मिलेगा डिस्काउंट का मजा

 अब ऑनलाइन शॉपिंग में नहीं मिलेगा डिस्काउंट का मजा



नई दिल्ली। ई कॉमर्स वेबसाइट से सामान ऑर्डर कर भारी डिस्काउंट का मजा लेने वाले लोगों को अब निराशा हो सकती है क्योंकि अब ऑनलाइन सामान खरीदने पर मिलने वाला बड़ा डिस्काउंट अब नहीं मिलेगा। सरकार ने मंगलवार को ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है। 
इस फैसले से अमेजन और ईबे जैसी विदेशी कंपनियों के अलावा फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट है कि माल रखकर ई-कॉमर्स के जरिये उसकी खुदरा बिक्री के मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी।
डीआईपीपी के प्रेस नोट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस विक्रेता को भंडारगृह, लॉजिस्टिक्स, ऑर्डर को पूरा करने, कॉल सेंटर, भुगतान लेने और अन्य सेवाओं के रूप में सपोर्ट सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। हालांकि, इस तरह की इकाइयों का इन्वेंटरी पर स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा। इस तरह के स्वामित्व से कारोबारी मॉडल इन्वेंटरी आधारित मॉडल हो जाएगा।
छूट केवल वस्तुओं या सेवाओं के मालिक द्वारा दी जा सकती है। ओद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के संयुक्त सचिव अतुल चतुर्वेदी ने टिवटर पर लिखा है, ई-वाणिज्य दिशानिर्देश खुदरा बिक्री मंच पर पंजीकत माल रखने वालों यानी बिक्रेताओं को छूट देते हुए कीमत निर्धारण की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश ऐसे बाजारों तथा भौतिक रूप से उपलब्ध दुकानों के बीच संतुलन बनाता है। चतुर्वेदी ने कहा, यह बाजार खराब करने वाली कीमत को समाप्त करेगी और समान अवसर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि ये नियम एसएमई के लिये फायदेमंद है क्योंकि वे बिना भौतिक रूप से अपनी दुकानें खोले माल बेच सकते हैं और रोजगार सजित कर सकते हैं।

अनार के स्वास्थ्य लाभ(Pomegranate)

अनार के स्वास्थ्य लाभ


शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए वैसे तो लगभग सभी फलों के रस लाभकारी है लेकिन अनार का रस खासतौर पर वजन घटाने में मदद करता है, अनार को आपको अपनी आहार योजना में शामिल करना चाहिए। अनार खाने से पेट के आसपास की चर्बी कम हो जाती है। अनार जूस के बहुत सारे स्‍वास्‍थ्‍य लाभ है। अनार में मुख्य रूप से विटामिन ए, सी, ई, फोलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट पाये जाते  हैं। आइए जानें अनार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में।


  • प्रतिदिन अनार के जूस से शरीर में रक्त का संचालन अच्छी तरह से होता है।
  • अनार खाने से ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ो के कैंसर की संभावना कम रहती है।
  • अनार के सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
  • अनार रक्त में आयरन की कमी को दूर करता है और एनीमिया जैसी बीमारियों से छुटकारा दिलाता है।
  • अनार के सेवन से प्रोस्टेट कैंसर की भी संभावना कम हो जाती है।
  • गर्मियों में सही खान-पान के लिए अनार को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इससे पाचन संबंधी समस्याओं में तो आराम मिलता ही है, साथ ही इसके नियमित सेवन से धमनियां भी ठीक रहती हैं।
  • अनार के सेवन से त्वचा में निखार आता है इसलिए स्वस्थ त्वचा के लिए भी आप अनार के जूस का सेवन कर सकते हैं।
  • अनार खाने से दांतों संबंधी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
  • वो गर्भवती महिलाएं जो अनार के जूस का सेवन करती हैं, उनका बच्चा हेल्दी और स्वस्थ होता है।
  • अनार से अधिक उम्र के लोगो को होने वाली एलजाइमर नामक बीमारी से भी छुटकारा मिलता है।

इस तरह से अनार खाने या अनार का रस पीने के अनेक लाभ है। लंबी उम्र और अधिक ऊर्जावान रहने के लिए नियमित रूप से अनार के जूस का सेवन करना चाहिए।


NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

किसी संजीवनी से कम नहीं है एलोवेरा

 किसी संजीवनी से कम नहीं है एलोवेरा

औषधी की दुनिया में एलोवेरा किसी चमत्कार से कम नहीं। एलोवेरा एक संजीवनी है यानी इसमें संजीवनी बूटी के सभी गुण मौजूद हैं। एलोवेरा से तमाम रोग दूर किए जा सकते हैं। एलोवेरा औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। एलोवेरा के जूस और एलोवेरा युक्त उत्पाद के सेवन और इस्तेमाल से फिट रहा जा सकता है। आइए जानें आखिर एलोवेरा है क्या।
 
एलोवेरा एक ऐसा पौधा है जिसमें अन्य सभी जड़ी-बूटियों के मुकाबले अधिक गुण है। यानी व्यक्ति को फिट रखने में एलोवेरा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। एलोवेरा के पौधे को कई नाम हैं, जैसे संजीवनी बूटी, साइलेंट हीलर, चमत्कारी औषधि। इसे कई अन्यो नामों ग्वारपाठा, क्वारगंदल, घृतकुमारी, कुमारी, घी-ग्वार इत्यादि से पुकारा जाता है। एलोवेरा का उपयोग अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है। एलोवेरा के पौधे में वो सारे गुण समाहित है जिसे संजीवनी बूटी कह सकते है। कब्ज से लेकर कैंसर तक के मरीजों के लिए एक अत्यंत लाभकारी औषधि है।


रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये

एलोवेरा में वो औष‍धीय तत्व हैं जो शरीर में नहीं बनते बल्कि एलोवेरा से ही प्राप्त होते हैं जैसे– कुछ मिनरल और अमीनो एसिड। इन तत्वों को निरंतर शरीर की जरूरत रहती है जिसे पूरी करना भी जरूरी है। और जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं।


शक्ति तथा स्फूर्ति का अहसास

एलोवेरा बढि़या एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। एलोवेरा में शरीर की अंदरूनी सफाई करने और शरीर को रोगाणु रहित रखने के गुण भी मौजूद है। यह हमारे शरीर की छोटी बड़ी नस, ना़डि़यों की सफाई करता है उनमें नवीन शक्ति तथा स्फूर्ति भरता है।


त्‍वचा और बालों के लाभकारी

त्वचा की देखभाल और बालों की मजबूती व बालों की समस्या से निजात पाने के लिए एलोवेरा एक संजीवनी का काम करती है। एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा स्‍वस्‍थ दिखती है। यह स्किन के कोलाजन और लचीलेपन को बढाकर स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है। एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्‍वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आंखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है।




हीमोग्लोबिन की कमी पूरा करें

एलोवेरा औषधी हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है और यह शरीर में जाकर खराब सिस्टम को ठीक करता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। साथ ही एलोवेरा का जूस ब्लड को प्यूरीफाई करता है और हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है। इसके अलावा यह शरीर में व्‍हाईट ब्लड सेल्स की संख्या को बढाता है।

