गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

शाही पनीर पुलाव - Shahi Paneer Pulao Recipe In Hindi

चावल, पुलाव यह सब बच्चों को बहुत पसंद होता है। अगर सुबह सुबह आपको अपने बच्चों के टिफ़िन के लिए कुछ ख़ास बनाना हो तो इस बार शाही पनीर पुलाव बनाइए। इसे बनाने के लिए आपको नीचे दिए गए सारे सामान को अपने किचन में एकत्रित करके रखना है और फिर जैसे जैसे इसे बनाने की विधि बताई गई है उसी तरह इसे बनाइए और फिर अपने परिवार को भी खिलाइए। शाही पनीर पुलाव को आप किसी भी त्यौहार पर या घर की किसी पार्टी के लिए भी बना सकती है। इसका स्वाद इतना लाजवाब होता है कि बच्चे अक्सर इसे बनाने की डिमांड भी करते हैं।



आवश्यक सामग्री । Ingredients

शाही पनीर पुलाव बनाने के लिए आप अपने किचन में निम्न सामान को एकत्रित करके रख लीजिए…
चावल – 300 ग्राम
पनीर – 100 ग्राम
काजू – 25 ग्राम
बादाम – 25 ग्राम
किशमिश – 15 ग्राम
मूंगफली – 25 ग्राम
नारियल – 15 ग्राम
लौंग – 4
काली मिर्च – 8 दाना
बड़ी इलाइची – 1
छोटी इलाइची – 3
तेजपत्ता – 2
जीरा – 1 चम्मच
नमक – स्वादानुसार
घी / रिफाइंड – 100 ग्राम

शाही पनीर पुलाव बनाने का तरीका

– सबसे पहले चावल को बीनकर पानी से 2 से 3 बार धोकर 30 मिनट के लिए पानी में भिगो दीजिए।
– आधे घण्टे बाद भीगे हुए चावल को पानी से निकाल कर अलग रख लें।
– बादाम और काजू को बीच से दो टुकड़ों में काट लीजिए।
– अब पनीर को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लीजिए।
– एक पैन में गरम तेल में पनीर के टुकड़ों को डालकर हल्का फ्राई कर के अलग रख लीजिए।
– अब इसी पैन में काजू, किशमिश, बादाम, मूंगफली और नारियल का बुरादा डालकर 1 मिनट तक फ्राई करके अलग रख लीजिए।
– एक कढ़ाही में गरम रिफाइंड या घी में जीरा और तेजपत्ता डालें।
– फिर लौंग, बड़ी इलाइची, छोटी इलाइची, काली मिर्च डालकर हल्का भून लीजिए।
– फिर भिगोया हुआ चावल डालकर 5 मिनट तक भून लीजिए।
– जब चावल अच्छी तरह से भून जाए, तब उसमें 1 गिलास पानी और आवश्यकतानुसार नमक डाल दीजिए।
– अब तेज आंच पर एक उबाल आने दीजिए।
– एक उबाल आने के बाद इसे कलछी से चलाए और धीमी धीमी आँच पर लगभग 3 से 5 मिनट तक पकने दीजिए।
– जब चावल पक जाए तब ऊपर से फ्राई किए हुए पनीर, काजू, बादाम, किशमिश और नारियल डालकर कलछी से चलाकर मिक्स कर लीजिए।
– अब एक बॉउल में शाही पनीर पुलाव को परोस लीजिए।
– गरमागरम शाही पनीर पुलाव को रायता, ग्रेवी वाली सब्ज़ी और पापड़ के साथ सर्व करें।

बुधवार, 21 दिसंबर 2016

बेसन से बने ट्रेडिशनल गाठिये


गाठिया 
ट्रेडिशनल गाठिये बनाकर मेहमानों को सर्व कीजिए। इसे बनाकर कुछ दिनों तक रखा भी जा ...
सकता है।

सामग्री : Serving(s)

