शनिवार, 30 जुलाई 2016

लो कैलोरी खांडवी...




खांडवी... 

लो कैलोरी खांडवी हेल्दी ऑप्शन है। आप चाहें तो इसे मेन कोर्स में साइड डिश के तौर पर सर्व करें या ब्रेकफास्ट में खाएं।... 
सामग्री : 

  •  कढ़ी पत्ते - थोड़े से
  •  नारियल - 1 किसा हुआ 
  • पानी - 2 कप 
  • हरी मिर्च - 3 टुकड़ों में कटी हुई
  •  नमक - स्वादानुसार 
  • तेल - ½ छोटा चम्मच 
  • हल्दी पाउडर - ¼... 
  • दही - 1 कप 
  • बेसन - 1 कप... 

छिपकली भगाने के घरेलु तरीके



कैसे बनाएं 

STEP 1. एक बाउल में दही डालकर फेंट लें। इसमें बेसन, पानी, नमक और हल्दी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें ताकि गांठें न पड़ें।... 

STEP 2.एक पैन में इस मिश्रण को डालें और गैस पर रखें। इसे मध्यम आंच पर गाढ़ा होने तक लगातार चम्मच से हिलाते रहें। अब गैस बंद कर दें और मिश्रण को कुछ देर और हिलाएं। एक प्लेट पर हल्का सा तेल लगाएं और उसमें इस मिश्रण को फैला लें।... 

STEP 3. इसके ऊपर किसा हुआ नारियल और हरा धनिया डालें। इसे पतली स्ट्रीप्स में काटें और रोल कर लें। एक पैन में तेल गर्म कर लें। उसमें कढ़ी पत्ता और राई डालें। इस छौंक को तैयार रोल पर डालें। गार्निश करने के लिए किसा हुआ नारियल और हरा धनिया मिलाएं।... 
Source - bhaskar

शुक्रवार, 29 जुलाई 2016

नागपंचमी भैया पंचमी महत्व, कथा व्रत पूजा विधी

नागपंचमी महत्व कथा अवम व्रत पूजा विधि  के बारे में सभी जानकारी एकत्र की गई हैं जिसे पढ़कर आप नाग पंचमी की पूजा कर सकते हैं |


नागपंचमी भैया पंचमी महत्व, कथा व्रत पूजा विधी

नाग पंचमी महत्त्व

नाग पंचमी का त्यौहार सावन में मनाया जाता हैं श्रावण में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती हैं | रिवाजानुसार इस दिन नाग/ सर्प को दूध पिलाया जाता हैं | गाँव में नाग पंचमी के दिन मेला सजता हैं जिसमे झूले लगते हैं | पहलवानी का खेल कुश्ती भी नाग पंचमी की एक विशेषता हैं | कई स्थानों पर नाग पंचमी के दिन विवाहित बेटियों को मायके में बुलाया जाता हैं | उनके परिवार को भोजन करवा कर दान दिया जाता हैं | साथ ही खेत के मालिक अन्य पशुओं जैसे बैल, गाय भैस आदि की भी पूजा करते हैं |साथ ही फसलो की भी पूजा की जाती हैं |
नाग पंचमी पूजा विधी
नाग पंचमी की पूजा का नियम सभी का अलग होता हैं कई तरह की मान्यता होती हैं | एक तरह की नाग पंचमी पूजा विधी यहाँ दी गई हैं |
  • सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान किया जाता हैं | निर्मल स्वच्छ वस्त्र पहने जाते हैं |
  • भोजन में सभी के अलग नियम होते हैं अवम उन्ही के अनुसार भोग लगाया जाता हैं | कई घरों में दाल बाटी बनती हैं | कई लोगो के यहाँ खीर पुड़ी बनती हैं | कईयों के यहाँ चावल बनाना गलत माना जाता हैं | कई परिवार इस दिन चूल्हा नहीं जलाते अतः उनके घर बासा खाने का नियम होता हैं | इस तरह सभी अपने हिसाब से भोग तैयार करते हैं |
  • इसके बाद पूजा के लिए घर की एक दीवार पर गेरू एक विशेष पत्थर से लेप कर एक हिस्सा शुद्ध किया जाता हैं | यह दीवार कई लोगो के घर की प्रवेशद्वार होती हैं तो कई के रसौई घर की दीवार | इस छोटे से भाग पर कोयले एवं घी से बने काजल की तरह के लेप से एक चौकोर डिब्बा बनाया जाता हैं | इस डिब्बे के अन्दर छोटे छोटे सर्प बनाये जाते हैं | इस तरह की आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती हैं |
  • कई परिवारों के यहाँ यह सर्प की आकृति कागज पर बनाई जाती हैं |
  • कई परिवार घर के द्वार पर चन्दन से सर्प की आकृति बनाते हैं | एवं पूजा करते हैं |
  • इस पूजा के बाद घरों में सपेरे को लाया जाता हैं जिनके पास टोकनी में सर्प होता हैं जिसके दांत नहीं होते साथ ही इनका जहर निकाल दिया जाता हैं | उनकी पूजा की जाती हैं | जिसमे अक्षत, पुष्प, कुमकुम, दूध एवं भोजन का भोग लगाया जाता हैं |
  • सर्प को दूध पिलाने की प्रथा हैं |
  • सपेरे को दान दिया जाता हैं |
  • कई लोग इस दिन कीमत देकर सर्प को सपेरे के बंधन से मुक्त भी करते हैं |
  • इस दिन बाम्बी के भी दर्शन किये जाते हैं | बाम्बी सर्प के रहने का स्थान होता हैं | जो मिट्टी से बना होता हैं उसमे छोटे- छोटे छिद्र होते हैं | यह एक टीले के समान दिखाई देता हैं |
इस प्रकार नाग पंचमी की पूजा की जाती हैं | फिर सभी परिवारजनों के साथ मिलकर भोजन करते हैं |