बीमारियों को दूर करें

शरीर में मौजूद हृदय विकार, जोड़ों के दर्द, मधुमेह, यूरीनरी प्रॉब्ल्म्स, शरीर में जमा विषैले पदार्थ इत्यादि को नष्ट करने में मददगार है। एलोवेरा के जूस का हर रोज सेवन करने से शरीर के जोडों के दर्द को कम किया जा सकता है।
  
बच्चे से लेकर वरिष्ठ लोगों तक सभी के लिए एलोवेरा किफायती है। इसके प्रयोग से बीमारियों से मुक्त रहकर लंबी उम्र तक स्वस्थ और फिट रहा जा सकता है। 


NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

मंगलवार, 29 मार्च 2016

सामान्य ज्ञान-4(General Knowledge (GK) in Hindi)

सामान्य ज्ञान-4(General Knowledge (GK) in Hindi)


1. भारत में पंचायती राज का शुभारंभ कहां पर हुआ।

- नागौर

2. 73वां संविधान संशोधन किससे से संबंधित है।

- पंचायती राज से

3. प्राक्कलन समिति में लोकसभा के कितने सदस्यों को शामिल किया जाता है।

- 30

4. प्राक्कलन समिति में राज्य सभा के कितने सदस्य शामिल होते हैं।

- एक भी नहीं

5. लोक लेखा समिति में लोकसभा के कितने सदस्यों को शामिल किया जाता है।

- 15

6. लोक लेखा समिति में राज्य सभा के कितने सदस्य शामिल होते हैं।

- सात

7. लोक लेखा समिति के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है।

- एक वर्ष के लिए

8. भारत में प्रथम आपातकाल कब लगाया गया।

- 26 अक्टूबर 1962

9. एशिया में सर्वाधिक जलयान बनाने वाला देश है।

- जापान

10. कन्याकुमारी से कृष्णा डेल्टा तक का तट क्या कहलाता है।

- कोरोमंडल तट

11. संघ शक्ति समिति का अध्यक्ष कौन था।

- पं. जवाहर लाल नेहरू

12. संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या कितनी थी।

- 12

13. सर्वाधिक कॉफी उत्पादन करने वाला देश कौनसा है।

- ब्राजील

14. किस महाद्वीप से कर्क व मकर दोनों रेखएं गुजरती है।

- अफ्रीका

15. एशिया और यूरोप का महाद्वीप किस देश को कहा जाता है।

- मिस्र

16. नील नदी का उद्गम स्थल कौनसा है।

- विक्टोरिया झील

17. भारत के रक्षा मंत्री कौन हैं।

- मनोहर पर्रिकर

18. एमआई17वीएस क्या है।

- आधुनिकतम लड़ाकू हेलिकॉप्टर

19. स्वेज नहर का निर्माण कब हुआ।

- 1869

कर भला तो हो भला - कहानि


कर भला तो हो भला



कर भला तो हो भला (Kar Bhala To Ho Bhala) यह एक हिंदी मुहावरा हैं जिसे चरितार्थ करने हेतु एक कहानी की रचना की गई हैं |

 एक प्रसिद्द राजा था जिसका नाम रामधन था | अपने नाम की ही तरह प्रजा सेवा ही उसका धर्म था | उनकी प्रजा भी उन्हें राजा राम की तरह ही पुजती थी | राजा रामधन सभी की निष्काम भाव से सहायता करते थे फिर चाहे वो उनके राज्य की प्रजा हो या अन्य किसी राज्य की | उनकी ख्याति सर्वत्र थी | उनके दानी स्वभाव और व्यवहार के गुणगान उसके शत्रु राजा तक करते थे | उन राजाओं में एक राजा था भीम सिंह,जिसे राजा रामधन की इस ख्याति से ईर्षा थी | उस ईर्षा के कारण उसने राजा रामधन को हराने की एक रणनीति बनाई और कुछ समय बाद रामधन के राज्य पर हमला कर दिया | भीम सिंह ने छल से युद्ध जीत लिया और रामधन को जंगल में जाना पड़ा | इतना होने पर भी रामधन की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं थी | हर जगह उन्ही की बाते चलती थी | जिससे भीम सिंह को चैन न था उसने राजा रामधन को मृत्युदंड देने का फैसला किया |उसने ऐलान किया कि जो राजा रामधन को पकड़ कर उसके सामने लायेगा वो उसे सो सोने की दीनार देगा | दूसरी तरफ, राजा रामधन जंगलों में भटक रहे थे | तब उन्हें एक राहगीर मिला और उसने कहा – भाई ! तुम इसी जगह के लगते हो | क्या मुझे राजा रामधन के राज्य की तरफ का रास्ता बता सकते हो ? राजा रामधन ने पूछा – तुम्हे क्या काम हैं राजा से ? तब राहगीर ने कहा – मेरे बेटे की तबियत ठीक नहीं उसके इलाज में सारा धन चला गया | सुना हैं राजा रामधन सभी की मदद करते हैं सोचा उन्ही के पास जाकर याचना करूँ | यह सुनकर राजा रामधन राहगीर को अपने साथ लेकर भीमसिंह के पास पहुँचे | उन्हें देख दरबार में सभी अचंभित थे | राजा रामधन ने कहा – हे राजन ! आपने मुझे खोजने वाले को सो दीनार देने का वादा किया था | मेरे इस मित्र ने मुझे आपके सामने पैश किया हैं | अतः इसे वो सो दीनार दे दे | यह सुनकर राजा भीम सिंह को अहसास हुआ कि राजा रामधन सच में कितने महान और दानी हैं | और उसने अपनी गलती का स्वीकार किया | साथ राजा रामधन को उनका राज्य लौटा दिया और सदा उनके दिखाये रास्ते पर चलने का फैसला किया | दोस्तों इसी को कहते हैं “कर भला तो हो भला |” कहाँ एक तरफ भीमसिंह राजा रामधन को मारना चाहता था और अंत में राजा रामधन की करनी देखे वो लज्जित हुआ और उन्हें उनका राज्य लौटा दिया और स्वयं को उनके जैसा बनाने में जुट गया | महान लोग सही कहते हैं “कर भला तो हो भला”| रामधन की करनी का ही फल था जो वो हारने के बाद भी जीत गया | उसने जिस तरह सभी की मदद की उसकी मदद अंत में उसी के काम आई | इसलिए कहते हैं मनुष्य को अपने कर्मो का ख्याल करना चाहिये | अगर आप अच्छा करोगे तो अच्छा ही मिलेगा | मानाकि कष्ट होता हैं लेकिन अंत सदैव अच्छा होता हैं | कर भला तो हो भला यह कहानी आपको कैसी लगी ? ऐसी ही मुहावरों की कहानी अपने बच्चों को सुनाये जिससे उन्हें इन मुहावरों के अर्थ याद रहेंगे और उन्हें इन मुहावरों का सही अर्थ पता चलेगा और वे अपने जीवन में अच्छे मार्ग पर चलने योग्य होंगे |