  • तेल - जितनी जरूरत हो
  • खाने का सोडा - 1 चुटकी
  • नमक - स्वादानुसार
  • कसूरी मैथी, अजवाइन और जीरा - अंदाज से
  • बेसन - ½ किलो
कैसे बनाएं
STEP 1.बेसन में खाने का सोडा और नमक मिला लें। अब इसमें मोयन के लिए तेल मिलाएं। इसे आधे घंटे के लिए एक तरफ रख दें।
STEP 2.अबएक पैन में तेल गर्म करें।गाठिया मेकर से गाठिये बनाकर गर्म तेल में तल लें। इसे गोल्डन होने तक फ्राय कर लें। टिशू पेपर पर निकालें और ठंडा होने पर सर्व करें।

Source-foodbhaskar

रविवार, 18 दिसंबर 2016

प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा सामाजिक कल्याण के लिए, समय समय पर बहुत सी योजनाओं को लाया गया है. ये जाहिर बात है कि देश के विकास के लिए गरीबों की संख्या में कमी लाना बहुत जरुरी है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की गई है. नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने सत्ता में आने से पहले देश की जनता से बहुत से वादे किये थे, मुख्य रूप से उन्होंने देश की गरीबी और भ्रष्टाचार को देश से दूर करने की बात कही थी. गरीबों के घर-घर जाकर उन्होंने वोट मांगे थे, तभी उनके वोट बैंक में इतनी बढ़ोतरी हुई थी. सत्ता में आने के बाद मोदी जी अपनी बातों से मुकरे नहीं है, उन्होंने अपनी बात को सही साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. बीजेपी सरकार द्वारा शुरू की गई लगभग सभी योजनायें अभी प्रारंभिक चरण में है, कोई भी पूरी नहीं हुई है. इसके चलते उनके कार्य में ऊँगली उठाना, गलत होगा.
‘प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना’ देश के उस वर्ग के लिए है जिनकी आय कम है. इस योजना की शुरुवात स्वयं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने की है. इसके तहत देश के निचले वर्ग परिवारों की मदद की जाएगी, जिससे देश से गरीबी को ख़त्म किया जा सके. गरीबों के लिए शुरू हुई बहुत सी योजनायें अभी शुरवाती दौर में है, जिनके आने की जल्द उम्मीद की जा रही है. इस सब बातों से पता चलता है कि देश के प्रधानमंत्री और भारत सरकार हमारे देश के लोगों के लिए मजबूती से काम कर रही है.  प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुवात 2015 में गरीबी कम करने के लिए हुई है.