शिव को प्रसन्‍न करने के लिए ........


नाग पंचमी पर पौराणिक कथा :क्यूँ पड़ा नाग पंचमी का नाम भैया पंचमी (Nag Panchami Bhaiya Panchami Katha )
नगर का एक सेठ था उसके चार पुत्र थे | सभी का विवाह हो चूका था | तीन पुत्र की पत्नियों का मायका बहुत सम्पन्न था उसे धन धान की कोई कमी ना थी लेकिन चौथी के परिवार में कोई नहीं था उसका विवाह किसी रिश्तेदार ने किया था | अन्य तीन बहुए अपने घरो से कई उपहार लाती थी और छोटी बहु को ताने मारती थी | लेकिन छोटी बहुत स्वाभाव से बहुत अच्छी थी उस पर इन बातों का प्रभाव नहीं पड़ता था |
एक दिन बड़ी बहु से सभी बहुओं को साथ चल कर कुछ पौधे लगाने को कहा | सभी साथ गई और बड़ी बहु ने खुरपी से गड्डा करने के लिए जैसे ही उठाया | उस वक्त वहां एक सर्प आ गया उसने उसे मारने की सोची लेकिन छोटी बहु ने उसे रोक दिया कहा दीदी यह बेजुबान जानवर हैं इसे ना मारे | तब सर्प की जान बच गई | कुछ वक्त बाद सर्प छोटी बहु के स्वपन में आया और उसने उससे कहा तुमने मेरी जान बचाई इसलिए तुम जो चाहों मांग लो तब छोटी बहु ने सर्प को उसका भाई बनने का कहा | सर्प ने छोटी बहु को अपनी बहन स्वीकार किया |
कुछ दिनों बाद सारी बहुयें अपने- अपने मायके गई और वापस आकर छोटी बहु को ताना मारने लगी | तब ही छोटी बहु को उस स्वपन का ख्याल आया और उसने मन ही सर्प को याद किया |
एक दिन वह सर्प मानव रूप धर के छोटी बहु के घर आया और उसने सभी को यकीन दिलाया कि वो छोटी बहु का दूर का भाई हैं | और उसे अपने साथ मायके ले जाने आया | परिवार वालो ने उसे जाने दिया | रास्ते में सर्प ने छोटी बहु को अपना वास्तविक परिचय दिया | और उसे शान से घर लेकर गया | जहाँ बहुत धन धान्य था | सर्प ने अपनी बहन को बहुत सा धन, जेवर देकर मायके भेजा | जिसे देख बड़ी बहु जल गई और उसने छोटी बहु के पति को भड़काया और कहा कि छोटी बहु चरित्रहीन हैं | इस पर पति ने छोटी बहु को घर से निकालने का निर्णय लिया | तब छोटी बहु ने अपने भाई सर्प को याद किया | सर्प उसी वक्त उसके घर आया और उसने सभी को कहा कि अगर किसी ने मेरी बहन पर आरोप लगाया तो वो सभी को डस लेगा | इससे वास्तविक्ता सामने आई और इस प्रकार भाई ने अपना फर्ज निभाया | तब ही से सर्प की पूजा सावन की शुक्ल पंचमी के दिन की जाती हैं | लडकियाँ सर्प को अपना भाई मानकर पूजा करती हैं | धन्य धान की पूर्ति हेतु भी सर्प की पूजा की जाती हैं |
Nag Panchami Vrat (नाग पंचमी व्रत विधान )
नाग पंचमी सावन की शुक्ल पंचमी को मनाई जाती हैं उस समय कई लोग सावन के व्रत करते हैं | जिसमे कई लोग धन धान्य की ईच्छा से नाग पंचमी व्रत करते हैं | इस दिन नाग देवता के मंदिर में श्री फल चढ़ाया जाता हैं |
ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा श्लोक का उच्चारण कर सर्प का जहर उतारा जाता हैं |सर्प के प्रकोप से बचने के लिए नाग पंचमी की पूजा की जाती हैं |
Source - deepawali