आपके किचन में ही मौजूद हैं ये सात पेनकिलर

आपके किचन में ही मौजूद हैं ये सात पेनकिलर 

दांतों में दर्द हो या सिर दर्द से फटा जा रहा हो, पेनकिलर दवाएं घर हों ही, ऐसा जरूरी नहीं। ऐसे में दर्द से तुरंत आराम के लिए आपका किचन भी प्राकृतिक पेनकिलर के खजाने से कम नहीं है। 
अगर आप भी किसी दर्द से परेशान हैं तो अपने किचन में मौजूद इन सात पेनकिलर को ट्राइ करें, जिनसे दर्द से राहत तो मिलेगी ही साथ ही कोई साइडएफेक्ट भी नहीं होगा।

1. लौंग
दांतों का दर्द हो या मसूड़े में सूजन, लौंग के सेवन से दर्द से तुरंत राहत मिलती है। इसमें मौजूद यूजेनॉल नामक तत्व प्राकृतिक पेनकिलर का काम करता है, यही वजह है कि डेन्टिस्ट में दांतों के दर्द में लौंग का तेल लगाने की सलाह देते हैं।
2. अदरक
मांसपेशियों के दर्द, जोड़ों में अकड़न और शरीर जकड़ने पर अदरक का सेवन बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद जिन्जेरॉल नामक तत्व में मांसपेशियों और जोड़ों से दर्द में आराम दिलाने की शक्ति होती है।
3. लहसुन
लहसुन में मौजूद जर्मेनियम, सेलेनियम और लस्फर जैसे तत्व कान के दर्द में राहत पहुंचाते हैं। आयुर्वेद में लहसुन को तेल के साथ उबालकर कानों पर लगाने की सलाह दी जाती है। इससे कानों के पकने या सूजन से होने वाले दर्द में भी तुरंत आराम मिलता है। 
4. नमक
गले में खराश या दर्द से तुरंत आराम के लिए नमक बहुत काम की चीज है। गर्म पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से गले में होने वाले दर्द से तुरंत आराम मिलता है और संक्रमण खत्म होता है।

5. हल्दी
चोट पर एंटीसेप्टिक से लेकर जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए हल्दी से बढ़िया कुछ और नहीं। हल्दी से न सिर्फ दर्द दूर होता है बल्कि सूजन भी कम होती है। खासतौर पर गठिया के दर्द में यह बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद कुरक्यूमिन नामक तत्व प्राकृतिक पेनकिलर है। 
6. अजवाइन 
कफ, वातनाशक एवं पित्तवर्धक है। अजवाइन के तेल की मालिश से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। खांसी एवं श्वास रोग में इसका चूर्ण या नमकीन सूखा अजवाइन मुँह में रखने से आराम मिलता है। यह भूख बढ़ाता है। अजीर्ण, अपच एवं उदरशूल मिटाता है। जीवाणु वृद्धि को भी रोककर एंटीबायोटिक की भूमिका निभाता है।
7.धनिया 
धनिया का गुण ठंडक पहुंचाना है। यह नेत्र ज्योति बढ़ाता है। इसकी पंजेरी बनाकर गर्मी में रोज खाना चाहिए।
NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

सोमवार, 28 मार्च 2016

हार की जीत

हार की जीत






माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवद्-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे 'सुल्तान' कह कर पुकारते, अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर प्रसन्न होते थे। उन्होंने रूपया, माल, असबाब, ज़मीन आदि अपना सब-कुछ छोड़ दिया था, यहाँ तक कि उन्हें नगर के जीवन से भी घृणा थी। अब गाँव से बाहर एक छोटे-से मन्दिर में रहते और भगवान का भजन करते थे। "मैं सुलतान के बिना नहीं रह सकूँगा", उन्हें ऐसी भ्रान्ति सी हो गई थी। वे उसकी चाल पर लट्टू थे। कहते, "ऐसे चलता है जैसे मोर घटा को देखकर नाच रहा हो।" जब तक संध्या समय सुलतान पर चढ़कर आठ-दस मील का चक्कर न लगा लेते, उन्हें चैन न आता।



खड़गसिंह उस इलाके का प्रसिद्ध डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे। होते-होते सुल्तान की कीर्ति उसके कानों तक भी पहुँची। उसका हृदय उसे देखने के लिए अधीर हो उठा। वह एक दिन दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा और नमस्कार करके बैठ गया। बाबा भारती ने पूछा, "खडगसिंह, क्या हाल है?"



खडगसिंह ने सिर झुकाकर उत्तर दिया, "आपकी दया है।"



"कहो, इधर कैसे आ गए?"



"सुलतान की चाह खींच लाई।"



"विचित्र जानवर है। देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।"



"मैंने भी बड़ी प्रशंसा सुनी है।"



"उसकी चाल तुम्हारा मन मोह लेगी!"



"कहते हैं देखने में भी बहुत सुँदर है।"



"क्या कहना! जो उसे एक बार देख लेता है, उसके हृदय पर उसकी छवि अंकित हो जाती है।"



"बहुत दिनों से अभिलाषा थी, आज उपस्थित हो सका हूँ।"



बाबा भारती और खड़गसिंह अस्तबल में पहुँचे। बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड़गसिंह ने देखा आश्चर्य से। उसने सैंकड़ो घोड़े देखे थे, परन्तु ऐसा बाँका घोड़ा उसकी आँखों से कभी न गुजरा था। सोचने लगा, भाग्य की बात है। ऐसा घोड़ा खड़गसिंह के पास होना चाहिए था। इस साधु को ऐसी चीज़ों से क्या लाभ? कुछ देर तक आश्चर्य से चुपचाप खड़ा रहा। इसके पश्चात् उसके हृदय में हलचल होने लगी। बालकों की-सी अधीरता से बोला, "परंतु बाबाजी, इसकी चाल न देखी तो क्या?"



दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय अधीर हो गया। घोड़े को खोलकर बाहर गए। घोड़ा वायु-वेग से उडने लगा। उसकी चाल को देखकर खड़गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर वह अपना अधिकार समझता था। उसके पास बाहुबल था और आदमी भी। जाते-जाते उसने कहा, "बाबाजी, मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा।"



बाबा भारती डर गए। अब उन्हें रात को नींद न आती। सारी रात अस्तबल की रखवाली में कटने लगी। प्रति क्षण खड़गसिंह का भय लगा रहता, परंतु कई मास बीत गए और वह न आया। यहाँ तक कि बाबा भारती कुछ असावधान हो गए और इस भय को स्वप्न के भय की नाईं मिथ्या समझने लगे। संध्या का समय था। बाबा भारती सुल्तान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। इस समय उनकी आँखों में चमक थी, मुख पर प्रसन्नता। कभी घोड़े के शरीर को देखते, कभी उसके रंग को और मन में फूले न समाते थे। सहसा एक ओर से आवाज़ आई, "ओ बाबा, इस कंगले की सुनते जाना।"



आवाज़ में करूणा थी। बाबा ने घोड़े को रोक लिया। देखा, एक अपाहिज वृक्ष की छाया में पड़ा कराह रहा है। बोले, "क्यों तुम्हें क्या कष्ट है?"



अपाहिज ने हाथ जोड़कर कहा, "बाबा, मैं दुखियारा हूँ। मुझ पर दया करो। रामावाला यहाँ से तीन मील है, मुझे वहाँ जाना है। घोड़े पर चढ़ा लो, परमात्मा भला करेगा।"



"वहाँ तुम्हारा कौन है?"