प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना 

यह योजना के शुरुवाती चरण में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था. इस योजना में वे ही लोग हिस्सा ले सकते थे, जिन्होंने इसके लिए पेय किया था. यह वर्कशॉप 19 अप्रैल, 2015 को रामबाबू म्हालगी प्रबोधिनी के तत्वाधान में हुई थी. इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य यही था कि सरकार द्वारा पहले शुरू हुए गरीबों के कल्याण के कार्यक्रम पुनः नए ढंग से लोगों के सामने प्रस्तुत किया जा सके. इस कैम्पेन के अंतर्गत उच्च मंत्रालय को कार्य दिया गया कि वे गरीबी उन्मूलन के लिए एक रोड मैप बनाये और अपनी योजना को संसद के सदस्यों (MP) के सामने रखें, जिससे कल्याण कार्य की शुरुवात जमीनी स्तर से हो सके.
वर्कशॉप में यही बात पर चर्चा हुई थी कि कैसे इस योजना को मजबूत ढंग से संसद में रखा जाये, जिससे सबका समर्थन मिलने के बाद सरकार गरीबों के लिए जल्द से जल्द इस योजना को शुरू कर सके.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के फायदे
केन्द्रीय सरकार ने इस योजना की शुरुवात इसलिए की है ताकि गरीबों को फायदा मिल सके, केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए विभिन्न सुविधाओं की स्थापना की है.
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) समाज और राष्ट्र से गरीबी खत्म करने के लिए कार्य करेगी.
  • इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार केंद्र के विभन्न स्तर पर वर्कशॉप का आयोजन करेगी, जिसमें गरीबी ख़त्म करने के प्राथमिक कारणों के विषय में लोगों से चर्चा की जाएगी.
  • इस योजना का मुख्य लक्ष्य ये है कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के स्तिथि में एक बड़ा सुधार लाया जाये.
  • इस योजना के तहत 1.5 लाख लोगों को योजना का लाभ दिया जायेगा.
  • इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे आने वालों को अनाज और अन्य जरूरत का समान बहुत कम रुपय में उपलब्ध होगा. कम पैसे में ये लोग अच्छी तरह से जीवन निर्वाह कर सकते है.
दस्तावेज़ और इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको इसकी पात्रता पर ध्यान देना होगा, जिसके बाद आपको कुछ जरुरी दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी.
  • भारत का हर नागरिक इस योजना का लाभ लेने के पात्र है. हर कोई इसकी वर्कशॉप का हिस्सा बन सकता है.
  • उम्मीदवार को इसके लिए आधार कार्ड, आइडेंटिटी कार्ड और स्थानीय निवास सर्टिफिकेट की आवश्कता होगी.
  • इस योजना का लाभ उठाने के लिए ग्राम स्तर पर उम्मीदवारों को निकटतम ग्राम पंचायत में संपर्क करना होगा.
  • शहरी स्तर पर उम्मीदवार को पंजीकृत करने के लिए नगर पालिका में संपर्क करना होगा.
  • दस्तावेज की अधिक जानकारी के लिए सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट में जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते है.
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुवात 2015 में वर्कशॉप से हुई थी. इस योजना के समर्थन में बीजेपी के समस्त बड़े नेता खड़े है. वर्कशॉप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के अलावा लाल कृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज और अमित शाह जैसे बड़े दिग्गज नेता भी शामिल थे.
नरेन्द्र मोदी जी के शब्दों में कहा जाये तो प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना देश की गरीबी की खिलाफ सीधे लड़ाई है. मोदी जी ने ये भी कहा है कि इस योजना के तहत वे गुजरात राज्य के 22 जिलों में गरीब कल्याण मेला का आयोजन करवाएंगे. मेला का आयोजन करने से लगभग 1.5 लाख लोगों को फायदा होगा. इस योजना ने गरीबों को अत्याधिक फायदा है, या यूँ कहें गरीबी रेखा से नीचे आने वालों के लिए तो बहुत फायदेमंद है. देश में अगर गरीबी रहती है तो वो देश कभी विकसित देश नहीं बन सकता है. भारत देश विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है, ऐसे में गरीबी जैसी सभी रुकावटों की रोकथाम जरुरी है.
1. योजना का नाम प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना
2. किसके द्वारा संचालित केन्द्रीय सरकार द्वारा
3. किसके द्वारा शुरू प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
4. योजना की शुरुवात 2015
5. विशेषताएं
  • गरीबी रेखा से नीचे आने वालों और कम आय वालों को इस योजना का फायदा देना
  • योजना ने पहले एक वर्कशॉप आयोजित की गई.
  • सभी सांसदों को इस योजना में शामिल करना ताकि आर्थिक रूप से कमजोर अर्थव्यवस्था वर्ग के लोगों की मदद हो सके.
यह योजना अभी शुरवाती स्तर पर है, अभी ये चालू नहीं हुई है. सभी सांसदों के समर्थन के बाद ये योजना आगे बढ़ेगी और फिर आधिकारिक रूप से चालू हो सकेगी.


Source - deepawali

शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016

भारतीय संविधान के दायरे से बाहर कश्मीर को कोई छूट नहीं: सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के एक फैसले को खारिज करते हुए अपने एक आदेश में कहा है कि भारतीय संविधान के दायरे से बाहर जम्मू कश्मीर को कोई भी शक्तियां नहीं दी जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया गया जिसमें कश्मीर को संप्रभु राज्य बताया गया था।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस कुरियन जोसेफ और रोहिंटन नरीमन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने ये फैसला दिया। 

याचिका पर सुनवाई के बाद दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार ही जम्मू कश्मीर को कोई छूट दी गई है। जम्मू कश्मीर के लोग पहले भारत के नागरिक हैं इसलिए ये कहना गलत होगा कि कश्मीर के नागरिक शेष देश के राज्यों के नागरिकों से अलग हैं ।

