मंगलवार, 15 नवंबर 2016

भगवान शिव के इस मंदिर में चढ़ाई जाती है झाड़ू

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सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है। और इसलिए भक्तगण अलग-अलग तरीकों से भगवान शिव को प्रसन्न करने का ओरयास करते हैं। जहाँ एक ओर भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा चढ़ता है, वहीं यूपी के मुरादाबाद जिले में भगवान शिव का ऐसा मंदिर है, जहाँ भोले भंडारी को झाड़ू चढ़ाई जाती है। जी हाँ, है तो यह चौंकानेवाली बात, पर ये सच है।
मुरादाबाद जिले में एक गांव है बीहजोई, वहीं पर है भगवान शिव का ये नायाब मंदिर, जहाँ  भगवान शिव का प्राचीन शिवपातालेश्वर मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भक्त सोना-चांदी नहीं, बल्कि अपने भोलेनाथ को झाड़ू चढाते हैं। भक्तगणों का मानना है कि झाड़ू चढाने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और इससे  त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव का यह मंदिर पूरे इलाके में प्रसिद्ध है।
इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है। और झाड़ू चढाने की प्रथा भी बहुत पुरानी है। शिवजी को झाड़ू चढाने रोज़ाना लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन इसके अलावा यह दर्शन करने के लिए सकदों भक्त आते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव कोई मूर्ति नहीं, बल्कि एक शिवलिंग ही है। 
असल में इस मंदिर में झाड़ू चढाने के पीछे एक कथा प्रचलित है, जिसके अनुसार  इस गांव में भिखारीदास नाम का एक व्यापारी रहता था, जो बहुत धनि था। लेकिन उसे तवचा सम्बन्धी एक बड़ा रोग था। वह इस रोग का इलाज करवाने जा रहा था कि अचानक यसे प्यास लगी। वह भगवान के इस मंदिर में पानी पीने आया और तभी वजह झाड़ू मार रहे महंत से टकरा गया। जिसके बाद बिना इलाज ही उसका रोग दूर हो गया। इससे खुश होकर सेठ ने महंत को अशरफियाँ देनी चाहिए। लेकिन महंत ने इसे लेने से इनकार कर दिया। इसके बदले उसने सेठ से यहाँ मंदिर बनवाने की प्रार्थना की।
इसके बाद इस मंदिर के लिए ये बात कही जाने लगी कि त्वचा सम्बन्धी रोग होने पर यहाँ झाड़ू चढ़ानी चाहिए। जिससे लोगों के रोग दूर हो जाएँगे। और इसलिए श्रद्धालू आज भी यहाँ आकर झाड़ू चढाते हैं।

Source - india


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