"दुगार्दत्त वैद्य का नाम आपने सुना होगा। मैं उनका सौतेला भाई हूँ।"



बाबा भारती ने घोड़े से उतरकर अपाहिज को घोड़े पर सवार किया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे। सहसा उन्हें एक झटका-सा लगा और लगाम हाथ से छूट गई। उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब उन्होंने देखा कि अपाहिज घोड़े की पीठ पर तनकर बैठा है और घोड़े को दौड़ाए लिए जा रहा है। उनके मुख से भय, विस्मय और निराशा से मिली हुई चीख निकल गई। वह अपाहिज डाकू खड़गसिंह था।बाबा भारती कुछ देर तक चुप रहे और कुछ समय पश्चात् कुछ निश्चय करके पूरे बल से चिल्लाकर बोले, "ज़रा ठहर जाओ।"



खड़गसिंह ने यह आवाज़ सुनकर घोड़ा रोक लिया और उसकी गरदन पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, "बाबाजी, यह घोड़ा अब न दूँगा।"



"परंतु एक बात सुनते जाओ।" खड़गसिंह ठहर गया।



बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, "यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है। मैं तुमसे इसे वापस करने के लिए न कहूँगा। परंतु खड़गसिंह, केवल एक प्रार्थना करता हूँ। इसे अस्वीकार न करना, नहीं तो मेरा दिल टूट जाएगा।"



"बाबाजी, आज्ञा कीजिए। मैं आपका दास हूँ, केवल घोड़ा न दूँगा।"



"अब घोड़े का नाम न लो। मैं तुमसे इस विषय में कुछ न कहूँगा। मेरी प्रार्थना केवल यह है कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।"



खड़गसिंह का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया। उसका विचार था कि उसे घोड़े को लेकर यहाँ से भागना पड़ेगा, परंतु बाबा भारती ने स्वयं उसे कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। इससे क्या प्रयोजन सिद्ध हो सकता है? खड़गसिंह ने बहुत सोचा, बहुत सिर मारा, परंतु कुछ समझ न सका। हारकर उसने अपनी आँखें बाबा भारती के मुख पर गड़ा दीं और पूछा, "बाबाजी इसमें आपको क्या डर है?"



सुनकर बाबा भारती ने उत्तर दिया, "लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे दीन-दुखियों पर विश्वास न करेंगे।" यह कहते-कहते उन्होंने सुल्तान की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कभी कोई संबंध ही नहीं रहा हो।



बाबा भारती चले गए। परंतु उनके शब्द खड़गसिंह के कानों में उसी प्रकार गूँज रहे थे। सोचता था, कैसे ऊँचे विचार हैं, कैसा पवित्र भाव है! उन्हें इस घोड़े से प्रेम था, इसे देखकर उनका मुख फूल की नाईं खिल जाता था। कहते थे, "इसके बिना मैं रह न सकूँगा।" इसकी रखवाली में वे कई रात सोए नहीं। भजन-भक्ति न कर रखवाली करते रहे। परंतु आज उनके मुख पर दुख की रेखा तक दिखाई न पड़ती थी। उन्हें केवल यह ख्याल था कि कहीं लोग दीन-दुखियों पर विश्वास करना न छोड़ दे। ऐसा मनुष्य, मनुष्य नहीं देवता है।




रात्रि के अंधकार में खड़गसिंह बाबा भारती के मंदिर पहुँचा। चारों ओर सन्नाटा था। आकाश में तारे टिमटिमा रहे थे। थोड़ी दूर पर गाँवों के कुत्ते भौंक रहे थे। मंदिर के अंदर कोई शब्द सुनाई न देता था। खड़गसिंह सुल्तान की बाग पकड़े हुए था। वह धीरे-धीरे अस्तबल के फाटक पर पहुँचा। फाटक खुला पड़ा था। किसी समय वहाँ बाबा भारती स्वयं लाठी लेकर पहरा देते थे, परंतु आज उन्हें किसी चोरी, किसी डाके का भय न था। खड़गसिंह ने आगे बढ़कर सुलतान को उसके स्थान पर बाँध दिया और बाहर निकलकर सावधानी से फाटक बंद कर दिया। इस समय उसकी आँखों में नेकी के आँसू थे। रात्रि का तीसरा पहर बीत चुका था। चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात्, इस प्रकार जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो, उनके पाँव अस्तबल की ओर बढ़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई। साथ ही घोर निराशा ने पाँव को मन-मन भर का भारी बना दिया। वे वहीं रूक गए। घोड़े ने अपने स्वामी के पाँवों की चाप को पहचान लिया और ज़ोर से हिनहिनाया। अब बाबा भारती आश्चर्य और प्रसन्नता से दौड़ते हुए अंदर घुसे और अपने प्यारे घोड़े के गले से लिपटकर इस प्रकार रोने लगे मानो कोई पिता बहुत दिन से बिछड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो। बार-बार उसकी पीठपर हाथ फेरते, बार-बार उसके मुँह पर थपकियाँ देते। फिर वे संतोष से बोले, "अब कोई दीन-दुखियों से मुँह न मोड़ेगा।"
                                                                                                                        Author:सुदर्शन

रविवार, 27 मार्च 2016

सामान्य ज्ञान-3 (General Knowledge (GK) in Hindi)

सामान्य ज्ञान-3(General Knowledge (GK) in Hindi)


प्रश्न:1 लैम्पों में प्रकाश उत्पन्न करने के काम में कौन सी गैस उपयोग में लायी जाती है?
उत्तर: ऐसीटलीन
प्रश्न:2 कच्चे फलों को पकाने में कौन सी गैस उपयोग में लायी जाती है?
उत्तर: ऐथिलीन
प्रश्न:3 ऊनी कपड़ों की शुष्क धुलाई(Dry Cleaning) में कौन सी गैस उपयोग में लायी जाती है?
उत्तर: बैंजीन
प्रश्न: 4 किस किसी परमाणु के रासायनिक गुण निम्न किस पर निर्भर करते हैं :
उत्तर:  परमाणु क्रमांक पर
प्रश्न: 5 आयु निर्धारण में कार्बन के किस समस्थानिक का उपयोग करते हैं ?
उत्तर: C14 
प्रश्न: 6 नाभिकीय रिएक्टर में भारी जल का उपयोग का किस रूप में किया जाता है?
उत्तर: न्यूट्रान मंदक के रूप में
प्रश्न: 7 सूर्य के उच्च ताप का कारण क्या है?
उत्तर: हाईड्रोजन का नाभिकीय संलयन 

सामान्य ज्ञान-2 (General Knowledge (GK) in Hindi)

सामान्य ज्ञान-1 (General Knowledge (GK) in Hindi)


 1. कोलायल लिफ्ट नहर का परिवर्तित नाम क्या है।
 - डॉ. करणीसिंह लिफ्ट नहर

2. बरकतुल्ला खां नहर का परिवर्तित नाम क्या है।
 - बाबा रामदेव नहर

3. झालावाड़ स्टेडियम का परिवर्तित नाम है।
 -राजमाता विजयाराजे सिंधिया राजकीय खेल संकुल