सोमवार, 12 दिसंबर 2016

गुड़ खाने के हैं इतने फायदे, जानकर रह जाएंगे हैरान

भारत में ज्यादातर लोग भोजन के बाद गुड़ लेना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वाद के साथ-साथ इसमें सेहत के कई राज छुपे हैं। जी हां, गुड़ आपकी पेट से संबंधित बीमारियों को दूर करता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत बनता है और त्वचा में भी निखार आता। आइए जानते हैं कि और किस-किस तरह से गुड़ आपके लिए लाभकारी है।


जोड़ो में ना होने दे दर्द-
सर्दियां आते ही लोगों को जोड़ो के दर्द की शिकायत होने लगती है। गुड़ आपको इस दर्द से राहत दिलाता है। आप गुड़ को अदरक के साथ खा सकते हैं या चाहे तो एक ग्लास दूध के साथ भी आप इसे ले सकते हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाता है।

त्वचा के लिए-
गुड़ खाने से त्वचा संबंधी रोगों से निजात मिलती है। साथ ही मुंहासों की शिकायत भी नहीं रहती और त्वचा में निखार आता है। 

आसानी से पचाता है खाना-
गुड़ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इसे खाने से पेट में गैस नहीं बनती और ना ही कब्ज की शिकायत रहती है।

गले की खराश करे दूर-
गुड़ को अदरक के साथ गर्म करके खाने से गले की खराश दूर होती है।

लिवर के लिए-
ये हमारे खून से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालता है और शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर बनाता है। इससे हमारा लिवर स्वास्थ बना रहता है।

आयरन का स्त्रोत-
गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। एनिमिया से ग्रस्त लोगों के लिए ये बहुत फायदेमंद रहता है।

मिटाए थकान-
जब भी आप थकान महसूस करें तो गुड़ खा लें। ये हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

दमा मरीजों के लिए-
गुड़ में एंटी एलर्जिक गुण पाए जाते हैं। इस वजह से ये अस्थमा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। आप गुड़ और तिल के लड्डू बनाकर खा सकते हैं। साथ ही ये शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है।

पीरिड्स के दर्द से राहत-
पीरिड्स के दौरान अक्सर महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। गुड़ का सेवन आपको इस चिड़-चिड़ेपन से दूर रखता है और दर्द से भी राहत दिलाता है।

कान का दर्द मिटाए-
गुड़ को घी के साथ गर्म करके खाएं इससे कान का दर्द छूमंतर हो जाएगा।

ब्लड प्रेशर करे नियंत्रित-
गुड़ में सोडियम और पोटेशियम पाए जाते हैं। ये शरीर में एसिड की मात्रा को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं जिस वजह से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है।

सर्दी-जुकाम-
गुड़ में एंटी-ऑक्सीडेंट और मिनरल्स पाए जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। इसके सेवन से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से राहत मिलती है।

Source - amarujala



गुरुवार, 8 दिसंबर 2016

घर बंद कर के बाहर जाएं तो बंद न करें फ्रिज



कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे हैं। ऐसे में आमतौर पर लोग इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि उनकी गैर मौजूदगी में इलेक्ट्रिसिटी ज्यादा कंज्यूम न हो पाए। इसलिए वे सारे इलेक्ट्रिक अप्लायंस और लाइट्स ऑफ करके जाते हैं। लेकिन रेफ्रिजरेटर जैसे अप्लायंस बंद करना ठीक नहीं।










Sourse - dainikbhaskar

बुधवार, 7 दिसंबर 2016

शरीर के इन अंगों पर मौजूद त‌िल होता है बेहद शुभ, लाभदायक

हर व्यक्त‌ि के शरीर पर कहीं न कहीं त‌िल का न‌िशान मौजूद होता है। हस्तरेखा व‌िज्ञान में कुछ त‌िल के न‌िशान को कष्टकारी और अशुभ माना गया है जबक‌ि कुछ त‌िल बड़े ही शुभ होते हैं। अगर आपके उन खास अंगों पर त‌िल मौजूद हैं तो आपको न स‌िर्फ जीवन में धन दौलत म‌िलेगा बल्क‌ि आप मान-सम्मान और सुखमय जीवन का आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