सोमवार, 25 जुलाई 2016

रंग-बिरंगे रसगुल्ले


मेहमानों का मुंह मीठा करने के लिए स्वीट के रूप में रंग के गोले बनाइए। तैयार रसगुल्ले से यह मिठाई कम समय में बनाई जा सकती है।




सामग्री : 
  •  नारियल बूरा - 1 ½ कप
  •  छोटे रसगुल्ले - 10 
  • केसर - 10 रेशे, एक चम्मच दूध में घुले हुए 
  • केसर - 1 छोटा चम्मच, एक चम्मच पानी में घुला हुआ 
  • पिस्ते की कतरन - 100 ग्राम
  •  लाल गुलाब की पत्तियां - 200 ग्राम..
STEP 1. चार अलग-अलग बाउल में दो बड़े चम्मच नारियल का बूरा डालें। अब पहले वाले नारियल बूरे में पानी में घुला केसर डालें। दूसरे बाउल में दूध में घुला हुअा केसर मिलाएं। तीसरे बाउल में गुलाब की पत्तियों का रस डालें।

 STEP 2. चौथे बाउल के बूरे में पिस्ते की कतरन डालकर अच्छी तरह मिला लें। इस तरह नारियल का बूरा रंगीन हो जाएगा। अब रसगुल्ले को रंगीन नारियल बूरे से कवर करके सर्व करें।
Source- food.bhaskar

मंगलवार, 19 जुलाई 2016

हिन्दी जोक्स | Hindi Jokes



Men will be Men

किसी आदमी की लंबी तपस्या के बाद अप्सरा प्रगट हुई।

उसने कहा की मैं तुम्हारी तीन इच्छाएं पूरी कर सकती हूं।

एक मैं जानती हुं बाकी की दो बताओ।
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बचपन मे डराया जाता था की

मेंढक को पत्थर मरोगे तो गूंगी पत्नी मिलेगी..

कितना डरते थे तब…

अब लगता है काश मार ही दिया होता..
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डॉक्टर : कल रात को क्या खाया था??

लड़का : बर्गर, पिज़्ज़ा और कोक..

डॉक्टर : देखो यह फ़ेसबुक नही है सच बताओ..

लड़का : जी लौकी..
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पति पत्नी जोक्स


एक शादीशुदा जोड़ा बाग में टहल रहा था

अचानक एक बड़ा सा कुत्ता उनकी तरफ झपटा,

दोनों को ही लगा कि ये उन्हें काट लेगा। बचने का कोई रास्ता न देख पति ने तुरंत ‘अपनी पत्नी को’ गोद में ऊपर तक उठा लिया
ताकि …..कुत्ता काटे तो उसे काटे उसकी पत्नी को नही।

कुत्ता बिलकुल नज़दीक आकर रुका, कुछ देर तो भौंका और फिर पीछे की तरफ भाग गया।

पति ने चैन की सांस ली और इस उम्मीद में पत्नी को गोद से उतारा कि पत्नी उसे गले लगाएगी

तभी उसकी तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते हुए….