4. युन्नान का पठार स्थित है।
 - चीन में

5. डार्लिग है।
 - नदी

6. खोई और बुशमैन जनजाति का संबंध है।
 - अफ्रीका

7. बेबा है।
 - लकड़ी का छोटा मंदिर

8. बच्छावतों की हवेली कर्णसिंह बच्छावत ने कहां बनाई।
 - बीकानेर

9. किन शिल्पकारों ने नथमल की हवेली का निर्माण किया।
 - हाथी और लालू

10. ‘त्याग भूमि’ नामक समाचार पत्र का संपादन किया।
 - हरिभाऊ उपाध्याय

11. उत्खनात स्थालाकृति का संबंध किस संभाग से है
 - भरतपुर

12. भारतीय मूल के किस आर्किटेक्ट द्वारा लंदन में होने वाले ओलम्पिक (2012) की प्रतिकात्मक इमारत बनाई जा रही है।
 - अनीस कपूर

13. चीन द्वारा पाकिस्तान के किस क्षेत्र में 650 मेगावाट क्षमता के दो परमाणु संयंत्र बनाने का निर्णय लिया गया।
 - चश्मा

14. राजस्थान में प्रत्येक जिले के सहकारी बैंक का नाम है।
 - केंद्रीय सहकारी बैंक

15. दीपावास बांध किस जिले में स्थित है।
 - सीकर

16. जिनभद्रसूरी ग्रन्थ भंडार किस दुर्ग में है।
 - जैसलमेर दुर्ग

17. चंद्रसेन जिसने राणा सांगा की खानवा युद्ध में मदद की थी उसका संबंध किस राजपरिवार से है।
 - कछवाह

18. जयपुर फुट का संबंध है।
 - डा. पीके सेठी

19. मातुराम वर्मा द्वारा निर्मित मूर्तियां कहां देखी जा सकती हैं।
 - पंचवटी

20. खेतड़ी महल का निर्माण करवाया था।
 - भोपालसिंह

मंगलवार, 22 मार्च 2016

सामान्य ज्ञान -1 (General Knowledge (GK) in Hindi)

सामान्य ज्ञान-1 (General Knowledge (GK) in Hindi)


1. भारत केंद्र सरकार ने किस जीव को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है।
- ऑक्टोपस

2. पामड़ी खेस शाल है।
- वस्त्र
3. चांदखेड़ी का जैन मंदिर जिले में है
- झालावाड़

4. तंबाकू बोर्ड का गठन कब किया गया।
- 1 जनवरी 1976

5. मसाला बोर्ड का गठन कब किया गया।
- 26 फरवरी 1987

6. भारत की किन टकसालों में सिक्कों के अलावा पदकों (मेडल) का भी उत्पादन होता है।
- मुंबई व कोलकाता

7. नोएडा स्थित टकसाल की स्थापना कब की गई।
- 1981 में

8. सिक्कों के लिए पहली टकसाल कहां पर स्थापित की गई।
- मुंबई (1830)

9. बैंक और करेंसी नोट कागज तथा नॉन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर की छपाई में प्रयोग होने वाले कागजों का उत्पादन कहां पर किया जाता है।
- सिक्यूरिटी पेपर मिल, होशंगाबाद (मप्र)

10. डाक संबंधी लेखन सामग्री, बैंकों के चेक, बाँड, डाक एवं डाक भिन्न टिकट, पोस्टल ऑर्डर, पासपोर्ट, सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों, वित्तीय निगमों आदि के प्रतिभूति पत्रों की छपाई कहां की जाती है।
- इंडिया सिक्योरिटी प्रेस, नासिक

11. रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कब किया गया।
- 1 जनवरी 1949

12. पूर्ण रूप से पहला भारतीय बैंक कौनसा है।
- पंजाब नेशनल बैंक (1984)

13. किस संविधान संशोधन के तहत परिसीमन में जनसंख्या का आधार 1991 की जनगणना के स्थान पर २क्क्१ कर दी गई।
- 87वां संशोधन

14. किस संविधान संशोधन के तहत भूतपूर्व देशी राज्यों के शासकों की विशेष्ज्ञ उपाधियों एवं उनके प्रिवी-पर्स को समाप्त कर दिया गया।
- 26वां संविधान संशोधन

15. दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट पीसी कौनसा है।
- आकाश

16. ईएसपीएन क्रिकइंफो ने 2011 का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज का खिताब किसे दिया है।
- सचिन तेंदूलकर

17. ईएसपीएन क्रिकइंफो ने 2011 का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाज का खिताब किसे दिया है।
- डग ब्रेसवेल (न्यूजीलैंड)

18. ईएसपीएन क्रिकइंफो ने 2011 का सर्वश्रेष्ठ वनडे बल्लेबाज का खिताब किसे दिया है।
- केविन ओ ब्रायन (आयरलैंड)

19. ईएसपीएन क्रिकइंफो ने 2011 का सर्वश्रेष्ठ वनडे गेंदबाज का खिताब किसे दिया है।
- मिशेल जॉनसन (ऑस्ट्रेलिया)

20. युद्ध भूमि में जाते समय अपने पति द्वारा निशानी मांगने पर जिसने अपना शीश काटकर भेंट कर दिया, वह थी।
- रानी हाड़ा

सोमवार, 21 मार्च 2016

बीमारी से बचाव के आसान तरीके


बीमारी से बचाव के आसान तरीके



बुखार आने के बाद तो सभी इलाज करते हैं लेकिन अगर रोजमर्रा के जीवन में कुछ अच्छी आदतें डालने से आप रोगों से दूर भी रह सकते हैं |हिन्दू संस्कृति में कई अच्छी बातों को सिखाया जाता हैं पर आज के वक्त में उनके अनुरूप कार्य करना कठिन हैं |






रोगों से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय लिखे गए हैं अपनी सुविधा अनुसार उनका चयन करे और नियमित पालन करे :


उपाय 1 : शाम के समय ताम्बे के पात्र में पानी भर कर रखे और सुबह सूर्योदय से पूर्व उसे बिना ब्रश किये बासे मूंह पीये साथ ही 15 मिनिट सैर करे | इससे पेट के रोग दूर होते हैं | इससे बाल वक्त से पहले सफ़ेद नहीं होते | यह जल अत्यंत गुणकारी माना गया हैं |


उपाय 2 : भोजन करने के एक घंटे बाद पानी पीये इससे पाचन तंत्र तो सुधरता ही हैं साथ ही खासी जैसी बीमारी नहीं होती |


उपाय 3 : तुलसी एक अत्यंत गुणकारी पौधा हैं | तुलसी की चार पत्ती रोज खाने से ह्रदय, पेट के रोग नहीं होते साथ ही केंसर से भी बचाव होता हैं |


उपाय 4 : भोजन अच्छी तरह से चबा कर खाए साथ ही भोजन के बीच बार बार पानी न पीये और भोजन के एक घंटे बाद कुनकुना पानी पियें इससे पाचन तंत्र ठीक रहता हैं | और मोटापा भी दूर होता हैं साथ ही पेट के कोई रोग नहीं होते |



उपाय 5 : सप्ताह के एक बार करेले की सब्जी अवश्य खाये | इससे बुखार, पित्त, दस्त, पेट के कीड़े आदि सभी से बचाव होता हैं | साथ ही करेला मोटापे को दूर करता हैं और मधुमेह के रोगी के लिए भी फायदेमंद होता हैं |