समुद्रशास्‍त्र के अनुसार आपकी नाभ‌ि के पास त‌िल है तो यह आपके ल‌िए बहुत ही शुभ फलदायी है। ऐसे त‌िल का होना आपके ल‌िए सुख समृद्ध‌ि का सूचक है।


पैर के अंगूठे पर त‌िल का होना बताता है क‌ि आप संपन्न होंगे और सामज‌िक क्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्त‌ि होगी।


कान के ऊपर त‌िल होने पर व्यक्त‌ि ज्ञानी और बुद्ध‌िमान होता है। यह अपने ज्ञान एंव बुद्ध‌ि से खूब धन अर्ज‌ित करते हैं।

ज‌िनके पीठ पर त‌िल होता है वह बहुत ही महत्वाकांक्षी और भौत‌िकवादी होते हैं। ऐसे लोग धन बचाकर रखने की बजाय जमकर कमाने और द‌िल खोलकर खर्च करने में यकीन करते हैं। इनका जीवन व‌िलास‌ितापूर्ण होता है।

कनपटी पर त‌िल होने पर व्यक्त‌ि की शादी जल्दी होती है। पत्नी सुंदर म‌िलती है और धन भी अच्छा होता है। यानी कुल म‌िलाकर ऐसे व्यक्त‌ि भाग्यशाली होते हैं।


नाक के दायीं ओर त‌िल होने पर व्यक्त‌ि भाग्यशाली होता है ऐसे व्यक्त‌ि कम प्रयत्नों से ही बड़ी सफलता प्राप्त कर लेते हैं।


हथेली में उंगल‌ियों के बीच में त‌िल होना व्यक्त‌ि के भाग्यशाली होने का सूचक है।

मध्यमा उंगली पर त‌िल होने पर व्यक्त‌ि व‌िद्वान, धनवान और सम्मान‌ित होता है।




Sourde - amarujala




सोमवार, 5 दिसंबर 2016

जयललिता





जन्म: 24 फरवरी 1948, मैसूर, भारत

मृत्यु: 5 दिसम्बर 2016

कार्य क्षेत्र: पूर्व अभिनेत्री, राजनेता


जयललिता जयराम ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव तथा तमिलनाडु राज्य की मुख्यमंत्री हैं। वे उन कुछ ख़ास भूतपूर्व प्रतिष्ठित सुपरस्टार्स में से हैं जिन्होंने न सिर्फ सिनेमा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा अर्जित किया बल्कि तमिलनाडु की राजनीति में भी महत्वपूर्ण रहे हैं। राजनीति में प्रवेश से पहले वे एक लोकप्रिय अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ फिल्मों के साथ-साथ एक हिंदी और एक अंग्रेजी फिल्म में भी काम किया है।

सन 1989 में तमिल नाडु विधानसभा में विपक्ष की नेता बनने वाली वे प्रथम महिला थीं। वर्तमान समय में तमिलनाडु की मौजूदा राजनीती में जयललिता का ठोस नियंत्रण है। सन 1991 में वे पहली बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। सन 2011 में जनता ने तीसरी बार जयललिता को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री चुना। उन्होंने राज्य में कई कल्याणकारी परियोजनाए शुरू की। अपने शुरूआती कार्यकाल में जयललिता ने जल संग्रहण परियोजना और औद्योगिक क्षेत्र के विकास की योजनाओं जैसे विकास के कार्य किए।

अपने फ़िल्मी कैरियर में उन्होंने सन 1965 से सन 1972 के दौर में ज्यादातर फिल्में एम.जी. रामचंद्रन के साथ की और सन 1982 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भी एम॰जी॰ रामचंद्रन के साथ की। सन 1984 में उन्हें तमिलनाडु से राज्यसभा का सदस्य बनाया गया। सन 1987 में रामचंद्रन के निधन के बाद जयललिता ने खुद को एम.जी. रामचंद्रन का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

अपने राजनैतिक जीवन में जयललिता भ्रष्टाचार के मामलों में विवादों में भी रहीं। भ्रष्टाचार के मामलों में उन्हें कोर्ट से सजा भी हो चुकी है।



