मंगलवार, 15 मार्च 2016

300 से ज्यादा दवाइयों के निर्माण व बिक्री पर सरकार ने लगाया बैन

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देश में दवाओं के मामले में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने बिना अनुमति के 300 से ज्यादा दवाइयों के निर्माण और उनकी बिक्री पर रोक लगा दी है। यह जानकारी कल शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
आकलन के आधार पर 
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कल देश में दवाओं के निर्माण और बिक्री को लेकर खास जानकारी दी है। हैल्थ मिनिस्ट्री में जॉइंट सेक्रटरी केएल शर्मा का कहना है स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के संबंध में ठोस कदम उठाए हैं। जिसके तहत देश में बड़ी मात्रा में बन रही बिना अनुमति की दवाओं पर बैन लगा दिया है। वर्तमान में करीब बिना अनुमति के 300 से ज्यादा दवाइयां बन रही हैं। जिससे अब न इन दवाओं की बिक्री हो सकेगी और न इनका निर्माण हो सकेगा। उनका कहना है कि प्रॉडक्ट्स के आकलन के आधार पर ही इन दवाइयों को प्रतिंबंधित किया गया है। इसका प्रतिबंधित दवाओं का नोटिस बहुत जल्‍द ही जारी हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो आज से करीब 2 साल पहले 2014 में फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशंज की दवाईंयां आधे से अधिक थी। इनकी संख्‍या दिन ब दिन काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। 

3 प्रतिशत से ज्यादा

सबसे खास बात तो यह है कि अमेरिकी दवा कंपनी ऐबट लैबरेट्रीज द्वारा निर्मित फेंसेडिल का भारत में कफ सिरप आज दवा बाजार में एक बड़े पैमाने पर कब्‍जा कर चुका है। तीन तिहाई हिस्‍से पर कब्‍जा कर चुकी इस सीरप बेचने वाली कंपनी को भारत से करीब 1 अरब डॉलर की आमदनी होती है। जिसमें अकेले फेंसेडिल का योगदान 3 प्रतिशत से ज्यादा का है। इसके अलावा कॉरेक्स का निर्माण भी अमेरिकी कंपनी फाइजर द्वारा किया जाता है। सबसे खास बात तो यह है कि ये दवा कंपनियां राज्यों के अलग-अलग  कानूनों का फायदा उठाती हैं। हर राज्‍य की दवा बाजारों में हव अपनी पैठ बनाने के लिए हर पल सक्रिय रहती हैं।

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