उपाय 6 : भोजन में लहसन का इस्तेमाल करे यह एक एंटीबायोटिक हैं | लहसुन से टीबी जैसे भयानक रोग नहीं होते | साथ ही रक्त भी साफ़ रहता हैं | लहसुन की एक कली के चार तुकडे कर उन टुकड़ों को भोजन के बाद चबा कर खाये | इससे सभी कीटाणु मर जाते हैं और शरीर स्वस्थ रहता हैं |इससे पेट के केंसर भी नहीं होता |


उपाय 7 : अदरक, काली मिर्च और तुलसी के पत्तों की चाय बनाये और इसका सेवन करें इससे खासी, कफ के साथ साथ मलेरिया से भी शरीर की रोकथाम होती हैं |


उपाय 8 : मनुष्य को कभी दक्षिण की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिये इससे हृदय संबंधी परेशानी होती हैं | इसका करण यह हैं कि शरीर में सिर में धनात्मक आवेश तथा पैरों में ऋणात्मक आवेश होता हैं और पृथ्वी के उत्तर में धनात्मक आवेश और दक्षिण में ऋणात्मक आवेश रहता हैं | और इस बीच विद्युतीय प्रभाव होता हैं | अगर मनुष्य और पृथ्वी के बीच विपरीत आवेश (पृथ्वी की दक्षिण दिशा और मनुष्य का सिर )मिलते हैं तो विद्युतीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता हैं जो कि हानिकारक हैं |इसलिए सोते वक्त दिशा का ध्यान रखे |


उपाय 9 : प्याज में भी अत्यंत गुणकारी तत्व होते हैं इसे भोजन के साथ नियमित खाने से वायरल जैसे रोगों से बचाव होता हैं | गर्मी के समय प्याज के सेवन से शीतलता बनी रहती हैं इससे लू नहीं लगती |


उपाय 10 : नींबू की शिकंजी पीने से हैजा से बचाव होता हैं | नींबू शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी हैं |


यह थे 10 आसान घरेलु उपाय जिसे अपनाने से रोगों से शरीर का बचाव होता हैं | और इन्हें आसनी से दिनचर्या का हिस्सा बनाया जा सकता हैं |


NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

अनमोल वचन |Anmol Vachan in hindi

अनमोल वचन |Anmol Vachan in hindi




एक कागज का टुकड़ा
गवर्नर के हस्ताक्षर से
नोट बन जाता है,
जिसे तोड़ने, मरोडने,
गंदा होने एवँ जज॔र होने से भी
उसकी कीमत कम नहीं होती...
आप भी ईश्वर के हस्ताक्षर है,
जब तक आप ना चाहे
आपकी कीमत कम नहीं
हो सकती,
आप अनमोल है ,
अपनी कीमत पहचानिये...!!!"
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लगातार हो रही असफलताओं से निराश नही होना चाहिये..
कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाभी ताला खोल देती है.....!
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पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
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आयुर्वेदिक उपाय

सर दर्द से राहत के लिए




१. तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है.
२ .नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा.
३. सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा.
४. सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है.
५. लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है.
६. लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर २ , ३ बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा.
७. चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा.
८. हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा.
९ .सफ़ेद  सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी.
NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

नींबू और आपका स्वास्थ्य

नींबू और आपका स्वास्थ्य







  • नींबू (Lemon) की शिकंजी में शुद्ध शहद मिलाकर पीने से मोटापे में कमी आती है।
  • सूखा रोग के लिए नींबू (Lemon) अत्यन्त लाभप्रद है।
  • दस ग्राम शहद में दस ग्राम नींबू (Lemon) का रस अच्छी तरह से मिलाकर चाटने से दमा में आराम मिलता है।
  • माइग्रेन में नींबू के छिलकों को पीसकर माथे पर लेप लेप करने से आराम मिलता है।
  • काली मिर्च मिला हुआ नींबू के रस को हल्का गर्म करके सेवन करने से मलेरिया ठीक होता है।
  • नींबू (Lemon) के रस में पिसा हुआ नौसादर डालकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
  • गाजर के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से रक्त की कमी दूर होती है।
  • नियमित रूप से प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस में एक चम्मच ज़ैतून का तेल मिलाकर पीने से पत्थरी दूर होती है।
  • एक गिलास गर्म पानी में नींबू डाल कर पीने से पांचन क्रिया ठीक रहती है।
  • चक्तचाप, खांसी, क़ब्ज़ और पीड़ा में भी नींबू चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है।
NOTE-:हम आप से निवेदन करते हैं की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से सलह लें। हमारा उद्देश्य आपको जागरूक करना है। आपका डाॅक्टर ही आपकी सेहत बेहतर जानता है

रविवार, 20 मार्च 2016

Atal Bhihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी | Atal Bihari Vajpayee biography hindi


बहु प्रतिभावान राजनैतिज्ञ अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीती में पिछले 50 सालों से सक्रीय है. अपने राजनैतिक सफ़र में वाजपेयी जी सबसे आदर्शवादी व प्रशंसनीय राजनेता थे. अटल जी जैसा नेता होना पुरे देश के लिए गर्व की बात है. उनके बहुत से कामों की वजह से देश आज इस मुकाम पर है. जवाहरलाल नेहरु के बाद अगर कोई 3 बार प्रधानमंत्री बना है तो वो अटल जी ही है. अटल जी पिछले 5 दशकों से संसद में सक्रीय रहे, साथ ही वे इकलोते राजनेता है जो 4 अलग अलग प्रदेश से सांसद चुने गए. अटल जी भारत की आजादी के पहले से राजनीती में आ गए थे, उन्होंने गाँधी जी के साथ भारत छोड़ो आन्दोलन में भी भाग लिया था, और कई बार जेल यातनाएं भी सही.

अटल की बहुमुखी प्रतिभा के धनि है, वे बहुत अच्छे कवी भी है, जो राजनीती पर भी अपनी कविता और व्यंग्य से सबको आश्चर्यचकित करते रहे है, उनकी बहुत ही रचनाएँ पब्लिश भी हुई है जिन्हें आज भी लोग पढ़ते है. अटल जी को अपनी मातृभाषा हिंदी से भी बेहद प्रेम है, अटल जी पहले राजनेता बने, जिन्होंने यू एन जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण दिया था. अटल जी पहली बार सिर्फ 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे. इसके 1 साल के बाद वे फिर प्रधानमंत्री बने लेकिन इस बार भी उनका ये सफ़र एक साल का रहा. तीसरी बार अटल जी जब प्रधानमंत्री बने तब उनका कार्यकाल पूरा 5 साल का रहा और ये सबसे अधिक सफल माना गया.


अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी 

Atal Bihari Vajpayee biography hindi

क्रमांकजीवन परिचय बिंदुअटल बिहारी जीवन परिचय
1.पूरा नामअटल बिहारी वाजपेयी
2.जन्म25 दिसम्बर
3.जन्म स्थानग्वालियर, मध्यप्रदेश
4.माता-पिताकृष्णा देवी, कृष्णा बिहारी वाजपेयी
5.विवाहनहीं हुआ
6.राजनैतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी
7.अवार्ड1992 – पद्म विभूषण
1994 – लोकमान्य तिलक अवार्ड
1994 – बेस्ट सांसद अवार्ड
1994 – पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त अवार्ड
2014 – भारत रत्न

अटल बिहारी वाजपेयी बचपन व आरंभिक जीवन (Atal Bihari Vajpayee Personal Life)–

अटल जी का राजनैतिक सफ़र स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में शुरू हुआ. 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन में बाकि नेताओं के साथ उन्होंने भाग लिया और जेल भी गए, इसी दौरान उनकी मुलाकात भारतीय जनसंघ के लीडर श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई. अटल जी ने मुखर्जी जी के साथ राजनीती के दाव पेंच सीखे. मुखर्जी जी का स्वास्थ ख़राब रहने लगा और जल्दी ही उनकी मौत हो गई, इसके बाद अटल जी ने ही भारतीय जनसंघ की बागडौर संभाल ली और इसका विस्तार पुरे देश में किया.
  • 1954 में बलरामपुर से वे मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट चुने गए. जवानी के दिनों में भी अटल जी को अपनी सोच व समझ के कारण राजनीती में काफी आदर व सम्मान मिला.
  • 1968 में दीनदयाल उपाध्या की मौत के बाद अटल जी जन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. इसके बाद उन्होंने कुछ सालों तक नानाजी देसाई, बलराज मध्होक व लाल कृष्ण आडवानी के साथ मिलकर जन संघ पार्टी को भारतीय राजनीती में आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की.
  • 1977 में भारतीय जन संघ पार्टी ने भारतीय लोकदल के साथ गठबंधन कर लिया, जिसे जनता पार्टी नाम दिया गया. जनता पार्टी ने बहुत जल्दी ग्रोथ की और लोकल चुनाव में उसे सफलता भी मिली, इसके बाद जनता पार्टी के लीडर मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री बने और सत्ता में आये तब अटल जी को एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर बनाया गया. इसी के बाद वे चाइना व पाकिस्तान दौरे में गए, जहाँ उन्होंने इस देशों से भारत के संबंध सुधारने का प्रस्ताव रखा.
  • 1979 में जब मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया, तब जनता पार्टी भी बिखरने लगी. अटल जी ने 1980 में लाल कृष्ण आडवानी व भैरव सिंह शेखावत के साथ मिल कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) बनाई, और पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. अगले पांच सालों तक अटल जी ही पार्टी के अध्यक्ष रहे.
  • 1984 के चुनाव में बीजेपी सिर्फ 2 सीट से हारी, जिसके बाद अटल जी ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जी तोड़ काम किया और पार्लियामेंट के अगले चुनाव 1989 में बीजेपी 88 सीटों की बढ़त के साथ आगे रही.
  • 1991 में विपक्ष की मांग के चलते एक बार फिर पार्लियामेंट में चुनाव हुआ, जिसमें एक बार फिर बीजेपी 120 सीटों के साथ आगे रही.
  • 1993 में अटल जी सांसद में विपक्ष के लीडर बनके बैठे. नवम्बर 1995 में मुंबई में हुई बीजेपी कांफ्रेंस में अटल जी को बीजेपी का प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित किया गया.
अटल बिहारी वाजपेयी का प्रधानमंत्री बनने का सफ़र –
  • 1996 में हुए चुनाव में बीजेपी एक अकेली सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी थी. मई 1996 में बीजेपी को जीत मिली और अटल जी को प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया. लेकिन बीजेपी को दूसरी पार्टियों से सपोर्ट नहीं मिला, जिस वजह से बीजेपी सरकार गिर गई और मात्र 13 दिन में अटल जी को पद से इस्तीफा देना पड़ा.
  • 1996 से 1998 के बीच में 2 बार दूसरी सरकारें बनी लेकिन सपोर्ट ना मिलने से वे भी गिर गई. इसके बाद बीजेपी ने दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर नेशनल डोमेस्टिक पार्टी (NDA) का गठन किया. बीजेपी फिर सत्ता में आई लेकिन इस बार भी उनकी सरकार 13 महीने की रही, अन्ना द्रविदा मुन्नेत्रा पार्टी ने अपना सपोर्ट वापस ले लिया था.
  • 1999 में कारगिल में हुई भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारत को मिली विजय ने अटल जी की सरकार को और मजबूत बना दिया. इस जीत से लोग उन्हें एक अच्छे भावी लीडर के रूप में देखने लगे.
  • इसके बाद हुए चुनाव में बीजेपी ने NDA को फिर से मजबूत किया, और चुनाव में खड़े हुए. कारगिल की जीत से भारतवासी बहुत प्रभावित हुए, और सबने बीजेपी को फिर से जीता दिया, जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे.
  • बाजपेयी सरकार ने इस बार पुरे 5 साल पुरे किये, और पहली नॉन कांगेस पार्टी बन गई. सभी पार्टीयों के सपोर्ट से अटल जी ने निर्णय लिया कि वे देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए प्राइवेट सेक्टर को आगे बढ़ाएंगे. अटल जी की मुख्य योजनायें नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना रही.
  • अटल जी विदेश में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा दिया व आईटी सेक्टर के प्रति लोगों को जागरूप किया. सन 2000 में अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर आये, इस दौरे का दोनों देश की प्रगति व रिश्ते में बहुत प्रभाव पड़ा.
  • 2001 में अटल जी ने पाकिस्तान के रास्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ को भारत आने का न्योता भेजा. वे चाहते थे भारत पाक के रिश्तों में सुधार हो, आगरा में हुई ये वार्ता आज तक लोगों को याद है. इसके बाद लाहौर के लिए बस भी शुरू हुई जिसमें खुद अटल जी ने सफ़र किया. लेकिन उनकी ये मुहीम सफल नहीं रही, अटल जी की फोरेन पालिसी ने बहुत बदलाव नहीं किया, लेकिन इस बात को जनता ने बहुत सराहा.
  • 2001 में अटल जी ने सर्व शिक्षा अभियान की भी शुरुवात की.
  • आर्थिक सुधार के लिए अटल जी ने बहुत सी योजनायें शुरू की, जिसके बाद 6-7 % ग्रोथ रिकॉर्ड की गई. इसी समय पूरी दुनिया में भारत का नाम जाना जाने लगा.
  • 2004 में कांग्रेस की जीत के साथ अटल जी ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
  • सन 2005 में अटल जी ने राजनीती से रिटायरमेंट की बात घोषित कर दी. इसके बाद 2009 में हुए चुनाव में उन्होंने हिस्सा भी नहीं लिया.
बड़े मुख्य काम –
  • सत्ता में आने के जस्ट 1 महीने बाद अटल जी व उनकी सरकार ने मई 1998 में राजिस्थान के पोखरम में 5 अंडरग्राउंड नूक्लियर का सफल टेस्ट करवाए. परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा, जिसकी चर्चा देश विदेश में भी जोरों पर रही.
  • अटल जी द्वारा शुरू किये गए नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (NHDP) व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) उनके दिल के बेहद करीब थी, वे इसका काम खुद देखते थे. NHDP के द्वारा उन्होंने देश के चार मुख्य शहर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई व कोकत्त्ता को जोड़ने का काम किया. PMGSY के द्वारा पुरे भारत को अच्छी सड़कें मिली, जो छोटे छोटे गांवों को भी शहर से जोड़ती.
  • कारगिल युद्ध व आतंकवादी हमले के दौरान अटल जी द्वारा लिए गए निर्णय, उनकी लीडरशिप व कूटनीति ने सबको प्रभावित किया जिससे उनकी छवि सबके सामने उभर कर आई.
अटल बिहारी वाजपेयी अवार्ड व अचिवेमेंट्स (Atal Bihari Vajpayee Awards & Achivements)–
  • 1992 में देश के लिए अच्छे कार्य करने के कारण अटल जी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.
  • 1994 में उनको बेस्ट सांसद का अवार्ड मिला.
  • 2014 में देश के सर्वोच्य सम्मान भारत रत्न से अटल जी को सम्मानित किया गया. ये सम्मान उनके जन्म दिन 25 दिसम्बर को रास्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा उनके निवास स्थान पर दिया गया. अटल जी के लिए पहली बार किसी राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल तोड़ कर घर जाकर सम्मान दिया.
  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अटल जी को भारतीय राजनीती का भीष्म पितामह कहते है.
  • अटल जी चार अलग अलग प्रदेशों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात व दिल्ली से सांसद चुने गए.
अटल जी को संगीत का भी बहुत शौक है, उनके पसंदीदा संगीतकार लता मंगेश्वर, मुकेश व मो रफ़ी है. अटल जी ने आजीवन शादी ना करने की प्रतिज्ञा ली थी, जिस पर वे कायम भी रहे. उनकी गोद ली हुई बेटी नमिता व नंदिता के वे बेहद करीब है, अटल जी अपने सभी रिश्तेदारों से भी बेहद लगाव रखते है. 90 साल के हो चुके अटल जी अब बहुत सी बीमारियों से पीढित है, उन्हें घुटने का दर्द, शुगर और भी उम्र के हिसाब से बीमारी है. बीजेपी के लिए अटल जी एक पिता व संरक्षक है, आज देश का हर एक नागरिक अटल जी को सम्मान की द्रष्टि से देखता है. दुसरी पार्टी के सदस्य भी अटल जी को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते है. हम आज अटल जी को सम्मान देते है व उनके स्वास्थ और दीर्घायु होने की प्राथना करते है.