प्रारंभिक जीवन

कोमलवल्ली, जिन्हें हम जयललिता के नाम से भी जानते है, का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर में वेदावल्ली और जयराम के घर हुआ था। उनके परिवार का सम्बन्ध मैसूर के राजसी खानदान से रहा है। उनके दादाजी मैसूर दरबार में शाही चिकित्सक थे और उन्होंने अपने परिवारजनो के नाम के प्रारंभ में ‘जय’ शब्द लगाना प्रचलित किया ताकि लोगों को यह ज्ञात हो कि उनका सामाजिक सम्बन्ध मैसूर के राजा जयचमारराजेंद्र वोडेयार से है। जयललिता जब मात्र दो वर्ष की थीं तब उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद वे अपनी माता और नाना-नानी के साथ रहने बंगलुरु आ गयीं। बंगलुरु में जयललिता ने कुछ साल तक बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल में पढाई की और फिर उनकी माता जी फिल्मो में नसीब आजमाने चेन्नई चली गयीं। चेन्नई आने के बाद उन्होंने चर्च पार्क प्रेजेंटेशन कान्वेंट और स्टेला मारिस कोलेज के शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही जयललिता तेजस्वी विद्यार्थी थी और वे कानून की पढाई करना चाहती थी लेकिन नसीब में कुछ और ही लिखा था। परिवार की आर्थिक परेशानियों के कारण उनकी माताजी ने उन्हें फिल्मो में काम करने का सुझाव दिया। महज 15 साल की आयु में जयललिता ने अपने आप को प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित कर लिया।



फ़िल्मी कैरियर

जयललिता ने अपने अभिनय की शुरुआत शंकर वी गिरी की अंग्रेजी फिल्म “अपिस्टल” से की थी पर इस फिल्म से उन्हें कोई पहचान नहीं मिली। सन 1964 में जयललिता की पहली कन्नड़ फिल्म ‘चिन्नाडा गोम्बे’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म की विवेचको ने काफी सराहना की और जनता ने भी इसे बेहद पसंद किया। एक साल के बाद उन्होंने तमिल फिल्म ‘वेंनिरा अडाई’ में काम किया और उसके तुरंत बाद उन्होंने तेलुगु सिनेमा में भी प्रवेश किया। अगले कुछ सालों में तमिल फिल्मो में अपने प्रभावशाली अभिनय के कारण वे एक प्रतिष्ठित कलाकार बन गयीं। सिनेमा के परदे पर एम.जी. रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी काफी सफल रही और दर्शको ने भी इस जोड़ी को बेहद पसंद किया। उनके फ़िल्मी सफ़र के आखिरी वर्षो में उन्होंने जयशंकर, रविचंद्रन और शिवाजी गणेशन जैसे नामी अभिनेताओ के साथ भी काम किया। सन 1968 में उन्होंने हिंदी फिल्म ‘इज्ज़त’ में काम किया जिसमें धर्मेन्द्र मुख्य अभिनेता थे। 1980 के दशक में उनका फ़िल्मी करिअर थोड़ा धीमा हो गया। उनकी आखिरी फिल्म थी ‘नाधियाई ठेडी वन्धा कदल’ जिसके बाद उन्होंने राजनीति से जुड़ने का फैसला किया।

राजनैतिक जीवन

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (ए.आई.ए.डी.एम.के.) के संस्थापक एम्. जी. रामचंद्रन ने उन्हें प्रचार सचिव नियुक्त किया और चार वर्ष बाद सन 1984 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया। कुछ ही समय में वे ए.आई.ए.डी.एम.के. की एक सक्रिय सदस्य बन गयीं। उन्हें एम.जी.आर. का राजनैतिक साथी माना जाने लगा और प्रसार माध्यमो में भी उन्हें ए.आई.ए.डी.एम.के. के उत्तराधिकारी के रूप में दिखाया गया। जब एम.जी. रामचंद्रन मुख्यमंत्री बने तो जयललिता को पार्टी के महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी। उनकी मृत्यु के बाद कुछ सदस्यों ने जानकी रामचंद्रन को ए.आई.ए.डी.एम.के. का उत्तराधिकारी बनाना चाहा और इस कारण से ए.आई.ए.डी.एम.के. दो हिस्सों में बट गया। एक गुट जयललिता को समर्थन दे रहा था और दूसरा गुट जानकी रामचंद्रन को। सन 1988 में पार्टी को भारतीय संविधान की धारा 356 के तहत निष्काषित कर दिया गया। सन 1989 में ए.आई.ए.डी.एम.के. फिर से संगठित हो गया और जयललिता को पार्टी का प्रमुख बनाया गया। उसके पश्चात भ्रष्टाचार के कई आरोपों और विवादों के बावजूद जयललिता ने 1991, 2002 और 2011 में विधानसभा चुनाव जीते।