उसकी बीवी चिल्लाई…”मैंने आज तक लोगों को कुत्ते को भगाने के लिए पत्थर या डंडा फेंकते तो देखा था
पर ऐसा आदमी पहली बार देख रही हूँ जो कुत्ते को भगाने के लिए ….अपनी बीवी को फेंकने के लिये तैयार था।”

“शिक्षा” :-
शादी शुदा लोगो को अपनी बीवियों से कभी तारीफ की उम्मीद नहीं करनी चाहिए |

शुक्रवार, 15 जुलाई 2016

पपीते और एलो वेरा जैल से पाएं साफ और गोरी त्‍वचा

चेहरे को अगर साफ, दमकता और खूबसूरत बनाना हो तो घर में उपलब्‍ध चीजों का ही प्रयोग करना चाहिये। कहते हैं कि पपीते के चेहरे पर लगाने से चेहरे में चमक आती है और अगर बात करें एलो वेरा जैल की तो, उससे स्‍किन की काफी सारी बीमारियां दूर होती हैं। 



आज हम आपको पपीते और एलो वेरा जैल से तैया फेस पैक बनाना सिखाएंगे, जो आपके ऑइली स्‍किन के लिये बहुत अच्‍छा होता है।
 सामग्री-

  •  ½ पपीता 
  • 1 चम्‍मच एलोवेरा का ताजा 

जेल बनाने की विधि - 
एलोवेरा जैल और पके पपीते के थोड़े से टुकड़ों को मिक्‍सर में डाल कर ब्‍लेड कर दें। फिर इस पेस्‍ट को चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट के लिये छोड़ दें। पेस्‍ट सूख जाने के बाद हल्‍के गरम पानी तथा साबुन से धो लें।


Tips for Glowing Skin | ग्लोइंग स्किन टिप्स


Source -  hindi.boldsky

गुरुवार, 14 जुलाई 2016

देवशयनी एकादशी | Devshayani Ekadashi

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु का शयनकाल प्रारम्भ हो जाता है इसीलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। देवशयनी एकादशी के चार माह के बाद भगवान् विष्णु प्रबोधिनी एकादशी के दिन जागतें हैं।

जानिए क्यों वर्जित हैं देवशयन में मांगलिक कार्य ..
जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर बलि से तीन पग भूमि मांगी। दो पग में पृथ्वी और स्वर्ग को नापा और जब तीसरा पग रखने लगे तब बलि ने अपना सिर आगे कर दिया। तब भगवान ने बलि को पाताल भेज दिया तथा उसकी दानभक्ति को देखते हुए आशीर्वाद मांगने को कहा। बलि ने कहा कि प्रभु आप सभी देवी-देवताओं के साथ मेरे लोक पाताल में निवास करें। इस कारण भगवान विष्णु को सभी देवी-देवताओं के साथ पाताल जाना पड़ा। यह दिन था विष्णुशयनी (देवशयनी) एकादशी का। इस दिन से सभी मांगलिक कार्यों के दाता भगवान विष्णु का पृथ्वी से लोप होना माना जाता है। यही कारण है कि इन चार महीनों में हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित है।