होली(Holi)

होली क्यों मनाते हैं?
‘रंगों के त्यौहार’ के तौर पर मशहूर होली फाल्गुन महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। तेज संगीत और ढोल के बीच एक दूसरे पर रंग और पानी फेंका जाता है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह होली भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। प्राचीन पौराणिक कथा के अनुसार होली से हिरण्यकश्यप की कहानी जुड़ी है।
होली का इतिहास
हिरण्यकश्यप प्राचीन भारत का एक राजा था जो कि राक्षस की तरह था। वह अपने छोटे भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मारा था। इसलिए ताकत पाने के लिए उसने सालों तक प्रार्थना की। आखिरकार उसे वरदान मिला। लेकिन इससे हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझने लगा और लोगों से खुद की भगवान की तरह पूजा करने को कहने लगा। इस दुष्ट राजा का एक बेटा था जिसका नाम प्रहलाद था और वह भगवान विष्णु का परम भक्त था। प्रहलाद ने अपने पिता का कहना कभी नहीं माना और वह भगवान विष्णु की पूजा करता रहा। बेटे द्वारा अपनी पूजा ना करने से नाराज उस राजा ने अपने बेटे को मारने का निर्णय किया। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी। उनकी योजना प्रहलाद को जलाने की थी, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि प्रहलाद सारा समय भगवान विष्णु का नाम लेता रहा और बच गया पर होलिका जलकर राख हो गई। होलिका की ये हार बुराई के नष्ट होने का प्रतीक है। इसके बाद भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया, लेकिन होली से होलिका की मौत की कहानी जुड़ी है। इसके चलते भारत के कुछ राज्यों में होली से एक दिन पहले बुराई के अंत के प्रतीक के तौर पर होली जलाई जाती है।
लेकिन रंग होली का भाग कैसे बने?
यह कहानी भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण के समय तक जाती है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण रंगों से होली मनाते थे, इसलिए होली का यह तरीका लोकप्रिय हुआ। वे वृंदावन और गोकुल में अपने साथियों के साथ होली मनाते थे। वे पूरे गांव में मज़ाक भरी शैतानियां करते थे। आज भी वृंदावन जैसी मस्ती भरी होली कहीं नहीं मनाई जाती।
होली वसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दियां खत्म होती हैं। कुछ हिस्सों में इस त्यौहार का संबंध वसंत की फसल पकने से भी है। किसान अच्छी फसल पैदा होने की खुशी में होली मनाते हैं। होली को ‘वसंत महोत्सव’ या ‘काम महोत्सव’ भी कहते हैं।
होली एक प्राचीन त्यौहार है
होली प्राचीन हिंदू त्यौहारों में से एक है और यह ईसा मसीह के जन्म के कई सदियों पहले से मनाया जा रहा है। होली का वर्णन जैमिनि के पूर्वमिमांसा सूत्र और कथक ग्रहय सूत्र में भी है।
प्राचीन भारत के मंदिरों की दीवारों पर भी होली की मूर्तियां बनी हैं। ऐसा ही 16वीं सदी का एक मंदिर विजयनगर की राजधानी हंपी में है। इस मंदिर में होली के कई दृश्य हैं जिसमें राजकुमार, राजकुमारी अपने दासों सहित एक दूसरे पर रंग लगा रहे हैं।
कई मध्ययुगीन चित्र, जैसे 16वीं सदी के अहमदनगर चित्र, मेवाड़ पेंटिंग, बूंदी के लघु चित्र, सब में अलग अलग तरह होली मनाते देखा जा सकता है।
होली के रंग
पहले होली के रंग टेसू या पलाश के फूलों से बनते थे और उन्हें गुलाल कहा जाता था। वो रंग त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते थे क्योंकि उनमें कोई रसायन नहीं होता था। लेकिन समय के साथ रंगों की परिभाषा बदलती गई। आज के समय में लोग रंग के नाम पर कठोर रसायन का उपयोग करते हैं। इन खराब रंगों के चलते ही कई लोगों ने होली खेलना छोड़ दिया है। हमें इस पुराने त्यौहार को इसके सच्चे स्वरुप में ही मनाना चाहिए।
होली समारोह
होली एक दिन का त्यौहार नहीं है। कई राज्यों में यह तीन दिन तक मनाया जाता है।
दिन 1 – पूर्णिमा के दिन एक थाली में रंगों को सजाया जाता है और परिवार का सबसे बड़ा सदस्य बाकी सदस्यों पर रंग छिड़कता है।
दिन 2 – इसे पूनो भी कहते हैं। इस दिन होलिका के चित्र जलाते हैं और होलिका और प्रहलाद की याद में होली जलाई जाती है। अग्नि देवता के आशीर्वाद के लिए मांएं अपने बच्चों के साथ जलती हुई होली के पांच चक्कर लगाती हैं।
दिन 3 – इस दिन को ‘पर्व’ कहते हैं और यह होली उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन एक दूसरे पर रंग और पानी डाला जाता है। भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियों पर भी रंग डालकर उनकी पूजा की जाती है।