राजनैतिक जीवन के दौरान जयललिता पर सरकारी पूंजी के गबन, गैर कानूनी ढंग से भूमि अधिग्रहण और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। उन्हें ‘आय से अधिक संपत्ति’ के एक मामले में 27 सितम्बर 2014 को सजा भी हुई और मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा पर कर्णाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई 2015 को बरी कर दिया जिसके बाद वे पुनः तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गयीं।



पुरुस्कार 

फिल्म ‘पत्तिकादा पत्तानमा’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ तामिल अभिनेत्री का पुरस्कार
फिल्म ‘श्री कृष्णा सत्या’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ तेलुगु अभिनेत्री का पुरस्कार
फिल्म ‘सुर्यकंथी’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ तामिल अभिनेत्री का पुरस्कार
तमिल नाडू सरकार की ओर से कलैममानी पुरस्कार
मद्रास विश्व विद्यालय की तरफ से साहित्य में मानद डॉक्टरेट की उपाधि
डॉ एमजीआर मेडिकल विश्व विद्यालय, तमिल नाडू ने विज्ञान में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की
तमिल नाडू कृषि विश्व विद्यालय ने विज्ञान में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की
भार्थिदासन विश्व विद्यालय ने साहित्य में डॉक्टर की उपाधि दी
डॉ आंबेडकर कानून विश्व विद्यालय ने कानून में मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

6 महीनों तक लगातार सोती है ये लड़की

रामायण में कुंभकरण की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होंगी। लेकिन असल जिंदगी में भी एक लड़की कुंभकरण की नींद सोती है। इसकी नींद इतनी लंबी होती है कि एक बार सोने के बाद सीधे 6 महीने बाद ही खुलती है।

22 साल की Beth Goodier सारा समय सोती रहती है। इस दौरान उसे चाहे जितना भी उठाने की कोशिश कि जाए वह नहीं उठती। बेथ की मां बस हर दिन ये ही आस लगाये रहती हैं कि शायद आज उनकी बेटी उठ जाये।

दरअसल,  बेथ एक ऐसी बीमारी से पीड़ित है, जिसकी वजह से वह अपना सारा समय सिर्फ सोने में ही लगाती है। Kleine-Levin Syndrome नाम की ये बीमारी 100 युवाओं में एक को होती है। इस बीमारी के शिकार लोग पूरे दिन या महीनों तक सोते ही रह जाते हैं।

बेथ को ये बीमारी 17 साल की उम्र में हुई थी तब से वह 75 प्रतिशत समय सोती रही है। जब उसे थोड़ा बहुत होश आता है तो वह उस समय खाने-पीने और बाथरूम जाने जैसे जरूरी काम कर पाती है। वह ज्यादा से ज्यादा 2 हफ्तों के लिए ही उठ पाती है।

इस बीमारी की वजह से वह अपनी पढ़ाई तक पूरी नहीं कर पाई और ना ही वह अपने किसी दोस्त से मुलाकात कर पाती है। लेकिन बेथ का ब्वॉयफ्रेंड Dan रोजाना उससे मिलने आता है, जबकि वह जानता है कि वह उसकी बात नहीं सुन रही होगी। 

ये एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में डॉक्टर अब तक रिसर्च कर रहे हैं और इसके होने की असली वजह क्या है ये अब तक कोई नहीं समझ पाया है।

Sourse - amarujala