बुधवार, 30 मार्च 2016

अब ऑनलाइन शॉपिंग में नहीं मिलेगा डिस्काउंट का मजा

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 अब ऑनलाइन शॉपिंग में नहीं मिलेगा डिस्काउंट का मजा



नई दिल्ली। ई कॉमर्स वेबसाइट से सामान ऑर्डर कर भारी डिस्काउंट का मजा लेने वाले लोगों को अब निराशा हो सकती है क्योंकि अब ऑनलाइन सामान खरीदने पर मिलने वाला बड़ा डिस्काउंट अब नहीं मिलेगा। सरकार ने मंगलवार को ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दे दी है। 
इस फैसले से अमेजन और ईबे जैसी विदेशी कंपनियों के अलावा फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट है कि माल रखकर ई-कॉमर्स के जरिये उसकी खुदरा बिक्री के मॉडल में एफडीआई की अनुमति नहीं होगी।
डीआईपीपी के प्रेस नोट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस विक्रेता को भंडारगृह, लॉजिस्टिक्स, ऑर्डर को पूरा करने, कॉल सेंटर, भुगतान लेने और अन्य सेवाओं के रूप में सपोर्ट सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं। हालांकि, इस तरह की इकाइयों का इन्वेंटरी पर स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा। इस तरह के स्वामित्व से कारोबारी मॉडल इन्वेंटरी आधारित मॉडल हो जाएगा।
छूट केवल वस्तुओं या सेवाओं के मालिक द्वारा दी जा सकती है। ओद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के संयुक्त सचिव अतुल चतुर्वेदी ने टिवटर पर लिखा है, ई-वाणिज्य दिशानिर्देश खुदरा बिक्री मंच पर पंजीकत माल रखने वालों यानी बिक्रेताओं को छूट देते हुए कीमत निर्धारण की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश ऐसे बाजारों तथा भौतिक रूप से उपलब्ध दुकानों के बीच संतुलन बनाता है। चतुर्वेदी ने कहा, यह बाजार खराब करने वाली कीमत को समाप्त करेगी और समान अवसर उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि ये नियम एसएमई के लिये फायदेमंद है क्योंकि वे बिना भौतिक रूप से अपनी दुकानें खोले माल बेच सकते हैं और रोजगार सजित कर सकते हैं।

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