बुधवार, 13 जनवरी 2016

किस्सा बचपन का

Advertisements

जब ट्रेन की टक्कर से बाल-बाल बचे थे सचिन और उनके दोस्त

 
 

मुंबई. एक इवेंट में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर ने अपने बचपन का किस्सा याद करते हुए बताया कि कैसे वो पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से बाल-बाल बचे थे। वे यहां मुंबई रेल पुलिस की योजनाओं के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे।
सचिन ने सुनाई आपबीती...
- मैंने मुंबई में 11 से 15 साल की उम्र में क्रिकेट की भारी किट उठाकर लोकल ट्रेन में धक्के खाते हुए खूब सफर किया है।
- एक दिन मैं स्कूल के बाद विले पार्ले में एक दोस्त के घर गया था। हम पांच-छह दोस्तों ने क्रिकेट की प्रैक्टिस की, फिर दोपहर का खाना खाने उसी के घर पहुंचे।
- इसके बाद फिल्म देखी। फिल्म देखने के बाद दोबारा क्रिकेट की प्रैक्टिस करने जाने के लिए हम लेट हो रहे थे। हमें दूसरे प्लेटफार्म पर जाना था। तब हमने रेलवे का नियम तोड़ा और पटरियां पार करने लगे।
- इसी दौरान सभी पटरियों पर आगे-पीछे से लोकल ट्रेनें हमारी ओर आती दिखीं। हम घबरा गए, दिल हलक में आ रहा था।
- तभी अपनी क्रिकेट किट के साथ दोनों तरफ की पटरियों के बीच की जगह पर जैसे-तैसे घुटने टेककर बैठ गए।
- ट्रेनें गुजरने पर हमारी जान में जान आई। उसी दिन जीवन में कभी रेलवे ट्रैक नहीं लांघने की कसम खा ली थी।
- मेरा और कई दोस्तों का जीवन किस तरह संकट में पड़ा था, ये रोंगटे खड़े कर देने वाला अनुभव ताउम्र मुझे याद रहेगा।
नियम न तोड़ने की अपील
मुंबई रेल पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ‘समीप’ (सेफ्टी अलर्ट मैसेज एक्सक्लूसिवली फॉर पैसेंजर्स) और ‘बी सेफ’ योजना शुरू की है। सचिन इसी इवेंट में पहुंचे थे, जहां उन्होंने लोगों से अपील की कि आप कितनी ही जल्दी में हों, रेलवे नियम न तोड़ें।

कोई टिप्पणी नहीं:
Write comments