सत्य का मार्ग

देवशयनी एकादशी कथा :-
युधिष्ठिर ने पूछा : भगवन् ! आषाढ़ के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? उसका नाम और विधि क्या है? यह बतलाने की कृपा करें ।
भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी का नाम ‘शयनी’ है। मैं उसका वर्णन करता हूँ । वह महान पुण्यमयी, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करनेवाली, सब पापों को हरनेवाली तथा उत्तम व्रत है । आषाढ़ शुक्लपक्ष में ‘शयनी एकादशी’ के दिन जिन्होंने कमल पुष्प से कमललोचन भगवान विष्णु का पूजन तथा एकादशी का उत्तम व्रत किया है, उन्होंने तीनों लोकों और तीनों सनातन देवताओं का पूजन कर लिया । ‘हरिशयनी एकादशी’ के दिन मेरा एक स्वरुप राजा बलि के यहाँ रहता है और दूसरा क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर तब तक शयन करता है, जब तक आगामी कार्तिक की एकादशी नहीं आ जाती, अत: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक मनुष्य को भलीभाँति धर्म का आचरण करना चाहिए । जो मनुष्य इस व्रत का अनुष्ठान करता है, वह परम गति को प्राप्त होता है, इस कारण यत्नपूर्वक इस एकादशी का व्रत करना चाहिए । एकादशी की रात में जागरण करके शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाले भगवान विष्णु की भक्तिपूर्वक पूजा करनी चाहिए । ऐसा करनेवाले पुरुष के पुण्य की गणना करने में चतुर्मुख ब्रह्माजी भी असमर्थ हैं ।
राजन् ! जो इस प्रकार भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले सर्वपापहारी एकादशी के उत्तम व्रत का पालन करता है, वह जाति का चाण्डाल होने पर भी संसार में सदा मेरा प्रिय रहनेवाला है । जो मनुष्य दीपदान, पलाश के पत्ते पर भोजन और व्रत करते हुए चौमासा व्यतीत करते हैं, वे मेरे प्रिय हैं । चौमासे में भगवान विष्णु सोये रहते हैं, इसलिए मनुष्य को भूमि पर शयन करना चाहिए । सावन में साग, भादों में दही, क्वार में दूध और कार्तिक में दाल का त्याग कर देना चाहिए । जो चौमसे में ब्रह्मचर्य का पालन करता है, वह परम गति को प्राप्त होता है । राजन् ! एकादशी के व्रत से ही मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है, अत: सदा इसका व्रत करना चाहिए । कभी भूलना नहीं चाहिए । ‘शयनी’ और ‘बोधिनी’ के बीच में जो कृष्णपक्ष की एकादशीयाँ होती हैं, गृहस्थ के लिए वे ही व्रत रखने योग्य हैं – अन्य मासों की कृष्णपक्षीय एकादशी गृहस्थ के रखने योग्य नहीं होती । शुक्लपक्ष की सभी एकादशी करनी चाहिए ।

सोमवार, 11 जुलाई 2016

भूलकर भी न रखें ये चीजें , फ्रिज में



कॉफी-
कॉफी को भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। फ्रिज में रखने से ये उसमें रखी दूसरी चीजों का महक सोख लेता है और जल्दी खराब हो जाता है।

शहद-
शहद को कभी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। शहद तो पहले से ही प्रिजर्व रहता है। इसे आप सामान्य तौर पर ही जार में बंद करके रख देंगे तो वो भी वो सालो-साल चलेगा। फ्रिज में रखने से वो क्रिस्टल बन जाता है और उसे जार से निकालना मुश्किल हो जाता है।

अचार-
अचार में विनेगर होता है, इसको फ्रिज में रखने से ये अपने साथ- साथ दूसरी चीजों को भी खराब कर देता है।

केला-
केले को फ्रिज में रखने से ये काला पड़ने लगता है। इससे ईथाइलीन नाम की गैस निकलती है जिससे ये अपने आसपास रखे फलों को भी खराब कर देता है।

टमाटर-
टमाटर फ्रिज में रखने से ये जल्दी गल जाता है और इसका टेस्ट खराब होने लगता है।

आलू-
आलू को फ्रिज में रखने से इसका स्टार्च शुगर में बदलने लगता है। इससे उसके स्वाद पर भी असर पड़ता है।

खट्टे फल-
संतरा, नींबू, मौसमी जैसे फल भी फ्रिज में नहीं रखने चाहिए। अगर आप इसे फ्रिज में रखते हैं तो इसके छिलके काले पड़ जाते हैं और इसका रस सूखने लगता है।

तरबूज और खरबूज-
बिना कटा हुआ तरबूज और खरबूज फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो फ्रिज में रखने से खराब होने लगता है।

प्याज-

प्याज को भी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए क्योंकि फ्रिज की नमी के कारण ये गल कर खराब होने लगता है।

लहसुन-
लहसुन को फ्रिज में रखने से ये जल्दी अंकुरित होने लगता है और ढीला पड़कर खराब हो जाता है।

तेल-
कुछ तेल जैसे नारियल और ऑलिव ऑयल को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। फ्रिज में रखने पर वो गाढ़ा हो जाता है और फ्रिज में से निकालने पर सामान्य तापमान पर आने के लिए इसे काफी समय लगता है।